कृषि कानूनों को लेकर जहां मंडियों को बंद करने के आरोप लगाए जा रहे हैं, वहीं मध्यप्रदेश में कृषि उपज मंडियों को स्मार्ट मंडियों में बदलने जा रही है। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के तहत मंडियों में ही खेती से लेकर रोजमर्रा के सभी सामान उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए शॉपिंग मॉल बनाए जाएंगे। इनमें खपद, बीज, दवा, किराना, कपड़े के लेकर दूसरे सामान वाजिब दाम पर मिलेंगी।
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क्या होगा इनमें खास
मध्यप्रदेश में 259 मंडियां और 298 उप मंडियां हैं। उपार्जन केन्द्रों में होने वाली समर्थन मूल्य पर खरीद के अलावा किसान कृषि उपज मंडियों में उपज बेचता है। सरकार की कोशिश है कि इन मंडियों को ऐसा रूप दिया जाए, जहां किसानों को सभी सामान मिल सकें। सामान रियायती दरों पर उपलब्ध कराने के लिए सीधे कंपनियों से संपर्क करेगी।
- इन कंपनियों में किसान शॉपिंग मॉल सेना के कैंटीन की तरह काम करेंगे।
- किसानों को बाजार की तुलना में सस्ता सामाना मिलेगा।
- इसके लिए कंपनियों से सीधे खाद, बीज, दवा सहित अन्य सामग्री ली जाएगी।
- इससे बिचैलिए जो मुनाफा कमाते हैं, वह हट जाएगा।