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भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन के ‘गणतंत्र मंडपम’ में आयोजित समारोह में साइंस एंड टेक्नोलॉजी (Science & Technology) के किसी भी एरिया में लाइफटाइम योगदान देने वाले वैज्ञानिकों को सम्मानित किया। राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार-2024 (Rashtriya Vigyan Puraskar-2024) के मौकेपर 13 विज्ञान श्री पुरस्कार, 18 विज्ञान युवा-शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार और एक विज्ञान टीम पुरस्कार प्रदान किए। राष्ट्रपति के साथ 22 अगस्त 2024 को साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर डॉ. जितेंद्र सिंह भी इस समारोह में मौजूद रहे।
आपको बता दें कि विज्ञान श्री अवॉर्ड 13 वैज्ञानिकों को उनके रिलेटेड एरिया में उनकी रिसर्च के लिए दिया गया। साइंस एंड टेक्नोलॉजी के किसी भी एरिया में असाधारण योगदान देने वाले वैज्ञानिकों को विज्ञान युवा-एसएसबी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वहीं विज्ञान टीम पुरस्कार, साइंस एंड टेक्नोलॉजी के किसी भी एरिया में शानदार रिसर्च में योगदान देने के लिए वैज्ञानिकों की टीम को दिया गया।
इन चार कैटेगरी में राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार
विज्ञान रत्न पुरस्कार: साइंस एंड टेक्नोलॉजी के एरिया में लाइफ टाइम अचीवमेंट हासिल करने वाले ख़ास लोगों को ये अवॉर्ड दिया जाता है। सरकार ने विज्ञान के क्षेत्र में दिए जाने वाले इस सर्वोच्च पुरस्कार की शुरुआत इसी साल की है।
विज्ञान श्री पुरस्कार : साइंस एंड टेक्नोलॉजी स्पेशल कंट्रीब्यूशन देने वाले लोगों को ये सम्मान मिलता इसमें 25 अवॉर्ड दिये जाते हैं।
विज्ञान युवा शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार: विज्ञान और प्रौद्योगिकी में असाधारण योगदान देने वाले यंग साइंटिस्ट को ये सम्मान मिलता है। इस कैटेगरी में 25 अवॉर्ड दिये जाते हैं।
विज्ञान टीम पुरस्कार: तीन या ज़्यादा साइंटिस्ट और रिसर्चर्स की टीम को ये अवॉर्ड मिलता है। जिसने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया हो। इस वर्ग में तीन पुरस्कार दिए जाते हैं।
कृषि क्षेत्र में मिले राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार-2024
ये वैज्ञानिक कृषि के क्षेत्र में नई तकनीकों, उन्नत तरीकों और महत्वपूर्ण अनुसंधानों के माध्यम से क्रांति ला रहे हैं। उनके शानदार कामों ने फसल उत्पादन को बढ़ाने, बीमारियों को नियंत्रित करने और कृषि को ज्यादा सस्टेनेबल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके शोध ने न केवल भारतीय कृषि को बेहतर बनाया है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है।
जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में गोविंदराजन पद्मनाभन को पुरस्कार
विज्ञान रत्न पुरस्कार: प्रोफेसर गोविंदराजन पद्मनाभ को राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार-2024 का विज्ञान रत्न पुरस्कार मिला है। जो भारतीय विज्ञान संस्थान (Indian Institute of Science), बैंगलोर और एनएएसआई मानद (NASI Honorary) साइंटिस्ट हैं। गोविंदराजन पद्मनाभन को पहले विज्ञान रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। सरकार ने विज्ञान के क्षेत्र में दिए जाने वाले इस सर्वोच्च पुरस्कार की शुरुआत इसी साल की है। प्रोफेसर पद्मनाभन ने नई दिल्ली में जैव प्रौद्योगिकी उद्योग सहायता परिषद (Biotechnology Industry Assistance Council) के बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ये काउंसिल 1800 इनक्यूबेटर्स का सपोर्ट करती है। बायोटेक्नोलॉजी के एरिया में 800 से ज़्यादा प्रोडक्ट्स को तैयार करती है। इन्हें पद्म भूषण, पद्म श्री और शांति स्वरुप भटनागर अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है। प्रोफेसर गोविंदराजन वर्तमान में IISc में जैव रसायन विभाग में मानद प्रोफेसर और तमिलनाडु केंद्रीय विश्वविद्यालय के चांसलर के रूप में सेवाएं दे रहे हैं।
डॉ. कृष्ण मूर्ति ने विकसित की चावल की उन्नत किस्में
विज्ञान युवा पुरस्कार: डॉ. कृष्ण मूर्ति एसएल को एग्रीकल्चरल साइंस में राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार-2024 का विज्ञान युवा पुरस्कार दिया गया है। इंडियन राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट, हैदराबाद में डॉ मूर्ति सीनियर साइंटिस्ट हैं। डॉ. कृष्ण मूर्ति ने चावल की 6 नमक सहिष्णु (Salt Tolerant) किस्में और लवणता और क्षारीयता सहनशीलता (Salinity and Alkalinity Tolerance) के लिए चार जेनेटिक स्टॉक डेवलप किये हैं। एक्सटेंशन रिलेटेड काम से इन किस्मों के साथ एक ज़रूरी एरिया (key area) को शामिल करने में मदद मिली।
डॉ. स्वरूप कुमार परिदा को एग्रीकल्चरल साइंस में राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार
विज्ञान युवा पुरस्कार: राष्ट्रीय पादप जीनोम अनुसंधान संस्थान (National Plant Genome Research Institute) नई दिल्ली के साइंटिस्ट हैं डॉ. स्वरूप कुमार परिदा। इनको एग्रीकल्चरल साइंस में राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार-2024 पुरस्कार दिया गया है। डॉ. परिदा ने इंटीग्रेटेड नेक्स्ट जेनरेशन के आणविक प्रजनन (Molecular breeding) पर अलग-अलग कॉन्सेप्ट को डेवलप करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसे कॉम्पेलेक्स स्ट्रेस टॉलरेंस, पैदावार और पौधे के कुशल आनुवंशिक विच्छेदन (Efficient genetic dissection), चावल और चने की फसल सुधार में तेजी लाने के लिए आर्किटेक्चरल फीचर के लिए तैनात किया है।
डॉ. पूरबी सैकिया को पर्यावरण विज्ञान में राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार
विज्ञान युवा-शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार: डॉ. पूरबी सैकिया जो झारखंड सेंट्रल यूनिवर्सिटी, रांची के असिस्टेंट प्रोफेसर हैं, को राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार-2024 के विज्ञान युवा-शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। डॉ सैकिया इकोलॉजिकल आला मॉडलिंग, क्वांटेटिव इकोलॉजिकल एनालिसिस (Quantitative Ecological Analysis) और आरईटी पौधों की वैराइटी के प्रोटेक्शन में स्किल डेवलपर हैं। उनकी रिसर्च पब्लिकेशन में रीजनल एप्लिकेशन के चांस हैं और पॉलिसी प्लानिंग के लिए साइंटिफिक एविडेंस (Scientific Evidence) के रूप में भी महत्वपूर्ण हैं।
डॉ. बप्पी पॉल को पर्यावरण विज्ञान में राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार
विज्ञान युवा-शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार: डॉ. बप्पी पॉल को पर्यावरण विज्ञान में अतुलनीय योगदान के लिए राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार-2024 का विज्ञान युवा-शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार दिया गया है। राष्ट्रीय फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, गांधीनगर के असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। डॉ पॉल ने फ्यूचर के फ्यूल के रूप में इथेनॉल में कार्बन डाइऑक्साइड के सीधे हाइड्रोजेनेशन के लिए एक प्रक्रिया और उत्प्रेरक (Process and catalysts) डेवलप किया है और वैश्विक वायु प्रदूषण के लिए उत्तरदाई उद्योगों (Responsible Industries) और परिवहन से उत्सर्जित वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों (emitted volatile organic compounds) को हटाने में भी योगदान दिया है।
फ़ूड प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी पर डॉ. आनंद रामकृष्णन को राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार
विज्ञान श्री पुरस्कार : डॉ. आनंद रामकृष्णन को राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार-2024 के विज्ञान श्री पुरस्कार से नवाज़ा गया है। डॉ आनंद वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंस्थान परिषद (Council of Scientific and Industrial Research) के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर इंटरडिसिप्लिनरी साइंस एंड टेक्नोलॉजी, तिरुवनंतपुरम के निदेशक हैं। डॉ. आनंदरामकृष्णन ने फूड प्रोसेसिंग के एरिया में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। साथ ही इनोवेटिव फूड प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी (Innovative food processing technologies), न्यूट्रिएंट डिलेवरी सिस्टम (Nutrient delivery systems), 3-डी फूड प्रिंटिग की दिशा में रिसर्च और डेवलपमेंट में सुधार किया है।
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