देशभर में मिलेट्स की खेती को बड़े स्तर पर प्रोत्साहित किया जा रहा है। अलग-अलग जगहों पर श्री अन्न के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं ताकि ज़्यादा से ज़्यादा किसानों मोटे अनाज की खेती को लेकर जागरूक हों और इसे अपनाएं। हाल ही में उत्तराखंड ‘श्री अन्न’ (मिलेट्स) महोत्सव का आयोजन कृषि विभाग, उत्तराखंड की ओर से आयोजित किया गया। इसका उद्घाटन 13 मई को उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही की उपस्थिति में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया।
उद्घाटन सत्र के समय धामी और शाही के अलावा, उत्तराखण्ड के कृषि मंत्री गणेश जोशी, किसान आयोग के अध्यक्ष राकेश राजपूत सहित अन्य विधायक और वैज्ञानिक उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री धामी ने उद्घाटन कर अतिथि सूर्य प्रताप शाही के साथ स्टॉलों का अवलोकन भी किया। कृषि विभाग उत्तराखंड की पौष्टिक फसलों पर आधारित पुस्तक “स्वाद के साथ स्वास्थ्य” का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जनसभा को संबोधित करते हुए कहां कि “श्री अन्न” केवल खेती या खाने तक सीमित नहीं है, जहां “श्री” होता है वहां समृद्धि भी होती है, समग्रता होती है और विजय होती है। “श्री अन्न” भारत में समग्र विकास का माध्यम बन रहा है। इसमें गांव और गरीब जुड़ा है और अब देश का प्रत्येक नागरिक भी जुड़ रहा है। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में प्राचीन काल से ही श्री अन्न की खेती होती थी। उन्होंने कहा कि आज दुनिया श्री अन्न के महत्व को समझ रही है। उत्तर प्रदेश में भी पौष्टिक आहारों को तेज़ी से प्रमोट किया जा रहा है।
श्री अन्न महोत्सव के पहले दिन दोपहर 2:30 के बाद तकनीकी सत्र “मिलेट खेत से प्लेट तक” का आयोजन किया गया। इसमें इन्डीयन इन्स्टीट्यूट ऑफ़ मिलेट रिसर्च की ओर से प्रस्तुतिकरण दी गई। साथ ही होटल और रेस्टोरेन्ट में मिलेट को मेन्यू में जगह देने जैसे विषयों पर भी चर्चा की गई। किसानों के मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया।
महोत्सव के दूसरे दिन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के केंद्रीय राज्य मंत्री कैलाश चौधरी भी पहुंचे। महोत्सव के दूसरे दिन दो सत्रों का आयोजन किया गया जिसमें पहला – वैज्ञानिक सत्र जिसमें विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान की ओर से किसानों को मिलेट फसलों पर किये गये कार्य के बारे बताया गया। वहीं गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की ओर से मेले में आये किसानों को मिलेट फसलों के महत्व के बारे में बताया गया। उत्तराखण्ड औद्योनिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय की ओर से भी मिलेट्स की खेती पर किसानों को जानकारी दी गई।
महोत्सव के दूसरे दिन दोपहर 2 बजे के बाद दूसरे सत्र उद्यमिता सत्र “मिलेट निवेश का बेहतर विकल्प” का आयोजन किया गया। इसमें प्रमुख स्टार्टअप, मिलेट उद्योग के प्रतिनिधि और इन्डीयन इन्स्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेन्ट (IIM) की ओर से प्रेजेंटेशन कर किसानों को मिलेट्स उद्योग के बारे में जाकारी दी गई।
चार दिवसीय श्री अन्न महोत्सव के तीसरे और चौथे दिन यानी 15 और 16 मई 2023 को भोजन उत्सव और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महोत्सव का समापन समारोह 16 मई को हुआ।
समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेद्र सिंह तोमर पहुंचे। कृषि मंत्री तोमर ने श्री अन्न प्रदर्शनी का अवलोकन किया और किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि श्री अन्न से छोटे किसानों को लाभ और देश की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।
उत्तराखंड ‘श्री अन्न’ महोत्सव 2023 में किसानों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। उत्सव के चारों दिन किसानों की बड़ी संख्या में भीड़ देखने को मिली। उत्तराखंड ने वर्ष 2021-22 में 2.0 लाख मीट्रिक टन मिलेट्स का उत्पादन किया है। इसमें सबसे ज़्यादा मंडुआ (रागी) 126916 मीट्रिक टन जो कुल उत्पादन का 63.51 प्रतिशत है। दूसरे नम्बर पर झंगोरा 65429 मीट्रिक टन और चौलाई 7491 मीट्रिक टन का है।
उत्तराखंड में शीर्ष श्री अन्न उत्पादक ज़िलों में पहला ज़िला अल्मोड़ा है जहां पर 50946 मीट्रिक टन उत्पादन होता है। उसके बाद टिहरी ज़िला 33792 मीट्रिक टन उत्पादन के साथ दूसरे नम्बर पर है।
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