अरबी की खेती (Taro Root Farming): जानिए उन्नत किस्में कैसे देती हैं किसानों को लाभ और कितना होगा उत्पादन

अरबी को कंद के रुप में बोया जाता है। एक हेक्टेयर खेत में करीब 15-20 क्विंटल बीज की ज़रूरत होती है। अगर आप अरबी की खेती करना चाहते हैं तो इसकी किस्मों के बारे में भी ज़रूर जान लें।

अरबी की खेती taro root farming अरबी की किस्में

अरबी कंद वाली सब्ज़ी है, जो जम़ीन के अंदर आलू की तरह उगती है। इसे घोईया, कोचई आदि भी कहा जाता है। अरबी के कंद की सब्ज़ी बनाने के अलावा, इसके पत्तों से पकौड़े भी बनाए जाते हैं। अरबी गैस्ट्रिक के मरीज़ों के लिए फ़ायदेमंद मानी जाती है। अरबी के कंद में मुख्य रूप से स्टार्च होता है, जबकि पत्तियों में विटामिन ए, कैल्शियम, फॉस्फोरस और आयरन होता है। अरबी की खेती प्याज और आलू जैसी फसलों के साथ भी की जा सकती है। इससे किसानों को अधिक मुनाफ़ा होता है। अरबी की उन्नत किस्मों की खेती करके किसान अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।

अरबी की खेती taro root farming अरबी की किस्में
तस्वीर साभार: twitter

अरबी की उन्नत किस्में

राजेंद्र अरबी- अरबी की इस किस्म की खेती ख़ासतौर पर बिहार में की जाती है। बुवाई के बाद 160-180 दिनों में इसकी फसल तैयार हो जाती है। इसकी औसत उपज क्षमता 18-20 टन प्रति हेक्टेयर है।

व्हाइट गौरैया- अरबी की कई किस्मों में कंद और पत्तों को खाने के बाद खुजली होने लगती है, लेकिन इस किस्म में ऐसा नहीं होता। बुवाई के 180-190 दिन बाद अरबी की पैदावार होने लगती है। इसकी प्रति हेक्टेयर उपज क्षमता 170-190 क्विंटल है।

अरबी की खेती taro root farming अरबी की किस्में
तस्वीर साभार: stylecraze

पंचमुखी- अरबी की इस किस्म के पौधे में 5 मुख्य कंदिकाएं होती हैं। इसलिए इसे पंचमुखी कहा जाता है। रोपाई के 180-200 दिन बाद फसल तैयार हो जाती है। इस किस्म की पैदावार अन्य किस्मों से बहुत अधिक है। औसत उपज क्षमता 200-250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।

मुक्ताकेशी- यह किस्म कम समय में अधिक उपज के लिए उगाई जाती है। कंद लगाने के 160-170 दिन बाद ही फसल तैयार हो जाती है। इसकी औसत उपज क्षमता प्रति हेक्टेयर 200 क्विंटल है।

अरबी की खेती taro root farming अरबी की किस्में
तस्वीर साभार: ICAR

अरबी की खेती (Taro Root Farming): जानिए उन्नत किस्में कैसे देती हैं किसानों को लाभ और कितना होगा उत्पादन

आज़ाद अरबी 1- यह किस्म भी कम समय में अधिक उत्पादन देने वाली है। कंद की बुवाई के करीब 120 दिन बाद ही पैदावार होने लगती है। इसकी औसत उपज क्षमता 280 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। इसके पौधे सामान्य आकार के होते हैं।

अरबी की खेती taro root farming अरबी की किस्में
तस्वीर साभार: tnau

नरेन्द्र अरबी- इस किस्म के बीजों की बुवाई के 160-170 दिन बाद ही फसल तैयार हो जाती है। ख़ास बात यह है कि इस किस्म के पूरे पौधे को खाया जा सकता है। इसका रंग पूरा हरा होता है और प्रति हेक्टेयर औसतन उत्पादन 150 क्विंटल है।

अरबी की खेती के लिए मिट्टी और मौसम

वैसे तो अरबी की खेती किसी भी तरह की मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन बलुई दोमट मिट्टी इसके लिए सबसे अच्छी मानी जाती है। अच्छी उपज के लिए खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। मिट्टी का पी एच मान 5.5 से 7 के बीच होना चाहिए। अरबी की खेती के लिए गर्म मौसम उपयुक्त है। 20 से 35 डिग्री तापमान में फसल अच्छी होती है। अरबी की खेती बरसात और गर्मी के मौसम में की जाती है।

अरबी की खेती taro root farming अरबी की किस्में
तस्वीर साभार: blogspot

कैसे होती है बुवाई?

अरबी को कंद के रुप में बोया जाता है। एक हेक्टेयर खेत में करीब 15-20 क्विंटल बीज की ज़रूरत होती है। कंद की बुवाई से पहले उन्हें बाविस्टीन या रिडोमिल एम जेड- 72 से उपचारित किया जाना ज़रूरी है। फिर कंद की रोपाई की जाती है। बुवाई दो तरीकों से की जा सकती है। पहला समतल भूमि में क्यारियां बनाकर और दूसरा खेत में मेड़ तैयार कर के। दोनों ही तरीकों में कंदों की बुवाई 5 सेंटीमीटर की गहराई में की जाती है।

अरबी की फसल अगर बारिश के मौसम में लगाई जाती है तो अधिक सिंचाई की ज़रूरत नहीं पड़ती है। गर्मी के मौसम में समय-समय पर सिंचाई की जानी चाहिए और कुदरती तरीके से खरपतवार का नियंत्रण भी ज़रूरी है।

अरबी की खेती taro root farming अरबी की किस्में
तस्वीर साभार: ICAR

ये भी पढ़ें: क्या है पोषण वाटिका का मॉडल? कृषि वैज्ञानिक डॉ. अभिषेक प्रताप सिंह से जानिए कैसे घर में बनाएं Nutrition Garden

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

मंडी भाव की जानकारी

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top