राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के तहत 2019-20 में 5000 करोड़ रुपए का माइक्रो इरीगेशन फंड (MIF) कोष बनाया गया था। कोष का उद्देश्य राज्यों को विशेष और नवीन परियोजनाओं को आगे बढ़ाते हुए सूक्ष्म सिंचाई के कवरेज के विस्तार के लिए ब्याज रहित ऋण का लाभ उठाने की सुविधा प्रदान करना है।
साथ ही सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली स्थापित करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के वास्ते PMKSY-प्रति बूंद अधिक फसल के तहत उपलब्ध प्रावधानों से परे सूक्ष्म प्रावधानों को प्रोत्साहित करना है।
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एमआईएफ की संचालन समिति ने 3971.31 करोड़ रुपये ऋण के लिए परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इसमें गुजरात के लिए 764.13 करोड़ रुपया, तमिलनाडु के लिए 1357.93 करोड़ रु, आंध्र प्रदेश के लिए 616.13 करोड़ रु, पश्चिम बंगाल के लिए 276.55 करोड़ रुपया, हरियाणा के लिए 790.94 करोड़ रुपया, पंजाब के लिए 150.00 करोड़ रुपया और उत्तराखंड के लिए 15.63 करोड़ रुपया है।
नाबार्ड ने हरियाणा, तमिलनाडु और गुजरात को 659.70 करोड़ रुपये का ऋण जारी किया। इस तरह से अब तक कुल 1754.60 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। आंध्र प्रदेश को 616.13 करोड़ रुपये तमिलनाडु को 937.47 करोड़ रुपये हरियाणा को 21.57 करोड़ रुपये और गुजरात को 179.43 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं।