बासमती की नयी किस्में हैं आकर्षण: किसान मेले के संबंध में आईएआरआई के डायरेक्टर डॉ. ए. के सिंह बताते हैं कि इस किसान मेले में फसल उत्पादन की तमाम तकनीक और किस्मों की प्रदर्शनी लगाई जाएगीI इसके साथ ही वैज्ञानिकों के साथ कृषि गोष्ठी आयोजित होगी, जिसमें किसानों के तामाम प्रश्नों का उत्तर दिया जाएगाI
मेले में सबसे बड़ा आकर्षण बीज का होता है, तो इस साल किसान मेले में अनुसंधान में जो प्रमुख किस्में हैं- पूसा बासमती 1121, 1718, 1509, 1401, 1637 औऱ 1728 आदि प्रमुख किस्में उपलब्ध कराई जाएंगीI
इस वर्ष धान की नई किस्म पूसा बासमती 1692 किसानों के लिए विशेष रहेगी। यह फसल केवल 115 दिनों में तैयार हो जाती है। प्रति हेक्टेयर ज्यादा उपज के कारण इससे किसानों को विशेष लाभ होगा। इस धान में टूटन कम होती है, जिससे ज्यादा मात्रा में खड़ा चावल निकलेगा। इससे मिलों को भी लाभ होगा।
ये किस्म किसानों के लिए काफी लाभकारी है, क्योंकि इस किस्म से सितंबर में खेत खाली हो जाता है, जिसके बाद मिर्च, आलू और सूरजमुखी की खेती कर सकते हैंI इस तरह फसल विविधीकरण से किसानों को काफी अच्छा लाभ मिल पाएगाI
चने की एक विशेष प्रजाति विकसित की गई है। इसमें चने में लगने वाला विशेष ‘उकठा रोग’ नहीं लगेगा और उत्पादन अच्छा होगा। ये सभी चीजें किसान मेले में किसानों के लिए उपलब्ध रहेंगी। इसके अलावा 32 विभिन्न प्रकार की नई फलों, फूलों और फसलों की नई किस्में उपलब्ध होंगी।
इसके अलावा सरसों की एक नई किस्म विकसित की गई है, जो स्वास्थ्य की दृष्टि से ज्यादा लाभप्रद है। यह प्रति हेक्टेयर ज्यादा उपज भी देगी। बाजरा, मक्का के आटे को आसानी से रोटी बनाने की विधि विकसित की गई है। पराली हर साल एक बड़ी समस्या बन जाती है। लेकिन इन्हें 25 दिनों के अंदर खेतों में ही खत्म करने की विधि विकसित की गई है।