तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन कहीं-कहीं उग्र रूप भी लेता जा रहा है। इस तरह की घटनाओं को लेकर किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने चिंता जताई है। संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल भारतीय किसान यूनियन चढ़ूनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने आंदोलनकारी किसानों को सख्त हिदायत दी है कि वो विरोध के लोकतांत्रिक तरीकों के मुताबिक ही कृषि कानूनों का विरोध करें।
चढ़ूनी ने चेतावनी दी कि हिंसा से आंदोलन ख़त्म हो सकता है, इसलिए किसानों को हिंसात्मक गतिविधियों और उग्र रुख अपनाने से बचने की ज़रूरत है। किसान संयुक्त मोर्चा के एक और नेता बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि चुनाव से मोर्चा का कोई लेना-देना नहीं है, मोर्चा ने अपना कोई उम्मीदवार खड़ा भी नहीं किया है। किसान नेताओं ने कहा कि आंदोलन उग्र हुआ तो कृषि कानूनों के खिलाफ चल रही लड़ाई में हार हो सकती है।
किसान आंदोलन के बीच ऐलनाबाद चुनाव को लेकर राजनीति गरमाई
ऐलनाबाद विधानसभा उपचुनाव को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। आंदोलनकारी किसान सत्तारुढ़ बीजेपी-जेजेपी गठबंधन के ख़िलाफ़ हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने किसी भी दल के उम्मीदवार का समर्थन नहीं किया है और न ही किसी उम्मीदवार को ही उतारा है, लेकिन किसान आंदोलन के मंच से सत्तारुढ़ गठबंधन के उम्मीदवार को वोट नहीं देने की अपील की गई है।
किसान नेताओं का कहना है कि किसान विरोधी सत्तारूढ़ गठबंधन को वोट नहीं दें, उनके उम्मीदवार को छोड़कर जिसे भी वोट देना हो, उन्हें वोट दें। इसी को लेकर बीजेपी उम्मीदवार गुरुद्वारा में मत्था टेकने गए थे, लेकिन वहां मौजूद कुछ स्थानीय किसानों ने उन्हें धक्के मारकर बाहर निकाल दिया। इसी घटना को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने नाराज़गी जताई है और आंदोलनकारी किसानों से कहा है कि ये तरीका सही नहीं है, इससे किसान मोर्चा की बदनामी हो सकती है।
बीजेपी उम्मीदवार को धक्का देने से संयुक्त किसान मोर्चा नाराज़
हरियाणा के ऐलनाबाद में हो रहे उपचुनाव में सत्तारुढ़ गठबंधन ने बीजेपी के गोविंद कांडा को उम्मीदवार बनाया है। आंदोलनकारी किसानों में सरकार के खिलाफ नाराज़गी है, इसी माहौल में गोविंद कांडा चुनाव प्रचार के दौरान एक गुरुद्वारा पहुंचे थे। उनके साथ बीजेपी के जसवीर सिंह चहल भी थे। इस पर वहां मौजूद कुछ किसानों ने इन दोनों नेताओं को गुरुद्वारा में जाने से रोक दिया।
गोविंद कांडा ने किसानों से बात करके उन्हें समझाने की कोशिश की, जिस पर किसान और भड़क गए और उन्हें धक्का मारकर बाहर निकाल दिया। गोविंद कांडा का बचाव करने की कोशिश कर रहे जसवीर सिंह चहल को भी धक्का मारकर बाहर निकाल दिया गया। इसके बाद दोनों नेता वहां से अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ चुपचाप चले गए। इसी घटना का वीडियो सामने आने के बाद से संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने नाराज़गी जताई है।