कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप और लहसुन की प्रबल एंटी-बॉयोटिक प्रोपर्टीज को देखते हुए इस बार हाडौ़ती में लहसुन की सर्वाधिक बुवाई की गई है। राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय बाजार में लहसुन की मांग होने के कारण लहसुन की कीमत 140 से 160 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं।
इसके चलते हाड़ौती में लहसुन की बुवाई का आंकड़ा एक लाख दस हजार हैक्टेयर तक पहुंच गया जो पिछले पांच वर्षों में सर्वाधिक है। उल्लेखनीय है कि पिछली बार मात्र 61 हजार हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी।
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यहां सबसे बड़ी बात यह भी सामने आई कि किसान खेती उपज का दाम देखकर करते हैं। जिस फसल के दाम अधिक होते हैं, उसकी बुवाई ज्यादा करते हैं। इस बार लहसुन के दाम उच्च स्तर पर पहुंच गए थे, इसके चलते हाड़ौती के किसानों ने मसाला फसलों में लहसुन की सर्वाधिक बुवाई की हैं।
बुवाई के बाद गिरने लगे दाम
हाड़ौती में लहसुन की बुवाई नवम्बर माह में पूरी हो गई। लहसुन की बुवाई चल रही थी, तब दिवाली तक लहसुन के दाम 150 रुपए किलो थे, अब धीरे-धीरे दामों में गिरावट आना शुरु हो गया है। इससे किसानों में अभी से चिंता की लकीरें खिंचने लग गई हैं। जिन किसानों ने लहसुन का स्टॉक कर रखा था, उन्होंने अब बेचना शुरू कर दिया है। हालांकि पिछले एक माह में ही भाव में 2000 से 3000 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट आ गई है।