भारत में पिछले कुछ सालों में मशरूम की लोकप्रियता बहुत बढ़ी है। लोकप्रियता का कारण है इसकी पौष्टिकता। मशरूम में ढेर सारे पोषक तत्व होते हैं और प्रोटीन की मात्रा बहुत अधिक होती है। इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट्स भी इसे खाने की सलाह देते हैं। ऐसे में मशरूम की खेती किसानों के लिए फ़ायदे का सौदा है। इसकी मांग लगातार बढ़ रही है। बाज़ार में मशरूम महंगे बिकते हैं। पानीपत के किसान जितेंद्र मलिक 27 सालों से बटन मशरूम की खेती कर रहे हैं। मशरूम की खेती से किस तरह मुनाफ़ा कमाया जा सकता है और कैसे लागत कम की जा सकती है, जैसे ज़रूरी मुद्दों पर किसान ऑफ़ इंडिया के संवाददाता निशित मल्होत्रा ने बात की किसान जितेंद्र मलिक से।
27 सालों से उगा रहे मशरूम
जितेंद्र मलिक 1995 से मशरूम उगा रहे हैं। शुरुआत उन्होंने सिर्फ़ 2 शेड लगाकर की और धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए अब वह 10-15 शेड लगा लेते हैं। इलाके के लोग जितेंद्र को ‘मशरूम मैन’ के नाम से जानते हैं, क्योंकि वह बहुत सफल तरीके से मशरूम उगा रहे हैं और अच्छा मुनाफ़ा भी कमा रहे हैं। जितेंद्र मशरूम की लोकप्रिय किस्म बटन मशरूम की खेती करते हैं।
बटन मशरूम की ख़ासियत
जितेंद्र का कहना है कि यह मशरूम बहुत ही स्वादिष्ट होता है और इसमें प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है। इसकी वजह से डॉक्टर भी इसे खाने की सिफारिश करते हैं। स्वादिष्ट होने के कारण इसकी मांग भी अधिक है, जिससे इसकी खेती करके किसान अच्छा मुनाफ़ा पा सकते हैं।
सर्दी का मौसम है ज़रूरी
जितेंद्र कहते हैं कि मशरूम की खेती अन्य फसलों से थोड़ी अलग होती है। इसे सिर्फ ठंड के मौसम में ही उगाया जाता है, गर्मियों में नहीं। यदि किसी जगह का तापमान अधिक है तो वहां एसी लगाना होगा। हर साल ठंड के मौसम में इसकी बिजाई की जाती है।
उत्पादन की लागत
जितेंद्र मलिक बताते हैं कि मशरूम की खेती के लिए शेड बनाना पड़ता है और एक शेड बनाने का खर्च करीब 2 लाख रुपये है। एक बार शेड बनाने के बाद हर साल सर्दियों में मशरूम उगाया जा सकता है।
बनाई है कंपोस्ट मशीन
जितेंद्र एक प्रगतिशील और इनोनेटिव किसान हैं। उन्होंने 2006 में एक कंपोस्ट मशीन बनाई ,जो 60-70 मज़दूरों का काम अकेले कर लेती है। तो आप समझ ही सकते हैं कि इससे लागत में कितनी कमी आएगी। यह मशीन मशरूम के लिए खाद को मिलाकर बेहतरीन गुणवत्ता वाली खाद तैयार करती है। इससे अधिक पैदावार प्राप्त होती है।
मशीन की ख़ासियत
जितेंद्र के मुताबिक, उनकी मशीन की खासियत है कि इसे कच्चे-पक्के दोनों तरह के फर्श पर इस्तेमाल किया जा सकता है। यह लोडिंग का काम भी करती है। खाद से अमोनिया रिलीज़ करने के लिए सिस्टम बना है। मशीन के इस्तेमाल से खाद में गांठ भी नहीं बनती है। इसके अलावा, पानी या कीटनाशक स्प्रे करने के लिए भी मशीन में सिस्टम बना है।
राष्ट्रपति भी कर चुके हैं सम्मानित
जितेंद्र मलिक को उनकी ख़ास मशीन बनाने के लिए कई सम्मान मिल चुके हैं। इसमें सोलन के मशरूम निदेशालय के साथ ही कर्नाटक के ICAR से प्राप्त हुए अवॉर्डस शामिल हैं। इसके अलावा, 2015 में जितेंद्र मलिक को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से भी पुरस्कार मिल चुका है।
पैकेजिंग कैसे करते हैं?
जितेंद्र का कहना है कि उनके फ़ार्म में शाम को 8 बजे से मशरूम तोड़ने का काम शुरू होता है और सुबह 6 बजे तक मशरूम के पैकेट तैयार हो जाते हैं। वह इसके 200 ग्राम के पैकेट बनाते हैं, जो बाज़ार में 20-25 रुपये में बिकता है। उनके मुताबिक, शादी के समय मशरूम का एक पैकेट 100 रुपये तक बिक जाता है।
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
ये भी पढ़ें:
- कृषि में आधुनिक तकनीक से मनेन्द्र सिंह तेवतिया ने उन्नति की राह बनाईमनेन्द्र सिंह तेवतिया ने कृषि में आधुनिक तकनीक अपनाकर पारंपरिक तरीकों से बेहतर उत्पादन प्राप्त किया, जिससे उन्होंने खेती में नई दिशा और सफलता हासिल की।
- Global Soils Conference 2024: ग्लोबल सॉयल्स कॉन्फ्रेंस 2024 का आगाज़ मृदा सुरक्षा संरक्षण पर होगा मंथनGlobal Soils Conference 2024 नई दिल्ली में आयोजित हुआ, जो 19 से 22 दिसंबर तक चलेगा, जहां मृदा प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन और पारिस्थितिकी तंत्र पर चर्चा होगी।
- जल संरक्षण के साथ अनार की खेती कर संतोष देवी ने कायम की मिसाल, योजनाओं का लिया लाभसंतोष देवी ने जल संरक्षण के साथ अनार की खेती के तहत ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से 80% पानी की बचत करते हुए उत्पादन लागत को 30% तक कम किया।
- रोहित चौहान की कहानी: युवाओं के बीच डेयरी व्यवसाय का भविष्यरोहित चौहान का डेयरी फ़ार्म युवाओं के बीच डेयरी व्यवसाय को प्रोत्साहित कर रहा है। रोहित ने कुछ गायों और भैंसों से छोटे स्तर पर डेयरी फ़ार्मिंग की शुरुआत की थी।
- जैविक खेती के जरिए संजीव कुमार ने सफलता की नई राह बनाई, जानिए उनकी कहानीसंजीव कुमार की कहानी, संघर्ष और समर्पण का प्रतीक है। जैविक खेती के जरिए उन्होंने न केवल पारंपरिक तरीकों को छोड़ा, बल्कि एक नई दिशा की शुरुआत की।
- जैविक तरीके से रंगीन चावलों की खेती में किसान विजय गिरी की महारत, उपलब्ध कराते हैं बीजबिहार के विजय गिरी अपने क्षेत्र में जैविक खेती के प्रचार-प्रसार में लगे हैं। वो 6-10 एकड़ भूमि पर धान, मैजिक चावल, रंगीन चावलों की खेती करते हैं।
- रोहन सिंह पटेल ने वर्मीकम्पोस्टिंग व्यवसाय शुरू किया, क्या रहा शुरुआती निवेश और चुनौतियां?रोहन सिंह पटेल ने दो साल पहले वर्मीकम्पोस्टिंग व्यवसाय का काम शुरू किया, जिसमें उन्होंने जैविक खाद बनाने की तकनीक को अपनाया।
- नौकरी छोड़कर अपने गांव में जैविक खेती और कृषि में नई तकनीक अपनाकर, आशुतोष सिंह ने किया बड़ा बदलावआशुतोष प्रताप सिंह ने अपने गांव लौटकर कृषि में नई तकनीक और जैविक खेती अपनाकर अपनी खेती को सफल बनाया और आसपास के किसानों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनें।
- जैविक खेती के जरिए रूबी पारीक ने समाज और राष्ट्र निर्माण में किया अद्वितीय योगदानरूबी पारीक ने जैविक खेती के जरिए न केवल अपना जीवन बदला, बल्कि समाज के लिए स्वस्थ भविष्य की नींव रखी। उनकी कहानी संघर्ष और संकल्प की प्रेरणा है।
- Millets Products: बाजरे के प्रोडक्टस से शुरू की अनूप सोनी ने सफल बेकरी, पढ़ें उनकी कहानीअनूप सोनी और सुमित सोनी ने मिलेट्स प्रोडक्ट्स (Millets Products) से बेकरी व्यवसाय शुरू किया, बाजरे से हेल्दी केक बनाकर स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा दिया।
- जानिए रघुवीर नंदम का कम्युनिटी सीड बैंक कैसे उनके क्षेत्र में वन सीड रेवोल्यूशन लेकर आ रहा हैआंध्र प्रदेश के रहने वाले रघुवीर नंदम ने ‘वन सीड रेवोल्यूशन कम्युनिटी सीड बैंक’ की स्थापना की, जिसमें उन्होंने 251 देसी चावल की प्रजातियों का संरक्षण किया है।
- पोल्ट्री व्यवसाय और जैविक खेती से बनाई नई पहचान, जानिए रविंद्र माणिकराव मेटकर की कहानीरविंद्र मेटकर ने पोल्ट्री व्यवसाय और जैविक खेती से अपनी कठिनाइयों को मात दी और सफलता की नई मिसाल कायम की, जो आज कई किसानों के लिए प्रेरणा है।
- उत्तराखंड में जैविक खेती का भविष्य: रमेश मिनान की कहानी और लाभउत्तराखंड में जैविक खेती के इस किसान ने न केवल अपनी भूमि पर जैविक खेती को अपनाया है, बल्कि सैकड़ों अन्य किसानों को भी प्रेरित किया है।
- Wheat Varieties: गेहूं की ये उन्नत किस्में देंगी बंपर पैदावारगेहूं की ये किस्में (Wheat Varieties) उच्च उत्पादन, रोग प्रतिरोधक क्षमता और विभिन्न क्षेत्रों के लिए उपयुक्त हैं, किसानों के लिए लाभकारी मानी गई हैं।
- पहाड़ी इलाके में मछलीपालन कर रही हैं हेमा डंगवाल: जानें उनकी सफलता की कहानीउत्तराखंड की हेमा डंगवाल ने पहाड़ी इलाकों में मछलीपालन को एक सफल व्यवसाय में बदला, इस क्षेत्र में सफलता हासिल की और अन्य महिलाओं को भी जागरूक किया।
- किसान दीपक मौर्या ने जैविक खेती में फसल चक्र अपनाया, चुनौतियों का सामना और समाधानदीपक मौर्या जैविक खेती में फसल चक्र के आधार पर सीजनल फसलें जैसे धनिया, मेथी और विभिन्न फूलों की खेती करते हैं, ताकि वो अधिकतम उत्पादकता प्राप्त कर सकें।
- पुलिस की नौकरी छोड़ शुरू किया डेयरी फ़ार्मिंग का सफल बिज़नेस, पढ़ें जगदीप सिंह की कहानीपंजाब के फ़िरोज़पुर जिले के छोटे से गांव में रहने वाले जगदीप सिंह ने पुलिस नौकरी छोड़कर डेयरी फ़ार्मिंग में सफलता हासिल कर एक नई पहचान बनाई है।
- जानिए कैसे इंद्रसेन सिंह ने आधुनिक कृषि तकनीकों से खेती को नई दिशा दीइंद्रसेन सिंह ने आधुनिक कृषि में सुपर सीडर, ड्रोन सीडर और रोटावेटर का उपयोग करके मक्का, गन्ना, और धान की फसलें उगाई हैं।
- Food Processing से वंदना ने बनाया सफल बिज़नेस: दिल्ली की प्रेरणादायक कहानीदिल्ली की वंदना जी ने खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing) से पारंपरिक भारतीय स्वादों को नया रूप दिया और महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाएं।
- देवाराम के पास 525+ बकरियां, बकरी पालन में आधुनिक तकनीक अपनाईदेवाराम ने डेयरी फार्मिंग की शुरुआत एक छोटे स्तर से की थी, लेकिन वैज्ञानिक और आधुनिक तरीकों को अपनाने के बाद उनकी डेयरी यूनिट का विस्तार हुआ।