केन्द्र सरकार ने किसान कल्याण योजनाओं को लेकर तीन सुधारवादी क़दम उठाये हैं। इनका सम्बन्ध किसान क्रेडिट कार्ड, किसान मानधन योजना और किसानों के लिए बनाये जा रहे विशेष पहचान पत्र यानी यूनिक फार्मर आईडी (UFID) से है।
इन सुधारों को लेकर सरकार की नज़र उन 11 करोड़ 58 लाख किसानों पर है जिन्हें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PMKSN) के तहत सालाना 6,000 रुपये मिल रहे हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC)
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के लाभार्थियों का और विस्तार करने के लिए केन्द्र सरकार ने अब इसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PMKSN) से जोड़ दिया है। इसका मतलब ये हुआ कि अभी तक जो किसान PMKSN के लाभार्थी हैं, वो अब आसानी से किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी हासिल कर सकते हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा पाने वाले किसानों को बैंकों से 3 लाख रुपये तक का कर्ज़ लेने की सहुलियत मिल जाती है। इस कर्ज़ पर उन्हें महज 4 फ़ीसदी ब्याज़ देना पड़ता है। अभी देश के क़रीब 7 करोड़ किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा है। सरकार का इरादा जल्द से जल्द किसान क्रेडिट कार्ड के लाभार्थियों से एक करोड़ और लोगों को जोड़ने का है।
पीएम किसान मानधन योजना
सरकार के सुधारवादी क़दम के अनुसार, अब यदि कोई किसान पीएम किसान सम्मान निधि (PMKSN) का लाभार्थी है तो उसे पीएम किसान मानधन योजना (Pradhanmantri Kisan Mandhan Yojana) का लाभ पाने के लिए कोई अतिरिक्त दस्तावेज़ नहीं देना होगा, क्योंकि उसका पूरा ब्यौरा तो पहले से ही सरकार के पास मौजूद है। अब सरकार ने किसानों को ये सुविधा दी है कि वो पीएम किसान मानधन योजना के लिए अपना अशंदान देने के लिए पीएम किसान सम्मान निधि के तहत मिली रक़म का इस्तेमाल करने का विकल्प भी चुन सकते हैं। इसका मतलब ये हुआ कि किसान मानधन योजना के लिए अंशदान यानी प्रीमियम को 6,000 रुपये की रक़म में से कटवाया जा सकता है।
पीएम किसान मानधन योजना के तहत 60 साल की उम्र के बाद किसान को 3,000 रुपये महीना पेंशन मिलेगी। इस योजना के लिए 18 से 40 साल तक की उम्र वाला किसान प्रीमियम भर सकता है। पेंशन पाने के लिए किसान को उसकी उम्र के अनुपात में 55 रुपये से लेकर 200 रुपये महीना तक का प्रीमियम भरना होगा।
18 साल की उम्र में जुड़ने वाले किसान का मासिक अंशदान 55 रुपये और 40 की उम्र में जुड़ने वाले के लिए ये रक़म 200 रुपये महीना होगी। ये अंशदान कम से कम 20 साल और अधिकतम 40 साल तक करना होगा। इसमें किसान के अशंदान जितनी ही रक़म सरकार की ओर से भी दी जाती है।
किसान पेंशन कोष का संचालन भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) करता है। जनवरी 2021 तक पेंशन योजना से 21 लाख से ज़्यादा किसान जुड़ चुके हैं। ताज़ा सुधारवादी क़दम के पीछे सरकार की मंशा पेंशन के लाभार्थी किसानों की संख्या में भी भारी बढ़ोत्तरी करने का है। इस पेंशन योजना को बीच में छोड़ देने वाले किसानों को उनकी ओर से जमा किये गये प्रीमियम पर बैंक के बचत खाते (सेविंग अकाउंट) जितना ब्याज़ मिलता है। इसके अलावा पॉलिसी होल्डर किसान की मौत हो जाने पर उसकी पत्नी को ज़िन्दगी भर आधी पेंशन यानी 1500 रुपये महीना मिलते रहेंगे।
पहले के मुकाबले बदला क्या?
अभी तक पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए किसान को कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता था। रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड, खेतीहर ज़मीन की ख़सरा-खतौनी की कॉपी, 2 फ़ोटो और बैंक की पासबुक की भी ज़रूरत पड़ती थी। रजिस्ट्रेशन के लिए किसान को कोई भी फीस नहीं पड़ती थी और रजिस्ट्रेशन के बाद उसके लिए किसान पेंशन यूनिक नंबर वाला पेंशन कार्ड बनाया जाता था।
लेकिन अब किसान सम्मान निधि के लाभार्थी को इसमें से कुछ भी नहीं करना पड़ेगा। उसे सिर्फ़ अपने बैंक को लिखित में बताना होगा कि उसकी सम्मान निधि की रक़म से ही पेंशन का प्रीमियम भर दिया जाए।
कैसे पाये किसान पेंशन योजना का लाभ?
2-हेक्टेयर तक की खेतीहर ज़मीन के मालिक ही किसान पेंशन योजना का लाभ ले सकते हैं। नेशनल पेंशन स्कीम, कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) स्कीम, कर्मचारी भविष्य निधि स्कीम (EPFO), प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना और प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मानधन योजना जैसी किसी अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना में शामिल लघु और सीमांत किसान, पेंशन योजना के लिए अयोग्य माने जाएँगे।
किसान कार्ड बनाने की योजना
केन्द्र सरकार किसानों (Farmers) के लिए यूनिक फार्मर आईडी (Unique farmer ID) बनाने की भी तैयारी कर रही है। इस कार्ड को अन्य किसान योजनाओं के अलावा राज्य सरकारों की ओर से बनाये गये भूमि रिकॉर्ड डेटाबेस से भी जोड़ने का इरादा है। सरकार का मानना है कि किसान कार्ड की बदौलत खेती-किसानी से जुड़ी तमाम योजनाओं को किसानों तक पहुँचाने का काम बहुत आसान, तेज़ और पारदर्शी हो जाएगा।