भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि कृषि कानून तथा किसानों के विरोध प्रदर्शन का हल प्रधानमंत्री और भारत सरकार को ही निकालना है, कोई विपक्ष या राहुल गांधी को नहीं। एक महीना हो गया है और किसान घर वापस नहीं जाएंगे, पहले बैठ कर समझौता करो और कानून वापस लो।
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राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि कानून पर बातचीत करने को तैयार हैं, लेकिन ये तो नहीं बोले कि हम कृषि कानून वापस ले लेंगे। हम भी बात करने को तैयार हैं लेकिन वो कंडीशन लगा रहे हैं कि वापस नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों को कोई गुमराह नहीं कर रहा है, यहां सिर्फ किसान का मकसद है कि MSP पर कानून बने और इन कृषि कानूनों को रद्द करें।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों का नाम लिया है। दिल्ली की सीमाओं पर किसान बैठे हैं, सभी के साथ बैठ कर इस मसले को सुलझाया जाए।
उल्लेखनीय है कि आज किसानों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि कुछ लोग जिनकी राजनीतिक जमीन खिसक गई है, वे किसानों को गुमराह कर रहे हैं। वहीं लोग कृषि कानूनों का भी विरोध कर रहे हैं। पीएम मोदी ने विपक्ष पर राजनीतिक एजेंडा चलाने का आरोप लगाते हुए ताबड़तोड़ हमले भी किए।
आज ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi) के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के मौके पर देश के नौ करोड़ किसानों के खाते में 18 हजार करोड़ की सम्मान निधि भी हस्तांतरित की। मोदी ने कहा था कि कृषि कानून को लेकर झूठ फैलाया जा रहा है। MSP और मंडी पर अफवाह जारी है। किसानों की खुशी में ही हमारी खुशी है।