ऐसा देश में पहली बार देखा जा रहा है कि मशरूम को लेकर एक इंटरनेशनल फेस्टिवल का आयोजन किया गया है। उत्तराखंड के हरिद्वार में ये अंतरराष्ट्रीय मशरूम फेस्टिवल (International Mushroom Festival) का आयोजन हो रहा है। मशरूम उत्पादन के मामले में उत्तराखंड देश में सातवें पायदान पर है। इसे पहले स्थान पर लाने की कोशिश लगातार की जा रही है।
ऐसे में हरिद्वार में होने वाला ये अंतरराष्ट्रीय मशरूम महोत्सव इसमें बड़ी भूमिका निभा सकता है।
18 से 20 अक्टूबर तक चलने वाले इस आयोजन का आज आगाज़ हो चुका है। राज्य के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री सुबोध उनियाल ने इस आयोजन का उद्घाटन किया।
मशरूम की खेती किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य में बेहद कारगर साबित हो सकती है। इसीलिए ज़्यादा से ज़्यादा किसान कम लागत में कैसे मशरूम की खेती कर अच्छा मुनाफ़ा कमा सकते हैं, इस आयोजन में उसके बारे में जानकारी दी जाएगी।
आयोजन में मशरूम के प्रोडक्शन से जुड़े कई स्टार्टअप्स ने अपने स्टॉल लगा रखे हैं। साथ ही स्टॉल में मशरूम को किसान किस तरह प्रोसेस कर, कौन से प्रॉडक्ट तैयार कर सकते हैं। उसकी प्रदर्शनी भी लगी हुई है।
आयोजन में पहुंचे राज्य कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने खुद स्टार्टअप्स, उत्पादक संघों और हर एक-एक स्टॉल का जायज़ा लिया और सबकी हौसला अफ़ज़ाई की।
इस आयोजन में देश-विदेश के कई विशेषज्ञ मशरूम की खेती, उसके उत्पादन, मार्केटिंग, प्रोसेसिंग से जुड़ी जानकारी देंगे। तीन दिन तक चलने वाले इस आयोजन में पहले दिन ही कई किसान पहुंचे हैं।
मशरूम की खेती से होने वाले मुनाफ़े को लेकर कई किसानों का रुझान इसकी खेती की ओर बढ़ा है। अंतरराष्ट्रीय मशरूम फेस्टिवल (International Mushroom Festival) के आयोजन का उद्देश्य ज़्यादा से ज़्यादा किसानों को मशरूम की खेती करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
नीचे स्लाइड में देखिए International Mushroom Festival 2021 की तस्वीरें:
मशरूम की फसल ऐसी है जिससे किसान 12 माह आय अर्जित कर सकते हैं। भूमिहीन किसान, छोटे और सीमांत किसान छोटे से क्षेत्र में ही मशरूम की खेती की शुरुआत कर सकते हैं। अगर सही जानकारी मिले तो इसमें कम लागत में अच्छा मुनाफ़ा कमाया जा सकता है।