क्या आपने तोदरी का नाम सुना है, क्या आप तोदरी के बारे में जानते हैं, क्या आप तोदरी का इस्तेमाल करना जानते हैं। अगर नहीं तो आज हम आपको तोदरी जो कि एक औषधि है उसके बारे में बताने जा रहे हैं।
क्या है तोदरी
सबसे पहले तो ये जान लीजिए तोदरी सफेद, लाल और पीले रंग तीन प्रकार की होती है। पीले बीज वाली तोदरी सबसे ज्यादा लाभकारी होती है। ये 30 सेमी ऊँचा, छोटे आकार का कांटे वाला एक पौधा है। इसके पत्ते लंबे तथा संकीर्ण होते हैं। इसके बीज मसूर के दाने की तरह लेकिन बहुत छोटे और चपटे होते हैं। इसकी फलियां बहुत छोटी होती हैं। इसके अंकुर अप्रैल से अगस्त तक फूटते हैं।
क्या हैं तोदरी के फायदे और कैसे करें इसका इस्तेमाल
दस्त पेचिस में फायदेमंद
खराब दिनचर्चा और बेटाइम खान-पान या किसी संक्रमण की वजह से दस्त या पेचिस की परेशानी है तो तोदरी के पञ्चाङ्ग का काढ़ा बनाकर पीने से फायदा मिलता है। लेकिन 10-20 मिली मात्रा का ही सेवन करें।
पेशाब में खून की समस्या में लाभकारी
कई बार देखा जाता है कुछ लोगों को पेशाब में खून आता है। अगर सी समस्या आपको है तो तोदरी पञ्चाङ्ग का काढ़ा बनाकर पीना चाहिए। 10-20 मिली मात्रा में इसका इस्तेमाल करने पर आपको फायदा होगा। साथ ही पेशाब करते वक्त दर्द या जलन की दिक्कत भी दूर होगी।
ब्रेस्ट का आकार बढ़ाने में भी असरदार
शरीर के विकास के लिए तोदरी लाभकारी है। ब्रेस्ट का आकार बढ़ाने के लिए 2-3 ग्राम तोदरी चूरन में बराबर मात्रा में शतावरी चूरन और मिश्री मिलाकर दूध के साथ लेने से स्तनों का आकार बढ़ जाता है।
गठिया के दर्द से देता है राहत
तोदरी का औषधि है। इसका इस्तेमाल गठिया का दर्द दूर करने में किया जाता है। तोदरी पञ्चाङ्ग को पीसकर लगाएं। इससे गठिया का दर्द दूर हो जाएगा। तोदरी के फूलों को जैतून या फिर तिल के तेल में पका लें। इसके बाद तेल को छानकर उससे मालिश करें।
कैसे करें तोदरी का इस्तेमाल
ऊपर हमने आपको कुछ बीमारियों के बारे में बताया है। अगर इनमें से कोई भी दिक्कत आपको है और आप डॉक्टर के पास नहीं जाना चाहते तो आप तोदरी का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन हम आपको यही सलाह देंगे कि अगर आप इसका इस्तेमाल कर रहे हैं तो एक बार आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह जरुर ले लें। डॉक्टर से पूछकर ही 3-6 ग्राम तोदरी का सेवन करें।
कहां और कैसे उगाते हैं तोदरी
तोदरी जितना लाभकारी और गुणकारी है, उतनी दूर इसकी पहुंच है। बता दें कि तोदरी विश्व में दक्षिण यूरोप से साईबेरिया तक और ईरान में होता है। भारत में तोदरी हिमालय और पंजाब में पाया जाता है।