मौजूदा खरीफ सीज़न (2020-21) के तहत 22 फरवरी तक 658.61 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है। यह पिछले साल की इसी अवधि में की गई 565.03 लाख मीट्रिक टन खरीद की तुलना में 16.56 प्रतिशत अधिक है। धान की कुल खरीद में से अकेले पंजाब का योगदान 202.82 लाख मीट्रिक टन (30.79 प्रतिशत) है। अब तक खरीफ की फसलों की खरीदारी पर 1.24 लाख करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इससे 95.23 लाख किसानों को लाभ हुआ है।
पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, तमिलनाडु, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर, केरल, गुजरात, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिसा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड, असम, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में खरीफ 2020-21 के लिए धान की खरीद जारी है।
इस साल के लिए 51.92 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीदारी को केन्द्र सरकार की मंज़ूरी मिल चुकी है। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में 1.23 लाख मीट्रिक टन खोपरा की खरीद करने को भी मंजूरी दी गई है।
इसके अलावा गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना और तमिलनाडु राज्यों की सरकारों से मिले प्रस्तावों के अनुरूप रबी विपणन सत्र 2020-21 के तहत 26.69 लाख मीट्रिक टन दालों और तिलहनों की खरीद को मंजूरी दी गई है।
केन्द्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के मुताबिक, अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से दालों, तिलहनों और खोपरा की Price Support Scheme (PSS) के तहत खरीद के लिए प्रस्ताव मिलने पर उन्हें भी मंजूरी दी जाएगी। ताकि इन फसलों के एफएक्यू ग्रेड की खरीद को 2020-21 के लिए अधिसूचित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पंजीकृत किसानों से सीधे खरीदा जा सके।
ऐसा तब किया जाएगा जब संबद्ध राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की केंद्रीय नोडल एजेंसियां राज्य द्वारा मनोनीत खरीद एजेंसियों द्वारा अधिसूचित फसल के बाजार भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे चले जाएंगे।
पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिसा और कर्नाटक में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कपास की खरीद की प्रक्रिया सहजता पूर्वक चल रही है। 22.02.2021 तक 26,705.19 करोड़ रुपए मूल्य की 91,68,064 कपास की गांठों की खरीद की गई है, जिससे 18,95,966 किसानों को लाभ हुआ है।