गेहूँ का रिकॉर्ड – रबी खरीद सीज़न के तहत 15 जून 2021 तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर 428.77 लाख मीट्रिक टन गेहूँ की खरीद हो चुकी है। इसने पिछले साल की सर्वाधिक खरीद का 389.92 लाख मीट्रिक टन का रिकॉर्ड तोड़ा है। आम तौर पर रबी खरीद सीज़न की खरीदारी 15 जून तक की जाती है, लेकिन इस साल कोरोना प्रतिबन्धों को देखते हुए मंडियों में खरीदारी को अभी बन्द नहीं किया गया है। लिहाज़ा, मुमकिन है कि खरीदारी बन्द होने तक रोज़ाना नये-नये रिकॉर्ड बनते रहें।
चालू रबी सीज़न के लिए पिछले साल 21 सितम्बर को केन्द्र सरकार ने MSP में इज़ाफ़ा किया था। तब गेहूँ का MSP, 1925 रुपये से बढ़ाकर 1975 रुपये प्रति क्विंटल या 19 लाख 75 हज़ार रुपये प्रति मीट्रिक टन कर दिया था। सरकारी आँकड़ों के अनुसार, अब तक 48.2 लाख से ज़्यादा किसानों को रबी की फसलों की खरीद के बदले 84,682.65 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
5 राज्यों की भूमिका
गेहूँ की सरकारी खरीद का रोचक पहलू ये है कि इसका 98 फ़ीसदी हिस्सा देश के सिर्फ़ पाँच राज्यों, पंजाब, मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में खरीदा जाता है। इनकी हिस्सेदारी क्रमशः 132.1, 128.08, 84.93, 54.4 और 22.13 लाख मीट्रिक टन रही। जबकि देश के बाकी राज्य में सिर्फ़ 7.23 लाख मीट्रिक टन गेहूँ की ही सरकारी खरीदारी हुई।
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धान का रिकॉर्ड – 15 जून 2021 तक धान की कुल सरकारी खरीद का आँकड़ा भी 835.18 लाख मीट्रिक टन को पार कर गया। इसमें खरीफ सीज़न का 707.67 लाख मीट्रिक टन और चालू रबी सीज़न का 127.51 लाख मीट्रिक टन का हिस्सा शामिल है। पिछले साल इसी वक़्त तक 745.78 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया था। यानी, धान की खरीद भी इस साल करीब 80 लाख मीट्रिक टन ज़्यादा हुई है। ये अब तक सर्वोच्च स्तर है, क्योंकि पिछले साल दोनों सीज़न मिलाकर धान की कुल खरीद 773.45 लाख मीट्रिक टन हुई थी।
दलहन-तिलहन की सरकारी खरीद
खरीफ 2020-21 और रबी 2021 के तहत सरकारी एजेंसियों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर 15 जून 2021 तक 8.45 लाख मीट्रिक टन मूँग, उड़द, अरहर, चना, मसूर, मूँगफली की फली, सरसों के बीज और सोयाबीन की खरीदारी की है। ये खरीदारी मुख्य तौर पर तमिलनाडु, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा और राजस्थान के किसानों से की गयी है। इसके तहत 5.03 लाख किसानों को 4,409.67 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। इसी तरह, कर्नाटक और तमिलनाडु के करीब 4 हज़ार किसानो से 5,089 मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) की खरीदारी की गयी और इन्हें 52.4 करोड़ रुपये अदा किये गये।