भारत में आज से कुछ समय पहले छोटे छोटे गांव कस्बे होते थे। जहां गांव के सदस्यों द्वारा ही एक ऐसे व्यक्ति का चुनाव किया जाता था जो, उनके गांव का मुखिया या सरपंच कहलाता था। प्राचीन काल से ही भारतवर्ष के समाजिक, राजनीतिक और आर्थिक जीवन में पंचायत का महत्वपूर्ण स्थान रहा है।
सार्वजनिक जीवन का प्रत्येक पहलू इसी के द्वारा संचालित होता था। लेकिन क्या आप जानते है कि सही मायनों में पंचायत के क्या कार्य होते हैं। आज हम आपको बताते है पंचायत के कार्य
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- घरों में इस्तेमाल किए जाने वाले पानी ही व्यवस्था करना। इसके अलावा गांव के पशुओं के लिए भी पीने के पानी का इंतजाम करना।
- पशु पालन व्यवशाय को बढ़ावा देना,डेरी की व्यवस्था करना, साथ में दुधारू पशुओं के लिए उनके अच्छे खाद्य पदार्थों का इंतजाम करना व पशुओं को बीमारी से बचाव के उपाय करना व फैलने वाली बीमारी से बचाना ।
- गांव की रोड को पक्का कराना, साथ ही पानी के ड्रेनेज की व्यवस्था कराना। खेतों में सिचाई के साधन की व्यवस्था करने में ग्रामीणों की मदद करना।
- गरीब बच्चों के लिए फ्री एजुकेशन और ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था करना। जवान बच्चों के लिए हायर एजुकेशन व जॉब ओरिएंटेड प्रोग्राम की व्यवस्था व समय पर उनको अपडेट कराने की व्यवस्था।
- गाँव में मेले, दंगल, कबड्डी, बाजार और पब्लिक मार्किट में व्यवस्था बनाये रखना और जहाँ जरुरी ही पार्किंग और स्टैंड की व्यवस्था करना।
- एग्रीकल्चर डेवलपमेंट प्रोग्राम में हिस्सा लेना व ग्रामीणों को कृषि से सम्बंधित डेवलपमेंट्स के बारे में बताना और कृषि को बढ़ावा देने वाले प्रयोगों को इस्तेमाल करने के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित करना।
- बच्चों के लिए खेल के मैदान का इंतजाम करना व खेल कूद से सम्बंधित सामान की व्यवस्था करना! साथ में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिता कराकर बच्चों में खेल और पढाई की भावना को प्रोत्साहित करना।
- गाँव में आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देना व देसी विदेशी का फर्क बताकर ग्रामीणों को देसी वस्तुओं का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना।
- गाँव में पब्लिक लाइब्रेरी की स्थापना करना, प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देना और जरुरी हो तो ऊँचे लेवल के स्कूल की स्थापना के लिए जरुरी कार्यवाही करना।
- ग्रामीण रोड्स व पब्लिक प्लेसेस पर पर पेड़ लगाना व उनका रख रखाव करना! ग्रामीणों में वृक्षारोपण की भावना को बढ़ावा देना। साथ ही गाँव में फारेस्ट स्कीम इंट्रोडूस करना व गाँव में आमदनी वाले पेड़ पोधे लगाने के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित करना।
- चौकीदार के साथ मिलकर जनम मृत्यु विवाह आदि का रिकॉर्ड रखना और एडमिनिस्ट्रेशन को इन्फॉर्म व अपडेट करना और दाह संस्कार एवम् कब्रिस्तान बनवाना।
- स्वछता अभियान को आगे बढ़ाना, गाँव में पब्लिक टॉयलेट और लैट्रिन बनवाना साथ में घरेलु लैट्रिन बनाने के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित करना ।
- गाँव के पब्लिक प्लेसेस जैसे की विलेज चौपाल, गली व सामाजिक स्थानों पर लाइट्स का इंतजाम करना और गाँव के टैक्सेज जैसे की चूल्हे टैक्स वगेरा की कलेक्शन करना।
- सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन में सहयोग कर, लोगों को जागरूक करे व सबका साथ सबका विकाश करते हुए गाँव और देश को आगे ले जाने में मदद करें ।
- गाँव में पब्लिक बिल्डिंग्स, घास वाली जमीन, जंगल, पंचायती जमीन, गाँव के कुओं, गाँव के टैंक और पथवेज़ को बनाना, उनको रिपेयर करना।
- गाँव की भलाई के लिए सरकार से ग्रांट और गरीबों के मदद के रास्ते तलाशना और गाँव में स्वच्छता बनाये रखना व ग्रामीणों की सेहत और स्वास्थ्य के लिए जरुरी इंतजाम करना।
- गर्ल चिल्ड्रन को बचाने व बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्कीम को आगे बढ़ाना। गाँव में भाई चारे का माहौल बनाना, झगड़ों को सुलझाना व दोस्ताना माहौल पैदा करना।
- ग्रामीणों को दुर्व्यशन जैसे की शराब की बुरी लत, ड्रग्स का इस्तेमाल करने आदि से दूर रहने की सलाह देना और जरुरी हो तो इन सब बातों को बढ़ावा देने वाले लोगों के विरुद्ध कार्यवाही करना।
- आंगनवाड़ी केंद्र को सुचारू रूप से चलाने में मदद करना और गरीबों के लिए प्लाट काटना। गाँव में किसी भी अनहोनी की सूरत में मिल बैठकर सबके दुःख को बाटना व समस्या का समाधान करना।
- मनोरंजन, सोशल वेलफेयर स्कीम, बचत भावना, इन्शुरन्स, कृषि ऋण, मुआवजा, राशन कार्ड, वोटर कार्ड, पेन कार्ड, पासपोर्ट, पब्लिक/ गवर्नमेंट स्कीम, स्वछता अभियान, कन्या बीमा योजना आदि के बारे में जानकारी रखना, उनके जरुरी फॉर्म रखना व इन सभी कार्यों के लिए जितना जरुरी हो मदद करना।