मोदी सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी की है। इस अधिसूचना के अनुसार नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को हर वर्ष पराक्रम दिवस के रुप में मनाया जाएगा। भारत सरकार ने बोस की 125वें जयंती वर्ष को 23 जनवरी 2021 से आरंभ करने का निर्णय भी लिया है। इसके लिए मोदी सरकार गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति भीगठित कर चुकी है।
ये भी देखें : किसान रथ मोबाइल ऐप से किसानों-व्यापारियों को फायदा, फसल बेचना हुआ आसान
ये भी देखें : हाईटेक खेती से यूपी के रामसरन कमा रहें हैं लाखों रुपए सालाना, जानिए पूरी कहानी
ये भी देखें : PM किसान सम्मान निधि योजना : लाभ उठाने के लिए ऐसे करें अप्लाई
संस्कृति मंत्रालय द्वारा दी गई सूचना में कहा गया है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की राष्ट्र के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा तथा देश की आजादी की जंग में उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने उनके जन्मदिन (23 जनवरी) को हर वर्ष पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इससे देश के युवाओं में देशभक्ति की भावना बढ़ेगी और देश के लिए कर्मठ होकर कार्य कर सकेंगे।
मोदी सरकार के इस निर्णय को राजनीतिक विशेषज्ञ पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनावों से भी जोड़ रहे हैं। उनके अनुसार भाजपा इस बार किसी भी तरह से पश्चिम बंगाल में अपनी मजबूती उपस्थिति दर्ज करवाना चाहती है और इसीलिए वो वहां के प्रतीकों का प्रयोग कर रही हैं।