पश्चिम बंगाल के कूचबिहार ज़िले का मधुपुर गांव कई तरह की समस्याओं से जूझ रहा था। नदियों के मार्ग बदलने की वजह से क्षेत्र में खेती बुरी तरह से प्रभावित थी। इस बीच गाँव के दो किसानों ने बंजर हो चुकी ज़मीन को फिर से हरा-भरा करने का ज़िम्मा उठाया। परेश चंद्र सरकार और सोना अली मियां, दोनों ने निर्णय लिया कि वो सामूहिक रूप से बंजर हो चुकी ज़मीन को फिर से उपजाऊ बनाएंगे, ताकि गाँव अपनी उपज बढ़ाने में सक्षम हो और किसान परिवार एक सभ्य जीवन जी सकें।
किसानों को अपने साथ जोड़ा
दोनों जानते थे कि मिट्टी में सुधार होने के बाद, ज़मीन जूट और अन्य खरीफ फसलों जैसे भांग और धान की खेती के लिए उपयुक्त होगी। पर दोनों को ये अच्छे से पता था कि इसके लिए लोगों के सहयोग और कड़ी मेहनत की ज़रूरत होगी।
अली और परेश, दोनों अपने मिशन में लग गए। सबसे पहले दोनों ने 30 किसानों का एक समूह बनाया। फिर उन्होंने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVI) के तहत सहायता के लिए कृषि विभाग से संपर्क किया। ग्राम पंचायत के सदस्यों ने भी उनका भरपूर साथ दिया।
तीन चरणों में सुलझाई समस्या
अलग-अलग चरणों में योजनाएं तैयार की गईं। पहले चरण में बैंबू पाइलिंग, बैरियर बंडिंग और मिट्टी के कटाव को रोकने पर ध्यान केंद्रित किया गया। दूसरे चरण में मिट्टी संरक्षण और भूमि सुधार के अन्य पहलुओं पर काम किया गया। आखिरी और तीसरे चरण में फसल का उत्पादन बढ़ाने, मिट्टी की नमी बनाए रखने और विभिन्न तकनीकों द्वारा पानी के संरक्षण की विधियों पर काम किया गया।
उत्पादन में 200 प्रतिशत तक की बढ़त
सामूहिक तौर पर किए गए इस कार्य के परिणाम शानदार रहे। उत्पादकता में बढ़ी उछाल दर्ज हुई। जूट की उत्पादकता 0.8 से 1.3 टन प्रति हेक्टेयर पहुंच गई। खरीफ धान का 1 से 2.22 टन प्रति हेक्टेयर और सर्दियों की सब्जियों का 5 से 12 टन प्रति हेक्टेयर का उत्पादन दर्ज हुआ। यानी खरीफ फसलों में लगभग 200 प्रतिशत और रबी फसलों में 250 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
इससे मधुपुर गांव के किसानों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ। आज की तारीख में जब अली और परेश उन संघर्ष के दिनों और उपलब्धियों को याद करते हैं तो उनके चेहरे पर मुस्कान खिल उठती है।
ये भी पढ़ें: बिहार की इस महिला ने गोबर की खाद के इस्तेमाल से बंजर भूमि को बना दिया उपजाऊ
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
ये भी पढ़ें:
- बिहार के धीरेन्द्र कुमार ने मखाने की खेती से पाई सफलता, जानिए उनकी कहानीधीरेन्द्र कुमार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में मखाने की खेती अपनाकर कृषि में नवाचार किया और स्थानीय किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने।
- संरक्षित खेती के क्षेत्र में एक नई पहल करने वाले हेमंत धाकड़ की कहानीहेमंत धाकड़ ने मध्य प्रदेश के खाचरोद गांव में संरक्षित खेती अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत की और स्थानीय किसानों के लिए प्रेरणा बने।
- प्रगतिशील किसान गुरप्रीत सिंह शेरगिल बने खेती और खाद्य प्रसंस्करण में नवाचार की मिसालगुरप्रीत सिंह शेरगिल ने खाद्य प्रसंस्करण में नवाचार कर ‘शेरगिल फार्म फ्रेश’ ब्रांड शुरू किया, जो किसानों को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा देता है।
- दिव्यांग किसान गेनाभाई दरघाभाई पटेल ने अनार की खेती में तकनीक और नवाचार अपनायागेनाभाई दरघाभाई पटेल ने अनार की खेती में तकनीक अपनाकर न केवल अपनी पहचान बनाई बल्कि अपने समुदाय की आर्थिक स्थिति भी मजबूत की।
- कैसे सुरेंद्र अवाना ने खड़ा किया डेयरी फार्मिंग का आधुनिक मॉडल? योजनाओं का लिया लाभराजस्थान के सुरेंद्र अवाना ने डेयरी फार्मिंग का आधुनिक मॉडल अपनाकर देसी गौवंश की महत्ता बढ़ाई और किसानों को प्रेरित किया।
- लेमन मैन आनंद मिश्रा ने कृषि में नई तकनीक अपनाकर नींबू की बागवानी में बनाई नई पहचानआनंद मिश्रा ने कृषि में नई तकनीक अपनाकर नींबू की बागवानी में सफलता हासिल की। उनकी प्रेरणादायक कहानी किसानों को बागवानी के जरिए आत्मनिर्भर बनने की राह दिखाती है।
- फूलों की खेती में संरक्षित खेती के जरिए नई ऊंचाइयां छूते, राजाराम विट्ठल चौधरी की प्रेरणादायक कहानीराजाराम विट्ठल चौधरी ने संरक्षित खेती और नई तकनीकों से फूलों की खेती में सफलता हासिल की। उनकी मेहनत और नवाचार ने छोटे किसानों को भी उन्नत कृषि की दिशा दिखाई।
- नवाचार के जरिए जैविक खेती से सफलता की ओर बढ़ते किसान, जितेंद्र कुमार सिंह की प्रेरणादायक यात्राजितेंद्र कुमार सिंह ने जैविक खेती और नई तकनीकों से कृषि में नवाचार किया, जिससे उत्पादन में वृद्धि हुई और अन्य किसानों को उन्नत कृषि की प्रेरणा मिली।
- जानिए कैसे शहद उत्पादन में पंजाब के नरपिंदर सिंह ने क्रीमी शहद का मार्केट खड़ा कियापंजाब के नरपिंदर सिंह ने नवाचारी सोच से क्रीमी शहद को नया आयाम दिया, शहद उत्पादन बढ़ाया और उपभोक्ताओं में विश्वास जगाया।
- कृष्ण कुमार यादव ने जैविक खाद के जरिए नई तकनीक से खेती को दी नई दिशागुरुग्राम के पाटौदी गांव के कृषक कृष्ण कुमार यादव ने जैविक खाद और वर्मीकम्पोस्ट से आय बढ़ाई, पर्यावरण संग खेती को नई दिशा दी।
- जैविक खेती कर रहे हैं महाराष्ट्र के किसान नितिन चंद्रकांत गायकवाड, जानिए उनकी सफलता की कहानीमहाराष्ट्र के नितिन चंद्रकांत गायकवाड द्वारा अपनाई गई जैविक खेती, जो किसानों को रासायनिक खेती छोड़कर प्राकृतिक तरीकों से खेती करने की प्रेरणा देती है।
- कृषि में नई तकनीक से क्रांति ला रहे हैं किसान प्रीतम सिंह, जानिए उनकी कहानीप्रीतम सिंह, हरियाणा के पानीपत जिले के निवासी, ने कृषि में नई तकनीक अपनाकर अपनी खेती की उत्पादकता बढ़ाई और पर्यावरण संरक्षण में योगदान दिया।
- जैविक खेती में अग्रणी किसान जयकरण का सफर और खेती में किए गए बदलावहरियाणा के जयकरण जैविक खेती के क्षेत्र में एक प्रमुख नाम हैं, जो यूट्यूब चैनल के जरिए किसानों को जैविक खेती की तकनीकों से प्रेरित कर रहे हैं।
- कृषि में आधुनिक तकनीक से मनेन्द्र सिंह तेवतिया ने उन्नति की राह बनाईमनेन्द्र सिंह तेवतिया ने कृषि में आधुनिक तकनीक अपनाकर पारंपरिक तरीकों से बेहतर उत्पादन प्राप्त किया, जिससे उन्होंने खेती में नई दिशा और सफलता हासिल की।
- Global Soils Conference 2024: ग्लोबल सॉयल्स कॉन्फ्रेंस 2024 का आगाज़ मृदा सुरक्षा संरक्षण पर होगा मंथनGlobal Soils Conference 2024 नई दिल्ली में आयोजित हुआ, जो 19 से 22 दिसंबर तक चलेगा, जहां मृदा प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन और पारिस्थितिकी तंत्र पर चर्चा होगी।
- जल संरक्षण के साथ अनार की खेती कर संतोष देवी ने कायम की मिसाल, योजनाओं का लिया लाभसंतोष देवी ने जल संरक्षण के साथ अनार की खेती के तहत ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से 80% पानी की बचत करते हुए उत्पादन लागत को 30% तक कम किया।
- रोहित चौहान की कहानी: युवाओं के बीच डेयरी व्यवसाय का भविष्यरोहित चौहान का डेयरी फ़ार्म युवाओं के बीच डेयरी व्यवसाय को प्रोत्साहित कर रहा है। रोहित ने कुछ गायों और भैंसों से छोटे स्तर पर डेयरी फ़ार्मिंग की शुरुआत की थी।
- जैविक खेती के जरिए संजीव कुमार ने सफलता की नई राह बनाई, जानिए उनकी कहानीसंजीव कुमार की कहानी, संघर्ष और समर्पण का प्रतीक है। जैविक खेती के जरिए उन्होंने न केवल पारंपरिक तरीकों को छोड़ा, बल्कि एक नई दिशा की शुरुआत की।
- जैविक तरीके से रंगीन चावलों की खेती में किसान विजय गिरी की महारत, उपलब्ध कराते हैं बीजबिहार के विजय गिरी अपने क्षेत्र में जैविक खेती के प्रचार-प्रसार में लगे हैं। वो 6-10 एकड़ भूमि पर धान, मैजिक चावल, रंगीन चावलों की खेती करते हैं।
- रोहन सिंह पटेल ने वर्मीकम्पोस्टिंग व्यवसाय शुरू किया, क्या रहा शुरुआती निवेश और चुनौतियां?रोहन सिंह पटेल ने दो साल पहले वर्मीकम्पोस्टिंग व्यवसाय का काम शुरू किया, जिसमें उन्होंने जैविक खाद बनाने की तकनीक को अपनाया।