मोदी सरकार द्वारा पारित किए गए तीन कृषि बिलों के विरोध में किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि सरकार किसानों की मांग को लेकर गंभीर नहीं है। मोर्चा की ओर से एक बयान जारी करते हुए किसान नेता डॉ. दर्शनपाल ने कहा कि सरकार किसानों की समस्याओं और आपत्तियों को हल्के में ले रही है।
ये भी देखें : कांग्रेस ने की मांग, भूमि अधिग्रहण के लिए सिक्योरिटी डिपोजिट का प्रावधान खत्म हो
ये भी देखें : बेकार डिब्बों में पौधे लगा शुरू की बागवानी, अब हजारों पौधों से कमा रहे हैं लाखों
उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर से ही दिल्ली से सटी अन्य राज्यों की सीमाओं पर किसान संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आंदोलन कर रहे किसान केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल सितंबर में लाए गए कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) अधिनियम 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और किसान सेवा पर करार अधिनियम 2020 एवं आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020 को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की मांग कर रहे हैं।
ये भी देखें : किसानों को मिलेगा 16.5 लाख करोड़ का लोन, फसलों पर लागत का डेढ़ गुना एमएसपी भी
ये भी देखें : 70 हजार गांवों के वेलनेस सेंटर्स होंगे हाइटेक, कोराना वैक्सीनेशन हो जायेगा आसान
इस बीच लगातार किसान महापंचायतों का दौर भी चल रहा है। इन महापंचायतों में अपनी मांगों को मनवाने के लिए किसान आगे की रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। इसके साथ ही 13 फरवरी से 23 फरवरी 2021 तक के विभिन्न कार्यक्रमों का शेड्यूल भी घोषित कर दिया गया है।