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हाइड्रोपोनिक खेती के उपकरण: हाइड्रोपोनिक खेती एक ऐसा तरीक़ा है जिसमें पौधे बिना मिट्टी के सिर्फ़ पानी के ज़रिए उगाए जाते हैं। इसमें केवल पानी के ज़रिए ही सभी ज़रूरी खनिज और उर्वरक पौधों को मिलते हैं। किसान लंबे वक्त से इस तकनीक का इस्तेमाल करते आ रहे हैं। लेकिन आज के मॉर्डन टाइम में अब ये और भी आसान हो गया है क्योंकि अब हमारे पास नए और बेहतर टूल्स (equipment) हैं। हाइड्रोपोनिक खेती के उपकरण (Equipments For Hydroponic Farming) बहुत ज़रूरी हैं। क्योंकि यही इस खेती को सफ़ल बनाते हैं। चाहे आप नए किसान हों या पुराने, सही टूल चुनना बेहद ज़रूरी है।
हाइड्रोपोनिक खेती में सही उपकरण क्यों ज़रूरी? (Essential Equipments For Hydroponic Farming)
हाइड्रोपोनिक खेती में सही उपकरण जरूरी हैं क्योंकि ये पौधों को सटीक पोषक तत्व, पीएच और ईसी स्तर, जल और वायु संचलन, प्रकाश व्यवस्था, और तापमान नियंत्रण को सुनिश्चित करते हैं। हम आपको यहां बताएंगे कि इन कारकों के लिए कौनसे टूल हैं और कैसे काम करते हैं और हर एक टूल क्यों अहम है। इसके साथ ही ये कैसे पुरानी खेती से बेहतर हैं। इससे आप अपनी खेती शुरू कर सकते हैं या फिर उसे और अच्छा बना सकते हैं, इसके बारे में पूरी जानकारी आपको देंगे। चलिए फिर हाइड्रोपोनिक खेती के उपकरण के बारे में जानते हैं-
हाइड्रोपोनिक खेती में स्टैंड (Stand For Hydroponic Farming)
एल्युमिनियम स्टैंड: हाइड्रोपोनिक खेती में सबसे अधिक उपयोग होने वाला स्टैंड एल्युमिनियम का होता है। ये हल्का, मजबूत और जंग-रोधी होता है, जिससे इसकी लंबी उम्र होती है।
स्टील स्टैंड: स्टील स्टैंड भी मजबूत और टिकाऊ होते हैं, लेकिन इन्हें जंग-रोधी बनाने के लिए गैल्वनाइज्ड या पाउडर-कोटेड किया जाता है।
पीवीसी (PVC): पीवीसी पाइप का उपयोग करके भी स्टैंड बनाए जाते हैं। ये हल्के और आसानी से उपलब्ध होते हैं। पीवीसी स्टैंड बनाने के लिए पाइपों को काटकर जोड़ने के लिए फिटिंग्स का उपयोग किया जाता है।
ग्रो ट्रे और कंटेनर (Grow Tray And Container)
ग्रो ट्रे: हाइड्रोपोनिक सिस्टम में पौधों को उगाने के लिए ग्रो ट्रे का उपयोग किया जाता है। ये ट्रे कई तरह के आकारों और प्रकारों में उपलब्ध होते हैं और पौधों की जड़ों को स्थिरता देते हैं।
कंटेनर: ग्रो ट्रे के अलावा, पौधों को उगाने के लिए विभिन्न प्रकार के कंटेनरों का उपयोग किया जा सकता है, जैसे कि नेट पॉट, बकेट और बैग। इन कंटेनरों में पौधों की जड़ों को विशेष माध्यम, जैसे कि कोकोपीट, पेर्लाइट या वर्मीकुलाइट में रखा जाता है।
हाइड्रोपोनिक खेती में रोशनी के लिए उपकरण (Lighting Equipment For Hydroponic Farming)
ज़्यादातर हाइड्रोपोनिक सिस्टम को घर के अंदर, सावधानी से कंट्रोल माहौल में उगाया जाता है। इसमें रोशनी का ख़ास ख़्याल रखना पड़ता है। ग्रीनहाउस वाले हाइड्रोपोनिक सिस्टम में पौधों को कुछ कुदरती रोशनी मिल सकती है। मगर अक्सर आर्टिफिशियल रोशनी की मदद लेनी पड़ती है। हाइड्रोपोनिक खेती के लिए बेहतरीन आर्टिफिशियल रोशनी में ठंडी सफेद फ्लोरोसेंट बल्ब और प्लांट ग्रो लाइट्स का मेल होता है। ये लाल और नीली रोशनी पौधों के लिए सही होते हैं। इस तरह की खेती के लिए ज़रूरी सामान में रिफ्लेक्टर, लाइट्स और क्लाइमेट कंट्रोल वगैरह टूल भी शामिल हैं।
पानी पहुंचाने के लिए पंप (Pump For Supplying Water)
पौधों की जड़ों तक पोषक तत्वों को पानी के ज़रीये पहुंचाने के लिए पंप का इस्तेमाल किया जाता है। बड़े पैमाने पर हाइड्रोपोनिक खेती या मिट्टी के बिना की जाने वाली व्यापक खेती में मोटर या पंप लगाना ज़रूरी हो जाता है। आजकल ऐसे सिस्टम भी मौजूद हैं जो टाइमर या कंप्यूटर से चलते हैं। ये अपने आप काम करते हैं, जिससे मेहनत और टाइम समय दोनों की बचत होती है।
इस तरह के ऑटोमेटिक सिस्टम से न सिर्फ़ काम आसान हो जाता है, बल्कि पौधों को सही वक्त पर सही मात्रा में पोषण मिलना भी सुनिश्चित हो जाता है। ये तकनीक किसानों को ज़्यादा कुशल और प्रभावी ढंग से खेती करने में मदद करती है।
इलेक्ट्रॉनिक मीटर (Electronic Meter)
हाइड्रोपोनिक खेती में पौधों की सेहत और उनक डेवलपमेंट के लिए तीन चीजें बहुत अहम हैं – पोषक घोल की चालकता (conductivity of nutrient solution) पीएच और तापमान। इन्हें नापने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मीटर का इस्तेमाल किया जाता है। ये डिवाइस बिल्कुल सटीक जानकारी देते हैं। पीएच को मापने के लिए अलग किट भी मिलती हैं। यहां तक कि फ़ार्मेसी से भी पीएच टेस्ट स्ट्रिप्स भी खरीद सकते हैं। अगर आपका हाइड्रोपोनिक सिस्टम छोटा है, तो ब्लूलैब पेन या हाथ में पकड़कर इस्तेमाल किए जाने वाले मीटर बहुत काम के हैं। इनसे घोल की सही-सही जांच हो जाती है।
हवा के लिए टूल (Equipment For Air)
हाइड्रोपोनिक खेती में पंखे और फिल्टर सिस्टम लगाकर हवा का प्रबंध किया जाता है। चाहे आप विक्स टेक्निक, वाटर कल्चर, ड्रिप, एनएफटी या ईब और फ्लो किसी भी तरह की हाइड्रोपोनिक सिस्टम अपना रहे हों, इन सभी में हवा का ये इंतजाम ज़रूरी है।
टेंपरेचर कंट्रोल टूल (Temperature Control Equipment)
ज़्यादातर पौधों को अच्छी तरह से बढ़ने के लिए गर्म वातावरण चाहिए होता है। अपने रूम का टेंपरेचर आसानी से बदल सकने की व्यवस्था रखें। क्योंकि बाहर का मौसम बदलता रहता है, इसलिए अंदर के तापमान को कंट्रोल करना ज़रूरी है। सही तापमान का चुनाव इस बात पर निर्भर करता है कि आप कौन सा पौधा उगा रहे हैं। हालांकि, कई पौधों को 70°F के आसपास का तापमान पसंद आता है। ध्यान रहे, दिन-रात तापमान में बहुत ज़्यादा उतार-चढ़ाव न हो।
इससे पौधों को झटका लग सकता है और उनकी बढ़वार प्रभावित हो सकती है। इस तरह से टेंपरेचर कंट्रोल करके आप अपने पौधों को बेहतर माहौल दे सकते हैं, जिससे उनकी पैदावार और गुणवत्ता में सुधार होगा।
हाइड्रोपोनिक खेती के उपकरण (Equipments For Hydroponic Farming) पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
सवाल 1: हाइड्रोपोनिक खेती क्या होती है?
जवाब: हाइड्रोपोनिक खेती एक ऐसा तरीक़ा है जिसमें पौधे बिना मिट्टी के उगाए जाते हैं। इसमें पौधों की जड़ें पोषक तत्वों वाले पानी में लटकाई जाती हैं। इस तरीके के कई फायदे हैं:
– पौधे तेजी से बढ़ते हैं
– ज़्यादा फ़सल मिलती है
– कम जगह लगती है
– पानी की बचत होती है
– इसमें खाद या कीटनाशक नहीं डालने पड़ते, इसलिए ये पर्यावरण के लिए अच्छा है।
सवाल 2: हाइड्रोपोनिक्स तरीक़ा क्यों अपनाना चाहिए?
जवाब: इस तरीके से उगाए गए फल और सब्जियां ज़्यादा स्वादिष्ट होते हैं। इनमें कोई हानिकारक रसायन नहीं होते, इसलिए ये सेहत के लिए अच्छे होते हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि इस तरीके से आप छोटी जगह में भी ढेर सारे फल और सब्जियां उगा सकते हैं। और ये करना बहुत मुश्किल भी नहीं होता।
सवाल 3: हाइड्रोपोनिक्स तरीके से कौन से पौधे अच्छे उगते हैं?
जवाब: इस तरीके से ज़्यादातर छोटे पौधे अच्छे उगते हैं। जैसे: गाजर, शलजम, मूली, शिमला मिर्च, मटर, स्ट्रॉबेरी, ब्लैकबेरी, ब्लूबेरी, तरबूज़, खरबूज़ा, अनानास, अजवाइन, तुलसी, टमाटर, भिंडी जैसी सब्जियां और फल आसानी से उगाए जा सकते हैं।
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।