Live Update : पीएम मोदी ने कहा कि किसान कितनी भी मेहनत कर ले लेकिन फल, सब्जियां, अनाज आदि का सही भंडारण न हो, तो उसका बहुत बड़ा नुकसान होता है। यह नुकसान सिर्फ किसान का नहीं वरन पूरे हिंदुस्तान का होता है। एक अनुमान के अनुसार लगभग एक लाख करोड़ रुपए के फल, सब्जी और अनाज सही भंडारण नहीं होने की वजह से बर्बाद हो जाते है।
पहले इसे लेकर कोई व्यवस्था नहीं थी परन्तु अब हमारी प्राथमिकता भंडारण के नए केन्द्र, कोल्ड स्टोरेज का देश में विशाल नेटवर्क तथा उसके जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर नेटवर्क बनाना है। उन्होंने व्यापारियों, कॉर्पोरेट्स तथा अन्य सभी से इस इंफ्रास्ट्रक्चर को बनाने का आह्वान किया।
पीएम मोदी ने कहा कि इससे देश का, देश के किसान का भला होगा। अब देश का किसान पिछड़ा नहीं रहेगा। विकसित देशों के किसानों को जो सुविधाएं मिलती हैं, वही सुविधाएं देश के किसानों को भी मिलनी चाहिए। हम यही कर रहे है।
भारत का किसान आधुनिक तकनीक के अभाव में, इंफ्रास्ट्रक्चर के अभाव में पिछड़ गया है। गत 6 वर्षों में हमारी सरकार ने किसानों की हर छोटी से छोटी जरूरत का ध्यान रखते हुए कदम उठाए हैं। इसी क्रम में किसानों की उन मांगों को पूरा करने का कदम उठाया है, जिन पर पिछले 25-30 वर्षों से केवल मंथन चल रहा था।
कृषि कानूनों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि ये कानून रातों रात नहीं आएं वरन पिछले 30-35 वर्षों से देश की हर सरकार ने इस पर चर्चा की है, विभिन्न किसान संगठनों, वैज्ञानिकों, कृषि अर्थशास्त्रियों तथा किसानी से जुड़े सभी लोगों से राय लेकर उनकी सलाह पर इन कानूनों को बनाया गया है।
2.10 PM : मोदी ने कहा कि किसानों को उन पार्टियों तथा नेताओं से सवाल पूछना चाहिए जो अपने घोषणा पत्र में तो इस का वादा करते रहे परन्तु कभी कदम नहीं उठाएं। यदि आज देश के सभी पार्टियों के पुराने घोषणा पत्र देखें जाएं, उनके बयान सुने जाएं, उनके पत्र देखे जाएं तो पता लगेगा कि जो कृषि सुधार हमारी पार्टी ने किए है, वो सभी उन्हीं पार्टियों की बताई बातों से अलग नहीं है।
उन्होंने कहा कि विपक्षियों को इस बात की पीड़ा है कि जो काम हमें करना था लेकिन हम नहीं कर पाए, उसे मोदी सरकार ने कैसे किया। इस काम का क्रेडिट मोदी सरकार को कैसे मिल जाए।
उन्होंने कहा कि जब हम इन विपक्षी पार्टियों के नेताओं से पूछते हैं कि इन कानूनों में क्या कमी है? तो उनके पास कोई जवाब नहीं है। वास्तव में इन पार्टियों की जमीन खिसक चुकी है, इसलिए ये किसानों को उनकी जमीन छिनने का भय दिखाकर आंदोलन चला रहे है।
उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन आयोग की किसानों पर आई रिपोर्ट को तत्कालीन सरकार 8 वर्षों तक दबाकर बैठी रही। इनके लिए किसान कुछ थे ही नहीं। जबकि हमारी सरकार किसानों को अन्नदाता मानती है। हमने फाइलों में फेंक दी गई स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को बाहर निकाला तथा उन्हें मानते हुए किसानों के भले के लिए कदम उठाए।
उन्होंने कहा कि किसानों के साथ की गई धोखाधड़ी का सबसे बड़ा उदाहरण है कि कांग्रेस सरकार ने दो वर्ष पहले किसानों को कर्जमाफी का आश्वासन दिया था। लेकिन सरकार बनने के बाद एमपी के किसानों को बहाने बनाकर टाल दिया गया। राजस्थान के लाखों किसान आज तक कर्जमाफी का इंतजार कर रहे हैं। किसानों को इतना बड़ा धोखा देने वाले लोगों को किसानों के हितों की बात करते देख आश्चर्य होता है कि कोई किस हद तक छल-कपट कर सकता है।
2.20 PM : उन्होंने कहा कि हर चुनाव से पहले ये लोग कर्जमाफी की बात करते हैं और कर्जमाफी कितनी होती है, सारे किसान इससे कवर नहीं हो पाते। छोटे किसान जिन्होंने बैंक का कर्जा नहीं लिया, उसके बारे में नहीं सोचते, वरन घोषणाओं में की गई कर्जमाफी के वादों को पूरा नहीं करते। जितने पैसे माफ करने या भेजने की बात ये करते थे, उतने तो कभी पहुंचते ही नहीं थे।
किसानों को कर्जमाफी के नाम पर बैंकों का नोटिस और गिरफ्तारी का वारंट मिलता था। कर्जमाफी केवल नेताओं के नजदीकीयों को मिलता था। उन्होंने कभी किसानों के लिए आंदोलन नहीं किया। ये किसानों को वोट बैंक मानते हैं।
उन्होंने कहा कि दूसरी पार्टियों ने किसानों को दस साल में 50,000 करोड़ रुपए देने का वादा किया जबकि हमारी सरकार ने दस वर्षों में लगभग 7,50,000 रुपए देने का कदम उठाया है, वो भी बिना किसी कमीशन के, बिना परेशानियों के।
आज से 8 से 10 वर्ष पूर्व तक यूरिया की कालाबाजारी होती थी, यूरिया के लिए किसानों को रात में लाइन में लगना पड़ता था, उनकी फसलें खराब हो जाती थी, लेकिन ये लोग नहीं पसीजते थे, क्या ये उन पर जुल्म नहीं था।
2.30 PM : मोदी ने आगे कहा कि जिन लोगों की वजह से ये परिस्थितियां पैदा हुई, वो आज किसानों की खेती को लेकर अचानक ही चिंतित हो गए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने किसानों की इस तकलीफ को दूर करने के लिए सभी संभव कदम उठाएं। कालाबाजारी बंद की, भ्रष्टाचार पर रोक लगाई और सुनिश्चित किया कि यूरिया किसानों के खेतों में ही जाए। पहले यूरिया किसानों के नाम पर उठती थी लेकिन जाती कहीं और थी। आज ऐसा नहीं होता है।
हमने फिर पुराने बंद कर दिए गए कारखानों को शुरु किया। यूपी, बिहार, तेलंगाना सहित देश के कई अन्य राज्यों में आधुनिक फर्टिलाइजर प्लांट शुरु किए जा रहे हैं जिनसे भारत फर्टिलाइजर के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा और देश के युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि पुरानी सरकारों को किसानों की परवाह होती तो सिंचाई परियोजनाओं को लटका कर नहीं रखती वरन उन्हें पूरा करती। आज हमारी सरकार किसानों के लिए इन सिंचाई परियोजनाओं को युद्ध स्तर पर पूरा करने में लगी हुई है। हमारी सरकार किसानों को सोलर पम्प बहुत ही कम कीमत पर देने के लिए देशव्यापी अभियान चला रही है।
2.40 PM : उन्होंने कहा कि हम अन्नदाता को ऊर्जादाता भी बनाने पर काम कर रहे हैं। हम किसान को मधुमक्खी पालन, पशु पालन, मछली पालन के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। इसके नतीजे भी देखने को मिल रहे है। पिछले कुछ समय में देश से शहद का निर्यात लगभग दुगुना हो चुका है। सरकार के प्रयासों के कारण देश में मछली पालन के सभी रिकॉर्ड टूट चुके हैं। हम काम कर रहे हैं कि जल्दी ही देश मछली निर्यात में भी नई ऊंचाईयां हासिल कर लेगा।
उन्होंने कहा कि मैंने ये उदाहरण इसलिए दिए कि देश सरकार की नीयत देख सके। उन्होंने कहा कि हमने जो कृषि सुधार किए, उनमें अविश्वास की बात ही नहीं है। वो किसानों के भले के लिए ही है।
इन कृषि सुधारों पर झूठ बोला जा रहा है, झूठे तथ्य फैलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें MSP हटानी होती तो हम इन्हें लागू ही नहीं करते। हम MSP को लेकर इतनी गंभीर है कि हर बार बुवाई से पहले ही MSP की घोषणा कर दी जाती है ताकि किसानों को पहले ही पता चल जाता है कि उसे क्या मिलने वाला है और वह अपनी स्वविवेक के अनुसार निर्णय ले सकता है।
2.50 PM : इन कानूनों को बने छह माह हो गए लेकिन फिर भी हमारी सरकार ने MSP की घोषणा की। MSP के आधार पर भी मंडियों में खरीदारी हुई। कानून लागू होने के बाद भी MSP की घोषणा हुई, सरकारी खरीद हुई तो क्या इस तथ्य को स्वीकार किया जा सकता है कि MSP बंद हो जाएगी। इसलिए यह सबसे बड़ा झूठ है, यह षड़यंत्र है। अतः किसान भाई इससे बचें।
उन्होंने कहा कि मैं किसानों को भरोसा दिलाता हूं कि MSP न बंद होगी और न ही बदलेगी। ये यूं ही चलती रहेगी। उन्होंने कहा कि मैं किसानों को भरोसा दिलाता हूं कि MSP न बंद होगी और न ही बदलेगी। ये यूं ही चलती रहेगी। उन्होंने MSP पर पिछली सरकार तथा वर्तमान सरकार के आंकड़े सामने रखते हुए उनकी तुलना भी की।
उन्होंने कहा कि अब भी अगर किसी को कोई आशंका है तो हम किसान भाईयों के सामने हाथ जोड़कर उनसे हर मुद्दे पर बात करने को तैयार है। किसानों का हित, उनकी सुविधा हमारे लिए पहली प्राथमिकता है। हम हर उस बिंदु पर उनसे बात करने को तैयार हैं जिन पर वो बात करना चाहते हैं।
2.55 PM : उन्होंने कहा कि 25 दिसंबर को पीएम सम्मान निधि की एक ओर किस्त देश के किसानों के खातों में ट्रांसफर की जाएगी। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि देश का किसान हमारी बात समझ चुका है और देश के विकास के लिए आगे बढ़ चुका है।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज किसानों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री का संबोधन दोपहर दो बजे शुरु होगा तथा मध्यप्रदेश की लगभग 23,000 ग्राम पंचायतों में इसका सीधा प्रसारण किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि पीएम के संबोधन के लिए मध्यप्रदेश में किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम में पीएम मोदी के अलावा राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहेंगे। इस संबोधन के दौरान ही 35 लाख किसानौं के खाते में लगभग 1660 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए जाएंगे। इस वर्ष किसानों को विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं तथा अन्य वजहों से हुए फसलों के नुकसान के लिए यह धनराशि दी जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन ऐसे समय में हो रहा है जब सरकार द्वारा बनाए गए नए कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब, हरियाणा तथा अन्य राज्यों के किसान दिल्ली में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।