देश में उर्वरकों के संतुलित उपयोग को बढ़ावा देने के लिए, नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (NFL) किसानों को DAP, MOP, NPK और सल्फर आधारित फर्टिलाइजर्स जैसे गैर-यूरिया फर्टिलाइजर्स का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। इन प्रयासों से कंपनी ने चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में सभी गैर-यूरिया फर्टिलाइजर्स की बिक्री में वृद्धि दर्ज की है।
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गैर-यूरिया आधारित फर्टिलाइजर्स की बिक्री बढ़ी
कंपनी ने सल्फर आधारित फर्टिलाइजर्स की बिक्री में पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले इस वर्ष बेंटोनाइट सल्फर में 237 प्रतिशत एवं SSP में 133 फीसदी की वृद्धि दर्ज की। पानीपत प्लांट में उत्पादित बेंटोनाइट सल्फर ने अप्रैल-अक्टूबर 2020 की अवधि में 11730 मीट्रिक टन की बिक्री दर्ज की जो कि पिछले वर्ष की इसी अवधि में 3478 मीट्रिक टन थी, इसके साथ ही SSP की बिक्री भी 14726 मीट्रिक टन तक पहुंच गई, जो कि पिछले वर्ष की इसी अवधि में 6323 मीट्रिक टन थी। इस उपलब्धि पर कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक वी. एन. दत्त ने कहा कि मिट्टी को संतुलित पोषण देने हेतु सभी प्रकार के उर्वरकों के उपयोग को प्रोत्साहित करना महत्वपूर्ण है ।
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पौधों की वृद्धि और उपज के लिए जरूरी है सल्फर आधारित फर्टिलाइजर्स
पौधों की वृद्धि और उपज को अधिकतम करने के लिए सल्फर अति आवश्यक है। नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P) और पोटाश (K) के बाद, सल्फर (S) चौथा प्रमुख पोषक तत्व है जिसकी मिटटी को आवश्यकता होती है और सल्फर की कमी भारतीय मृदा में व्यापक रुप से पाई जाती है। यह तिलहन, दलहन, सब्जियां, गन्ना, धान, बागवानी फसलों आदि की फसलों के लिए आवश्यक होती है।
नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (National Fertilizers Limited), यूरिया, DAP, MOP, NPK, APS, कंपोस्ट, SSP और बेंटोनाइट सल्फर के अलावा कई प्रकार के जैव उर्वरकों का विपणन करता है ताकि किसानों को सभी तरह के उर्वरक एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराए जा सकें।
मुख्य रूप से बेंटोनाइट सल्फर और एसएसपी के माध्यम से मिट्टी में सल्फर की भरपाई की जाती है। बेंटोनाइट सल्फर में 90 फीसदी सल्फर होता है, SSP में 11 फीसदी सल्फर, 16 फीसदी P2O5 और 21 प्रतिशत कैल्शियम होता है।