किसान नेता राकेश टिकैट (Rakesh Tikait) के ताज़ा तेवर कहीं इशारा तो नहीं कर रहे कि तीन महीने से शान्तिपूर्ण ढंग से जारी किसान आन्दोलन अब सत्ता तंत्र से टकराने का मूड बना रहा है। राजस्थान के सीकर में मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा की किसान महापंचायत में राकेश टिकैत ने कहा कि अगर केन्द्र सरकार ने तीनों कृषि क़ानूनों को वापस नहीं लिया तो अगली बार संसद घेरने का आह्वान किया जाएगा और वहाँ 4 लाख नहीं, बल्कि 40 लाख ट्रैक्टर जाएँगे।
संयुक्त मोर्चा ही तय करेगा तारीख़
राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली जाकर संसद का घेराव करने का आह्वान कभी भी हो सकता है। इसकी तारीख़ संयुक्त मोर्चा ही तय करेगा। उन्होंने किसानों को इसके लिए तैयारी शुरू कर देने को भी कहा। भाषण में उन्होंने बहुत सख़्त अन्दाज़ में कहा कि ‘कान खुलकर सुन ले दिल्ली, ये किसान भी वही हैं और ट्रैक्टर भी वही होंगे। अबकी बार आह्वान संसद का होगा। कहकर जाएँगे संसद पर। इस बार 4 लाख नहीं, 40 लाख ट्रैक्टर जाएँगे। किसान इंडिया गेट के पास के पार्कों में जुताई करेगा और फसल भी उगाएगा।’
गोदामों को ध्वस्त करने की धमकी
टिकैत ने आगे कहा कि सरकार को किसानों की तरफ से खुली चुनौती है कि सरकार ने तीनों कृषि क़ानून वापस नहीं लिये और MSP (न्यूनतन समर्थन मूल्य) लागू नहीं की तो बड़ी-बड़ी कम्पनियों के गोदामों को ध्वस्त करने का काम भी देश का किसान करेगा। उन्होंने फिर दोहराया कि 26 जनवरी की घटना के मामले में देश के किसानों को बदनाम करने की साज़िश की गयी।
इसमें कोई शक़ नहीं कि टिकैत का बयान अत्यधिक जोश और झुंझलाहट से भरा हुआ है। क्योंकि 40 लाख ट्रैक्टर तो बहुत बड़ी और असम्भव जैसी संख्या है। यदि संसद के आसपास महज एक सौ ट्रैक्टर भी पहुँच जाएँ तो हालात हिंसक हो सकते हैं। ज़ाहिर है, सरकार इसे रोकने के लिए पूरा ज़ोर लगा देगी। दोनों ओर की ऐसी ज़ोर-आज़माइश की कल्पना ही ख़ासी भयावह है।