PM-KISAN में रजिस्टर्ड सभी किसान फ़ौरन करवाएँ अपना eKYC या डिजीटल सत्यापन

केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत रजिस्टर्ड किसानों के लिए ई-केवाईसी (eKYC) की प्रक्रिया को अनिवार्य कर दिया है। इसकी आखिरी तारीख को बढ़ा दिया गया है।

PM-KISAN E-KYC registration

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत रजिस्टर्ड किसानों के लिए eKYC कराने की आखिरी तारीख को बढ़ा दिया गया है। अब 22 मई 2022 तक किसान अपना ई-केवाईसी करा सकते हैं। इससे पहले आखिरी तारीख 31 मार्च 2022 थी। केन्द्र सरकार ने PM-KISAN योजना में रजिस्टर्ड सभी किसान परिवारों को हिदायत दी है कि वो जल्द से जल्द और अनिवार्य रूप से अपने रजिस्ट्रेशन का eKYC अर्थात डिजीटल सत्यापन अवश्य करवा लें। डिजीटल सत्यापन के लिए हरेक रजिस्टर्ड किसान को वेबसाइट के होम पेज़ पर जाने के बाद दाहिनी ओर किसान कॉर्नर (Kisan Corner) पर सबसे ऊपर मौजूद ‘eKYC NEW’ का वेबलिंक क्लिक करना होगा। इसके बाद खुलने वाले नये पेज़ पर अपना आधार नम्बर दर्ज़ करके आगे की कार्रवाई पूरी करनी होगी।

अब तक 10,57,48,545 किसान रजिस्टर्ड

1 दिसम्बर 2018 से लागू प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PMKSNY) या PM-KISAN के तहत 2 हेक्टेयर या 5 एकड़ तक खेती योग्य ज़मीन का मालिकाना हक़ रखने वाले किसान परिवारों को 500 रुपये महीना के हिसाब से सालाना 6,000 रुपये की सहायता दी जाती है। इस योजना की दसवीं किस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साल 2022 के पहले दिन यानी 1 जनवरी को जारी किया था। इसका लाभ अब तक रजिस्टर्ड 10,57,48,545 (10 करोड़ 57 लाख 48 हज़ार 5 सौ 45) किसानों को मिला। लेकिन अब PM-KISAN के रजिस्टर्ड लाभार्थियों के लिए eKYC को अनिवार्य बना दिया गया है।

eKYC के लिए क्या है हिदायत?

इसे लेकर PM-KISAN योजना की वेबसाइट pmkisan.gov.in पर अभी ये हिदायत ‘फ़्लैश एंड स्क्रॉल’ (flash and scroll) कर रही है: “eKYC is MANDATORY for PMKISAN Registered Farmers. Pls. click eKYC option in Farmer Corner for Aadhar based OTP authentication and for Biometric authentication contact nearest CSC centres.” इसका हिन्दी अनुवाद है, “पीएम-किसान योजना के लिए रजिस्टर्ड किसानों के लिए eKYC करवाना अनिवार्य है। कृपया फॉर्मर कॉर्नर पर जाकर eKYC विकल्प पर क्लिक करें और अपने सत्यापन के लिए आधार आधारित ओटीपी का विकल्प चुने या फिर अपने नज़दीकी कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर अपना बायोमैट्रिक सत्यापन करवाएँ।”

कई अनसुलझे सवाल

केन्द्र सरकार की ओर से अभी तक ये साफ़ नहीं किया गया है कि जो किसान 11वीं किस्त के आने तक अपने रजिस्ट्रेशन का eKYC नहीं करवा पाएँगे, क्या उन्हें अगली किस्त नहीं भेजी जाएगी? या फिर, क्या उनका रजिस्ट्रेशन अपने आप रद्द हो जाएगा? या, क्या 2,000 रुपये वाली किस्तों को तब तक निलम्बित रखा जाएगा जब तक कि लाभार्थी किसान अपना eKYC नहीं करवा लेते? ये भी साफ़ नहीं है कि क्या देरी से eKYC करवाने वाले किसानों को पहले की बकाया किस्तें भी मिलेगी या नहीं?

अलबत्ता, eKYC का मोटा-मोटी मतलब यही है कि इसके तहत लाभार्थी किसानों को कोई काग़ज़ात वग़ैरह न तो कहीं जमा करवाना होगा और ना ही वेबसाइट पर अपलोड करना होगा। इस तरह के सत्यापन से सरकार सिर्फ़ ये तय करना चाहती है कि जो PM-KISAN योजना के तहत रजिस्टर्ड अभी कुल 11,84,15,010  किसानों में से कितनों का ब्यौरा सही है और उनके आधार से उनके मोबाइल जुड़ा हुआ भी है। लेकिन इस तथ्य के अलावा सरकार और किन-किन चीज़ों का सत्यापन चाहती है, इसका खुलासा अभी नहीं किया गया है। 

किस्त संख्या किस्त की अवधि रजिस्टर्ड लाभार्थी
पहली दिसम्बर 2018 से मार्च 2019 3,16,11,252
दूसरी अप्रैल 2019 से जुलाई 2019 6,63,27,659
तीसरी अगस्त 2019 से नवम्बर 2019 8,76,21,369
चौथी दिसम्बर 2019 से मार्च 2020 8,96,04,410
पाँचवीं अप्रैल 2020 से जुलाई 2020 10,49,31,624
छठी अगस्त 2020 से नवम्बर 2020 10,23,44,400
सातवीं दिसम्बर 2020 से मार्च 2021 10,23,49,835
आठवीं अप्रैल 2021 से जुलाई 2021 11,12,59,216
नौवीं अगस्त 2021 से नवम्बर 2021 11,17,49,358
दसवीं दिसम्बर 2021 से मार्च 2022 10,57,48,545
अब तक किसानों को 1.6 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा भेजे गये

रजिस्टर्ड किसानों के लिए सरकार ने क्यों जोड़ी eKYC की शर्त? (PM Kisan e-KYC Registration)

दरअसल, PM-KISAN योजना की सातवीं किस्त जारी होने के बाद फरवरी 2021 में केन्द्र सरकार को पता चला कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के क्रियान्वयन में उसे कम से कम 25 अरब रुपये की चपत लग चुकी है, क्योंकि सालाना 6,000 रुपये का लाभ कम से कम 33 लाख अयोग्य लोगों ने भी पा लिया है। इसके बाद राज्य सरकारों को हरेक लाभार्थी के ब्यौरे का सत्यापन करने और अयोग्य लोगों से किसान सम्मान निधि की रकम वसूलने का आदेश दिया गया।

हालाँकि, इस आदेश के जारी होने के करीब साल भर बाद यानी अभी ये साफ़ नहीं हुआ है कि राज्य सरकार ने PM-KISAN योजना के सभी लाभार्थियों के ब्यौरे के सत्यापन का काम पूरा कर लिया है या नहीं? और, योजना के तहत सरकारी ख़ज़ाने को चपत लगाने वालों से नाजायज़ रक़म की वसूली हो पायी है या नहीं? बता दें कि कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने 15 जुलाई 2021 को संसद को बताया था कि तब तक सरकार ने ऐसे 42.16 लाख किसानों की पहचान कर ली गयी थी जिन्होंने किसान सम्मान निधि का नाजायज़ फ़ायदा उठाया है। इन किसानों से सरकार को 29.93 अरब रुपये की वसूली करनी है।

वैसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की वेबसाइट के अनुसार 02 फरवरी 2022 तक के आँकड़ों के अनुसार, अभी तक PMKSNY के कुल लाभार्थियों की संख्या 11,84,15,010 रही है। जबकि दसवीं किस्त का लाभ 10,57,48,545 किसानों के बैंक खातों में भेजा गया। इसका मतलब ये हुआ कि अब तक हुए सत्यापन के बाद 1.33 करोड़ (1,33,31,814) से ज़्यादा ऐसे किसानों का पता लगाया है जिन्होंने या तो ग़लत ब्यौरा देकर अपना रजिस्ट्रेशन करवाया या फिर नाजायज़ ढंग से सरकारी रक़म पाने में सफल रहे। वर्ना, यदि अब तक सारे रजिस्ट्रेशन सही होते तो दसवीं किस्त के लाभार्थी 10,57,48,545 के बजाय 11,84,15,010 किसान परिवारों को होना चाहिए था।

ज़ाहिर है, अब केन्द्र सरकार ने PM-KISAN योजना में रजिस्टर्ड हरेक किसान के लिए eKYC की जो अनिवार्य शर्त जोड़ी है उसका मकसद तो यही तय करना हो सकता है कि अब तक जिन 1,33,31,814 लोगों ने ग़लत ढंग से अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है उन्हें एक और मौका देकर उनका नाम लाभार्थियों की राष्ट्रीय लिस्ट से बाहर किया जा सके या फिर इन्हें कोई अलग पहचान देने पर विचार किया जाए।

PM-KISAN में रजिस्टर्ड सभी किसान फ़ौरन करवाएँ अपना eKYC या डिजीटल सत्यापनइसी प्रसंग में ये जानना भी दिलचस्प होगा कि कृषि जनगणना, 2015-16 के मुताबिक, देश में लघु और सीमान्त किसानों की संख्या क़रीब 12.6 करोड़ है। इनकी औसत जोत 1.1 हेक्टेयर से कम है। इसका मतलब ये है कि भले ही देश में 2 हेक्टेयर या 5 एकड़ से कम जोत वाले लघु और सीमान्त किसानों की तादाद क़रीब 12.6 करोड़ हो, लेकिन प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PMKSNY) का लाभ अभी 10.57 करोड़ किसानों को ही मिल रहा है। यानी, तक़रीबन 2 करोड़ किसान ऐसे हैं जो या तो PM-KISAN का लाभ उठाने की योग्यता नहीं रखते या फिर जिन्होंने किसी न किसी वजह से ख़ुद को इस लाभ से वंचित रखने का फ़ैसला लिया है।

कौन हैं किसान सम्मान निधि के लिए अयोग्य?

सांसद, विधायक, मेयर, ज़िला पंचायत अध्यक्ष जैसे संवैधानिक पदों पर आसीन लोग, 10,000 रुपये से अधिक पेंशन पाने वाले, केंद्र या राज्य सरकार के कर्मचारी, डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टर एकाउंटेंट, वकील, आर्किटेक्ट जैसे पेशेवर और आयकर चुकाने वाले लोग भले ही वो किसान भी हों। अभी तक पूरी हुई सत्यापन प्रक्रिया के बाद पता चला कि 42.16 लाख अपात्र किसान सम्मान निधि पा रहे हैं। ये लोग या तो आयकरदाता हैं या फिर इन्होंने फ़र्ज़ी दस्तावेज़ और स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से ख़ुद को PMKSNY का लाभार्थी बना लिया।

PM Kisan योजना का हेल्पलाइन नम्बर

यदि पीएम किसान पोर्टल की सभी औपचारिकताएँ पूरी करने के बावजूद योग्य लाभार्थियों के बैंक खाते में 2,000 रुपये की किस्त नहीं आ रही है तो ऐसे आवेदक किसानों को सबसे पहले पीएम किसान (PM Kisan) पोर्टल के ‘Beneficiary Status’ वाले पेज़ को क्लिक करना चाहिए। फिर यहाँ अपना आधार नम्बर अथवा बैंक खाता नम्बर दर्ज़ करके अपने मौजूदा स्टेटस का पता लगाना चाहिए। यदि यहाँ सब कुछ सही मिले तो फिर eKYC की औपचारिकता पूरी करें। अन्यथा अपने ज़िला कृषि अधिकारी, क़ानूनगो या लेखपाल से सम्पर्क करें। यदि इससे भी बात नहीं बने तो केन्द्रीय कृषि मंत्रालय की हेल्पलाइन नम्बर 155261 या टोल फ्री नम्बर 1800115526 या फिर 011-23381092 या 011-24300606 पर भी कॉल करके भी जानकारियाँ ली जा सकती हैं। 

 

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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