एक तरफ केन्द्र सरकार किसानों के भले के लिए तीन नए कानून पास करने का दावा करती है वहीं दूसरी ओर किसान इन कानूनों का विरोध करते हुए दिल्ली में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में आम जनता को सहज ही रुचि उत्पन्न होती है कि आखिर कौन सही है? किसानों की आर्थिक स्थिति कैसी है और उनकी दयनीय हालत कैसे सुधारी जाए इस पर कई सर्वे हुए हैं।
हाल ही राजस्थान विश्वविद्यालय की ओर से हुई एक रिसर्च में पाया गया कि राजस्थान के किसानों की कुल औसतन सालाना इनकम मात्र 90,000 रुपए ही है।
आज के दौर में जब 10 हजार रुपए महीने से कम में घर का खर्च चलाना आसान नहीं है लेकिन ऐसे में भी राजस्थान राज्य के किसानों की इनकम मात्र 7500 रुपए महीना है। उदयपुर संभाग के प्रतापगढ़ में किसान की जेब में महीनेभर में 4500 रुपए ही आते हैं जबकि जैसलमेर का किसान हर माह 15500 रुपए कमा रहा है।
राजस्थान विश्वविद्यालय द्वारा की गई रिसर्च में यह खुलासा हुआ है जिसकी रिपोर्ट यूनिवर्सिटी ने हाल ही में नीति आयोग को सौंपी है। रिपोर्ट में सबसे अच्छी स्थिति जालौर और आसपास के किसानों की पाई गई। रिसर्च से जुड़े यशवर्धन सिंह के अनुसार राज्य के किसानों की सालाना आय खर्च से कम ही होती है।
जैलसमेर में किसानों की इनकम औसतन 1.85 लाख रुपए सालाना है। पाली में किसानों की आय 1.31 लाख रुपए तथा अलवर, जालौर व आसपास के क्षेत्रों में किसानों की आय लगभग 1.14 लाख रुपए सालाना है। जबकि भीलवाड़ा, भरतपुर तथा बीकानेर के किसान 1 लाख से अधिक कमा रहे हैं। इसी प्रकार जोधपुर व आसपास के किसान औसतन लगभग 99 हजार रुपए प्रति वर्ष कमा रहे हैं।
प्रतापगड़ में सबसे बुरा हाल है। पूरे राज्य में किसानों की सालाना औसतन इनकम 90918 रुपए है परन्तु प्रतापगढ़ में किसान 51473 रुपए, उदयपुर में 61722 रुपए तथा बांसवाड़ा में 62400 रुपए ही कमा पा रहे हैं।