प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चक्रवाती समुद्री तूफान ‘निवार’ की स्थिति के संबंध में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एडापल्ली के. पलानीस्वामी और पुदुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी से बातचीत की। एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा, ”चक्रवाती तूफान निवार के मद्देनजर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एडापल्ली के. पलानीस्वामी और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी से वार्तालाप किया।
केन्द्र से सभी संभव सहायता का आश्वासन दिया। मैं प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले सभी लोगों की सुरक्षा और कल्याण की प्रार्थना करता हूं।”
Spoke to Tamil Nadu CM Shri @EPSTamilNadu and Puducherry CM Shri @VNarayanasami regarding the situation in the wake of Cyclone Nivar. Assured all possible support from the Centre. I pray for the safety and well-being of those living in the affected areas.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 24, 2020
केन्द्रीय कैबिनेट सचिव ने भी की राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग
केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गाबा ने आज आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पुडुचेरी के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चक्रवात आने की समीक्षा करने के लिए राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की बैठक की अध्यक्षता की।
आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पुदुचेरी के मुख्य सचिवों ने एनसीएमसी को उनकी तैयारियों के बारे में जानकारी दी और उल्लेख किया कि अधिकारी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने इस चुनौती को पूरा करने के लिए एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय की भी जानकारी दी।
भारत के मौसम विभाग के महानिदेशक ने वर्तमान स्थिति पर प्रस्तुति दी और उल्लेख किया कि संबंधित राज्य सरकारों के साथ स्थिति साझा की जा रही है। उन्होंने उल्लेख किया कि आने वाला चक्रवात 24 से 26 नवंबर, 2020 के बीच आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटीय क्षेत्रों को प्रभावित करने वाला है।
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कैबिनेट सचिव ने उल्लेख किया कि हम सभी का लक्ष्य लोगों का जान बचाने और प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य स्थिति की जल्द बहाली है। उन्होंने उल्लेख किया कि मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थिति के अनुसार ‘कच्चे’ घरों में रहने वाले लोगों को उपयुक्त सलाह दी जा सकती है।
गृह, ऊर्जा, दूरसंचार, नागरिक उड्डयन, जहाजरानी, स्वास्थ्य मंत्रालय, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष, एनडीएमए, डीजी, एनडीआरएफ के सदस्य सचिव और रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि ने भी एनसीएमसी को संबंधित राज्यों को व्यवस्था और सहायता की जानकारी दी।