कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में तेजी आती नजर आ रही है। एक तरफ जहां इस आंदोलन को धार देने के लिए राजस्थान के किसान भी सामने आते नजर आ रहे हैं तो वहीं सिंघु, टिकरी, चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसानों ने भी पूरी तैयारी कर रखी है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने एक तंज कसते हुए कहा कि आज बारिश आएगी इससे बचने का तरीका ढूढंगे।
उल्लेखनीय है कि शनिवार सुबह दिल्ली एनसीआर में बारिश हुई जिसके कारण हल्की ठंड बढ़ गई। वहीं, खुले आसमान में बैठे रहने के कारण किसानों की झोपड़ियां भी भीग गई है। जिसको लेकर राकेश टिकैत ने मजाकिया अंदाज में जवाब दिया। टिकैत ने कहा कि आज बारिश आएगी इससे बचने का तरीका ढूढेंगे कि कैसे खुले में आने वाले लोग को बचाना है। वहीं अपनी झोंपड़ी और अपनी पराली को गीला होने से बचाएंगे। अगर ये भीग गई तो किसानों को दिक्कत होगी।
उन्होंने कहा कि हम लोगों का ये भी एक बहुत बड़ा प्लान है, उधर गांव में मौजूद हमारे किसान टोल नाको पर मौजूद है। लेकिन इधर किस तरह बारिश से बचना है उसके तरीके सिखाएं जाएंगे। दरअसल उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के विभिन्न जगहों से किसान गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे हुए हैं। वहीं कृषि कानूनों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद किए हुए हैं।
कृषि कानून वापस लेने पर अड़े किसान संगठनों को तीन हफ्ते होने जा रहे है और हर दिन किसान अपना आंदोलन तेज कर रहे हैं। जिसके कारण सिंघु बॉर्डर, टिगरी बॉर्डर समेत कई स्थानों पर यातायात ठप है। दिल्ली से जुड़ने वाले अधिकांश बॉर्डर पर किसानों ने अपना डेरा डाला हुआ है। वहीं लोगों को सफर करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं किसान आज से दिल्ली-जयपुर और आगरा हाईवे जाम करने की तैयारी कर रहे हैं।
इन हाईवे के बंद होने से दिल्ली से जुड़ने वाले सभी मार्गो पर यात्रियों को एक बड़ी परेशानी खड़ी हो जाएगी। किसानों ने केंद्र सरकार का प्रस्ताव खारिज कर दिया था वहीं अपना आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है। प्रदर्शनकारी किसानों ने दिल्ली-जयपुर हाईवे और दिल्ली-आगरा हाईवे को 12 दिसंबर को बंद रखने का ऐलान किया है साथ ही देश के सभी टोल प्लाजा फ्री करने का भी तय किया है।