प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वाराणसी में दूध की शुद्धता की पहचान के लिए एकीकृत प्रमाणपत्र प्रणाली व लोगो को लॉन्च किया है। उन्होंने इस पर कहा कि अभी तक दूध की शुद्धता की जांच में मुश्किलें आती थीं, लेकिन इस प्रक्रिया से अब जांच करना आसान होगा। उन्होंने ये भी कहा कि इससे भारतीय दूध उत्पादों की वैश्विक विश्वसनीयता भी बढ़ेगी।
अब हर किसी के लिए सुरक्षित और प्रामाणिक दूध की पहचान करना आसान होगा। भारतीय मानक ब्यूरो ने इसके लिए देशभर में एकीकृत व्यवस्था की है और सर्टिफिकेशन के लिए logo भी जारी किया है। pic.twitter.com/uOk2eYLNv3
— Narendra Modi (@narendramodi) December 23, 2021
पोर्टल और लोगो को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (National Dairy Development Board) की मदद से भारतीय मानक अनुरूपता मूल्यांकन योजना ब्यूरो बीआईएस (Bureau Of Indian Standards) द्वारा विकसित किया गया है। गुणवत्ता और खाद्य-सुरक्षा उपभोक्ताओं के लिए सुरक्षित, स्वास्थ्यकर दूध और दूध उत्पादों को सुनिश्चित करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है। डेयरी क्षेत्र में एक स्थायी संचालन के लिए भी यह जरूरी है।
यह अपनी तरह की पहली प्रमाणन योजना है। दूध और दूध उत्पादों की खराब होने वाली प्रकृति और दूध उत्पादों के उत्पादन और आपूर्ति में शामिल व्यापक कोल्ड-चेन पर विचार के बाद इसे लॉन्च किया गया। इससे पहले दुग्ध और दुग्ध उत्पादों के लिए बीआईएस, आईएसआई मार्क (ISI Mark) देता था और एनडीडीबी (NDDB), क्वालिटी मार्क देता था। NDDB का कामधेनु गाय वाला लोगो आपने कई जगह देखा भी होगा। अब इन सभी की जगह एक एकीकृत लोगो लाया गया है। इसे ‘उत्पाद-खाद्य सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली-प्रक्रिया’ (Product–Food Safety Management System–Process) प्रमाणीकरण कहा जाएगा।
पहले उत्पाद और प्रक्रिया प्रमाणन का कोई एकीकरण नहीं था जिससे डेयरी प्लांटस को प्रमाणीकरण प्राप्त करना मुश्किल हो जाता था। इसके अलावा दूध और दूध उत्पादों की गुणवत्ता के प्रति उपभोक्ता जागरूकता का भी अभाव था। पशुपालन और डेयरी विभाग, भारत सरकार की पहल के साथ बीआईएस द्वारा एनडीडीबी की मदद से एक एकीकृत अनुरूपता मूल्यांकन योजना (Conformity Assessment Scheme) तैयार की गई।
क्या है अनुरूपता मूल्यांकन योजना ?
यह योजना दूध और दूध उत्पादों के प्रमाणीकरण और प्रक्रिया आवश्यकताओं के प्रमाणीकरण पर केंद्रित है। इस योजना के तहत किसान से लेकर खुदरा केंद्र तक दूध प्रसंस्करण श्रृंखला (Milk Processing Chain) में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
प्रक्रिया और उत्पादों के प्रमाणीकरण में एनडीडीबी और बीआईएस शामिल हैं। एनडीडीबी सहकारी डेयरियों के लिए ब्रांड पहचान बनाने और उपभोक्ता विश्वास बढ़ाने में मदद करेगा। दूसरी ओर, बीआईएस के पास डेयरी निर्माताओं को लाइसेंस देने का काम है। प्रमाण पाने के लिए आप बीआईएस की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
अनुरूपता मूल्यांकन योजना के फ़ायदे
यह देशभर में दूध और दूध उत्पादों की गुणवत्ता और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अनुरूपता मूल्यांकन योजना की मदद से ऐसे मिलेगा फ़ायदा –
- प्रमाणन प्रक्रिया आसान रहेगी
- डेयरियाँ ग्राहकों का विश्वास जीत सकती हैं और अपनी ब्रैन्ड इमेज को बढ़ा सकती हैं
- संगठित क्षेत्र में दूध और दूध उत्पादों की बिक्री बढ़ेगी और साथ में पशुपालकों की आय बढ़ेगी
- डेयरी सेक्टर में क्वालिटी कल्चर का विकास होगा
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