ट्राइब्स इंडिया (Tribes India) अपने उत्पादों की पेशकश ग्राहकों के लिए आकर्षक बना रहा है और साथ ही साथ लाखों जनजातीय उद्यमियों को बड़ा बाजार पाने में मदद कर रहा है। पिछले कई महीनों से इस उद्देश्य के साथ ट्राइब्स इंडिया ने अनेक नए उत्पाद (मुख्य रूप से प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने वाले उत्पाद और वनों के ताजा और जैविक श्रृंखला के उत्पाद शामिल किए हैं।
इस सप्ताह ट्राइब्स इंडिया ने अपनी पेशकश में कुछ नये उत्पाद जोड़े हैं। इनमें गुजरात में ग्राम संगठन कम्बोडिया के अंतर्गत वसावा जनजातियों द्वारा पर्यावरण अनुकूल सैनिटरी पैड सहेली प्रमुख है। ट्राइब्स इंडिया इनके साथ पूरे देश में सैनिटरी पैड वितरित करने के लिए सहयोग कर रहा है।
नये उत्पाद वन ताजा प्राकृतिक तथा जैविक श्रृंखला में आते है। इनमें से कुछ उत्पाद उपहार देने और सजावट के लिए भी हैं। पिछले कुछ सप्ताहों में पेश किए गए कुछ नये उत्पाद ट्राइब्स इंडिया के आउटलेट, ट्राइब्स इंडिया के मोबाइल वैन और ट्राइब्स इंडिया ई-मार्केटप्लेास (tribesindia.com) और ई-टेलर्स पर उपलब्ध हैं।
इस अवसर पर ट्राइफेड के प्रबंध निदेशक प्रवीर कृष्णा ने कहा कि ट्राइब्स इंडिया जनजातीय जीवन को बदलने और जनजातीय लोगों की आजीविका में सुधार के लिए अपना मिशन जारी रखे हुए है। आज लॉन्च किए गए उत्पादों में वसावा जनजातियों द्वारा बनाए गए सैनिटरी पैड हैं। इनकी सप्लाई ग्राम संगठन कम्बोडिया द्वारा की जा रही है। इस प्रभावकारी और प्रासंगिक कार्य को प्रोत्साहित करने के लिए ट्राइफेड इस किफायती पैड का वितरण करेगा।
आज लॉन्च किए गए उत्पाद देश के विभिन्न भागों में तैयार किए गए हैं। इनमें सुन्दर रूप से बनाई गई गणेश और लक्ष्मी की मूर्ति तथा ओडिशा की डोकरा शैली के सजावटी सामान शामिल हैं। इनमें प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने वाला नाचेतना चूर्ण, गुजरात की हरड़ तथा त्रिफला टैबलेट तथा देहरादून के क्रीमी मशरूम सहित विभिन्न किस्म के शहद हैं। लॉन्च किए गए उत्पादों में तमिलनाडु के जनजातीय लोगों द्वारा बनाया गया मरहम (यूक्लिपटस तथा चंदन) है। झारखंड के जनजातीय लोगों से प्राप्त चिरौंजी नट तथा अमरूद जैली भी लॉन्च की गई है।
देश भर के जनजातीय लोगों और उनकी आजीविकाओं में लाभ के लिए ट्राइफेड गो वोकल फॉर लोकल गो ट्राइब्ल मंत्र का उपयोग करता है। हाल में लॉन्च किया गया ट्राइब्स इंडिया ई-मार्केट भारत का सबसे बड़ा हस्तशिल्पों तथा जैविक उत्पादों का बाजार है, जो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों से पांच लाख जनजातीय उद्यमियों को जोड़ता है। ई-मार्केटप्लेस जनजातीय उत्पादों और हस्तशिल्प को पूरे देश के ग्राहकों को उपलब्ध कराता है।