भारत में होने वाले मसालों में काली मिर्च का बहुत ही महत्त्वपूर्ण स्थान है। कालीमिर्च की खेती कैसे करें, कहाँ करें और इसके क्या-क्या फायदे हैं, ये सब बातें हम आपको इस लेख में बताएंगे। मुख्य रूप से कालीमिर्च की खेती से जुड़े इन बिंदुओं पर बात होगी:
क्या हैं काली मिर्च और कालीमिर्च की खेती के फ़ायदे?
कैसा हो काली मिर्च की खेती के लिए मौसम ?
कैसी हो काली मिर्च की खेती के लिए मिट्टी?
कैसे करें काली मिर्च के पौधों की रोपाई?
काली मिर्च के अच्छे उत्पादन के लिए खाद और सिंचाई?
कितनी होती है काली मिर्च की पैदावार?
काली मिर्च की किस्में?
क्या हैं काली मिर्च और कालीमिर्च की खेती के फ़ायदे?
काली मिर्च जिसे कई जगहों पर गोल मिर्च और अंग्रेज़ी में ब्लैक पेप्पर (Black Pepper) कहते हैं, माना जाता है, मसालों का राजा है। पुलाव,बिरयानी से लेकर करी वाली सब्ज़ियों का स्वाद बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। इतना ही नहीं, यह औषधीय गुणों से भी भरपूर है। काली मिर्च अन्य मसालों से महंगी मिलती है और इसकी मांग लगातार बढ़ती जा रही है, क्योंकि इंडियन के साथ ही चाइनीज़ व अन्य व्यंजनों में भी इसका इस्तेमाल होता है। ऐसे में काली मिर्च की खेती करके किसान बहुत मुनाफा कमा सकते हैं। काली मिर्च का एक पौधा आराम से 25-30 साल तक फलता-फूलता रहता है। इसका पौधा बेल की तरह होता है। आइए, जानते हैं इसकी खेती से जुड़ी कुछ ज़रूरी बातें:
कैसा हो काली मिर्च की खेती के लिए मौसम ?
काली मिर्च की खेती ज़्यादातर दक्षिण भारत में होती है, लेकिन अब महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के किसान भी इसकी खेती करने लगे हैं। काली मिर्च का पौधा ज़्यादा ठंडे मौसम में नहीं उग पाता है। यह 10 से 40 डिग्री सेल्सियस के तापमान में ही जीवित रह सकता है। काली मिर्च के पौधे को फलने-फूलने नमी के साथ ही अच्छी बारिश की भी ज़रूरत होती है। काली मिर्च का पौधा सदाबहार होता है यानी पूरे साल इसकी खेती की जा सकती है।
कैसी हो काली मिर्च की खेती के लिए मिट्टी?
काली मिर्च की खेती के लिए लाल मिट्टी और लाल लेटेराइट मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है। साथ ही मिट्टी ऐसी होनी चाहिए जो अधिक पानी सोख सके। काली मिर्च की खेती के लिए मिट्टी का पी. एच. मान (pH value) 4.5 से 6 के बीच होना चाहिए।
कैसे करें काली मिर्च के पौधों की रोपाई?
काली मिर्च का पौधा बीज और कलम दोनों ही तरीकों से लगाया जा सकता है। कलम लगाते समय इनके बीच उचित दूरी रखें। एक हेक्टेयर जमीन पर करीब 1666 पौधे लगाना उचित है। यह बेल की तरह बढ़ती है, इसलिए इसे 30 से 45 मीटर तक की ऊंचाई वाले पेड़ पर चढ़ाया जाता है।
काली मिर्च के अच्छे उत्पादन के लिए खाद और सिंचाई
अच्छी फसल के लिए कम्पोस्ट या गोबर की खाद के साथ ही नीम केक के मिश्रण को डालकर अच्छी तरह से मिट्टी में मिला दें। उसके बाद कलम लगाएं या बीज डालें। अम्लीय मिट्टी में हर साल प्रत्येक पौधे को 500 ग्राम चूना या डोलामाइट देना चाहिए। यह बारिश के मौसम से पहले अप्रैल या मई में दें। इसके अलावा 100 ग्राम पोटैशियम के साथ, 750 ग्राम मैग्नीशियम सल्फेट को भी भूमि में मिलाना चाहिए। काली मिर्च की खेती बारिश पर आधारित होती है। यदि बारिश कम हो तो काली मिर्च की खेती के लिए सिंचाई की आवश्यकता होती है।
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कितनी होती है काली मिर्च की पैदावार?
काली मिर्च के हर पौधे से साल में 4 से 6 किलो तक फसल होती है। एक हेक्टेयर में इसकी खेती से 40 से 60 क्विंटल तक पैदावार होती है. इससे एक साल में 10 लाख तक की कुल कमाई हो सकती है।
काली मिर्च की किस्में
काली मिर्च की कई किस्में है जैसे पन्नीयुर-1, पन्नीयुर-2, पन्नीयुर-3, पन्नीयुर-4, पन्नीयुर-5, पंचमी, पौरनामी, सुभकरा आदि। पन्नीयुर सबसे उत्तम किस्म मानी जाती है। काली मिर्च में औषधीय गुण होते हैं इसलिए इसकी देश-विदेश की दवा कंपनियों में भी काफी मांग है, ऐसे में काली मिर्च की खेती से किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं।
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