कैसे लोगों को खेती-किसानी में आत्मनिर्भर बनाया जाए, इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारें लगातार काम कर रही हैं। लेकिन इन सबके बीच एक प्रयास ऐसा है, जिससे प्रगतिशील किसानों को काफ़ी लाभ हो सकता है। खेती से जुड़े विभिन्न कार्यों में किसानों को सक्षम बनाने के लिए किसानों को निशुल्क ट्रेनिंग देने की एक राज्य ने पहल की है। अगर आप फल-फूल की खेती, मशरूम उत्पादन की जानकारी, मधुमक्खी पालन सहित कई और खेती-बाड़ी से जुड़े कार्यों में रुचि रखते हैं, तो ये पूरी ख़बर ज़रूर पढ़ें।
खेती-बाड़ी से जुड़े इन विषयों पर मिलेगी ट्रेनिंग
उत्तर प्रदेश का उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग खेती-किसानी पर निशुल्क ट्रेनिंग देने जा रहा है। इसके अंतर्गत 17 विषयों पर ट्रेनिंग देने की योजना है। इसमें फल-सब्जी संरक्षण, संरक्षित खेती, फूल-फलों की खेती, सब्जियों की खेती, औषधीय फसलों की खेती, पान की खेती और मधुमक्खी पालन से संबंधित जानकारी दी जाएगी। साथ ही पुराने बागों का पुनर्विकास, आम निर्यात के लिए बाग प्रबंधन, सूक्ष्म सिंचाई पद्धति, ढाबा फ़ास्ट फ़ूड, माली प्रशिक्षण, उद्यमिता विकास योजना और फलपट्टी विकास योजना की बारीकियों से भी प्रशिक्षित जाएगा। इन विषयों में से जिसमें आपकी रुचि है, आप चुन सकते हैं।
एक दिन से लेकर महीने भर के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए ट्रेनिंग की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जो अगले 15 दिनों तक चलेगी। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के विभिन्न केंद्रों पर विषय विशेषज्ञ ये ट्रेनिंग देंगे। ट्रेनिंग के दौरान खाने और रहने की निशुल्क व्यवस्था भी उद्यान विभाग ने की है।
ऐसे करें आवेदन
उत्तर प्रदेश के उद्यान विभाग द्वारा आयोजित इस ट्रेनिंग के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन के लिए इस लिंक पर जाएं http://dbt.uphorticulture.in/training.aspx और फिर फ़ॉर्म में मांगी गई जानकारी को अच्छे से भर दें। इस फ़ॉर्म में इच्छुक आवेदक को अपने मंडल, जिले, ब्लॉक का नाम, गांव का नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, आधार नंबर, पता भरना होगा। इसके बाद आपको किस विषय पर ट्रेनिंग लेनी है, उसका चयन कर सबमिट बटन पर क्लिक कर दें। इसके अलावा जनपद के जिला उद्यान कार्यालय में जाकर भी रजिस्ट्रेशन कराने की व्यवस्था है।
यकीनन देश के अन्य राज्यों में भी बड़े पैमाने पर ये व्यवस्था लागू की जाए तो इसे खेती-किसानी के विस्तार में मदद मिलेगी। आपको क्या लगता है अन्य राज्य सरकारों को भी खेती-बाड़ी से संबंधित फ़्री ट्रेनिंग का आयोजन करना चाहिए? हमसे अपने विचार ज़रूर साझा करें।