किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि मंत्रालय ने देश के 728 ज़िलों के लिए ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन फोकस प्रोडक्ट’ (ODOFP) योजना बनायी है। इसके तहत देश के हरेक ज़िले के लिए ऐसे कृषि उत्पादों की पहचान की गयी है, जिसे ख़ास तौर पर बढ़ावा देकर न सिर्फ़ बेहतर दाम हासिल किया जा सके, बल्कि उनके निर्यात की सम्भावनाओं को बढ़ाया सके।
सरकार ने हरेक ज़िले के लिए अलग-अलग कृषि, बागवानी, पशुपालन, दूध से निर्मित उत्पाद, मछली पालन, जलीय कृषि और समुद्रीय उत्पादों की पहचान की है। ये उत्पाद 15 श्रेणियों में बाँटे गये हैं। किस राज्य के, किस ज़िले के लिए, कौन से प्रोडक्ट पर अधिक फ़ोकस रखने या उस पर ज़्यादा ध्यान देने की योजना बनायी गयी है? इसे किसानों को ज़रूर जानना चाहिए। देखें राज्यवार और ज़िलेवार कृषि उत्पादों की सूची
ODOFP को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के परामर्श से और वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की बहु-प्रचारित ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ (ODOP) योजना की तर्ज़ पर बनाया गया है। ज़िलेवार कृषि उत्पादों की सूची को राज्य सरकारों और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के सलाह-मशविरे से तैयार किया गया है, ताकि इनसे जुड़े उद्यमियों को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की PM Formalisation of Micro food processing Enterprises Scheme (PMFME) के तहत वित्तीय सहायता दी जा सके।
इसके अलावा कृषि मंत्रालय की अपनी योजनाओं जैसे एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH), राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM), राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) और परम्परागत कृषि विकास योजना (PKVY) के लाभ से भी ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन फोकस प्रोडक्ट’ (ODOFP) को जोड़ा जाएगा।
किस कृषि उत्पाद के कितने ज़िले?
क्रमांक |
उत्पाद |
ज़िले |
1 |
धान |
40 |
2 |
गेहूँ |
5 |
3 |
मोटा अनाज |
25 |
4 |
दलहन |
16 |
5 |
व्यावसायिक फसलें |
22 |
6 |
तिलहन |
41 |
7 |
सब्ज़ियाँ |
107 |
8 |
मसाले |
105 |
9 |
वृक्षारोपण |
28 |
10 |
फल |
226 |
11 |
फूलों की खेती |
2 |
12 |
शहद |
9 |
13 |
पशुपालन/डेयरी |
40 |
14 |
जलीय कृषि/समुद्री मत्स्य पालन |
29 |
15 |
प्रसंस्कृत उत्पाद |
33 |
कुल ज़िले |
728 |
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क्या है ‘एक ज़िला एक उत्पाद’ (ODOP) योजना?
वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) का पुराना नाम ‘Districts as Export Hub’ है। ये मूलतः एक जापानी सोच है जिसमें चुन्निदा ज़िलों को किसी ख़ास उत्पाद के बड़े केन्द्र के रूप में विकसित किया जाता है। इसका जन्म 1979 में हुआ और धीरे-धीरे से एशिया के कई देशों में फैला। भारत में ODOP कल्पना को ज़मीन पर उतारने का बीड़ा वाणिज्य मंत्रालय के विदेश व्यापार निदेशालय (DGFT) तथा उद्योग और घरेलू व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) को दिया गया।
इसके तहत राज्य सरकार के परामर्श से DGFT उन ज़िलों और उत्पादों की पहचान करता है, जिसमें उसकी ख़ास पहचान होती है या फिर जहाँ सरकारी प्रोत्साहन से बड़े बदलाव लाये जा सकते हैं। कालान्तर में इसे ‘एक ज़िला एक उत्पाद’ (ODOP) योजना के नाम से जाना गया। इसका उद्देश्य निर्यात क्षमता वाले उत्पादों और उससे ज़िलों की पहचान करके उसे निर्यात हब के रूप में विकसित करना है।
ODOP योजना के शुरुआती दौर में 27 राज्यों के 103 ज़िलों के लिए 106 उत्पादों की पहचान की गयी थी। लेकिन अब इसे कृषि मंत्रालय की ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन फोकस प्रोडक्ट’ (ODOFP) योजना से इतना विस्तार देने की कोशिश की गयी है, जिससे देश के सभी 728 ज़िलों को आगे बढ़ने का मौका मिल सके।