राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 25 फरवरी को विधानसभा में किसानों के लिए कई ख़ास घोषणाएँ कीं। उन्होंने अगले वर्ष अलग से कृषि बजट पेश करने की बात की और कहा कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए उनकी सरकार कर्ज़ माफ़ी जैसे कई कदम उठाए हैं।
केंद्र के तीन विवादित कृषि कानूनों के स्थान पर विधानसभा में तीन विधेयक पारित करके राज्यपाल के पास मंज़ूरी के लिए भेजा है। उम्मीद है कि वो जल्द से जल्द उनकी अनुमति मिल जाएगी।
50 हजार किसानों को बिजली कनेक्शन – सोलर पंप
गहलोत ने कहा कि आगामी वर्षों में 50 हजार किसानों को बिजली के कनेक्शन दिए जाएंगे। इसके अलावा सौर ऊर्जा से चलने वाले वाटर-पम्प को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसी तरह अगले 3 वर्षों में करीब 4.30 लाख हेक्टेयर ज़मीन को सूक्ष्म सिंचाई सुविधा से जोड़ा जाएगा। इसके लिए करीब 732 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
निर्यात बढ़ाने के लिए मिनी फूड पार्क
कृषि उपज मंडियों के आधुनिकरण पर 1000 करोड़ खर्च किये जाएंगे। कृषि उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए पाली, नागौर, बाड़मेर, जैसलमेर, सवाई माधोपुर, करौली, बीकानेर और दौसा ज़िलों में 200 करोड़ की लागत से मिनी फूड पार्क बनाए जाएंगे। इसके अलावा 1000 किसान सेवा केन्द्रों का भी निर्माण किया जाएगा।
सहरिया जनजाति को 200 दिन का रोज़गार और मोबाइल वेटेनरी सेवा
मनरेगा के तहत सहरिया जनजाति और विशेष योग्यजन श्रमिकों को 100 की बजाय 200 दिन रोजगार देने की घोषणा हुई। ग्रामीण स्तर पर आर्थिक मज़बूती लाने की इस योजना के साथ पशुपालकों को उनके घर पर ही आपातकालीन पशु चिकित्सा उपलब्ध करवाने के लिए 108 की तरह 102 मोबाइल वेटेनरी सेवा शुरू करने की जाएगी।
14 हज़ार करोड़ रुपये का कर्ज माफ
गहलोत ने कहा कि वादा निभाते हुए हमारी सरकार ने 20 लाख से अधिक किसानों के 8 हजार करोड़ से ज्यादा के कर्ज़ माफ़ किये। हमने पिछली सरकार के समय से लंबित 6000 करोड़ रुपये का भी भुगतान किया। इस तरह कुल 14000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज़ माफ़ किया गया।
हमने राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्ज़दार किसानों को ऋण माफ़ी का लाभ देने के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन वहाँ से अभी तक सहमति नहीं मिली है। लेकिन हमारा संकल्प है कि हम ग्रामीण बैंकों और अन्य किस्म के बैंकों से ‘वन टाइम सेटेलमेंट’ योजना के तहत किसानों का कर्ज़ माफ़ करवाएँगे।