कृषि उपकरणों पर 50 फ़ीसदी सब्सिडी (50% Subsidy on Agricultural Equipment): भारत की आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि क्षेत्र पर निर्भर है। इसमें छोटे और सीमांत किसानों की संख्या सबसे ज़्यादा है। ऐसे में खेती-बाड़ी को इन किसानों के लिए सुगम कैसे बनाया जाए इस दिशा में सरकार कई योजनाएं लाती रही है।
ऐसी ही एक योजना का जिक्र हम इस लेख में करने जा रहे हैं, जिसका नाम कृषि मशीनीकरण पर उप मिशन (SMAM) योजना है। इस योजना के तहत किसान खेती के उपकरणों को सब्सिडी पर खरीद सकते हैं। अगर आप भी इस योजना के अन्तर्गत आवेदन करना चाहते हैं, तो इस लेख में हम आपको इससे जुड़ी हर जानकारी विस्तार से दे रहे हैं।
मशीनों से खेती-किसानी करने में आसानी होती है, लेकिन छोटे किसानों के पास इन मशीनों को खरीदने की आर्थिक क्षमता नहीं होती। छोटे किसानों की इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए दुर्गम इलाकों तक कृषि मशीनीकरण की पहुंच बढ़ाने के उद्देश्य से 2014-15 में कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन SMAM शुरू किया गया।
किस उपकरण पर कितनी मिलती है सब्सिडी
कृषि मशीनीकरण पर उप मिशन (SMAM) योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा खेती के अलग-अलग आधुनिक उपकरणों को खरीदने के लिए 25 प्रतिशत से 50 फीसदी तक की सब्सिडी दी जाती है। इस योजना के अन्तर्गत किसानों को ट्रैक्टर, पॉवर टिलर, राइस ट्रांसप्लांटर, रीपर-कम-बाइंडर, पोस्ट होल डिगर, बोने की मशीन, फ्रूट प्लकर, ट्री प्रूनर्स, फल हार्वेस्टर, फल ग्रेडर, ट्रैक ट्रॉली, नर्सरी मीडिया फिलिंग मशीन, बहुउद्देशीय हाइड्रोलिक प्रणाली, प्रूनिंग, बडिंग, ग्रेटिंग, बिजली संचालित बागवानी उपकरण, भूमि विकास, जुताई और बीज क्यारी तैयार करने की मशीन, बुवाई, रोपण, कटाई और खुदाई के उपकरण और भी कई उपकरणों पर सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाती है।
ट्रैक्टर की खरीद पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी
कृषि मशीनीकरण पर उप मिशन (SMAM) योजना के तहत किसानों को ट्रैक्टर की खरीद पर 30 से 35 फ़ीसदी तक सब्सिडी दी जाती है। 08 से 20 PTO HP वाले ट्रैक्टर पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, छोटे और सीमांत किसानों, महिलाओं और पूर्वोत्तर राज्यों के लाभार्थियों के लिए अधिकतम एक लाख रुपये की राशि के साथ 35 फ़ीसदी तक अनुदान की राशि दी जाती है। वहीं अन्य किसानों के लिए अधिकतम 75 हज़ार रुपये की राशि के साथ 25 फीसदी तक सब्सिडी का प्रावधान है।
उधर 20 से 70 PTO HP वाले ट्रैक्टर पर भी सरकार एक लाख से 25 हज़ार रुपये की अधिकतम राशि पर 35 फीसदी तक सब्सिडी दे रही है। अन्य किसानों को इस ट्रैक्टर की खरीद पर एक लाख की अधिकतम राशि के साथ 25 फ़ीसदी की सब्सिडी दी जाती है।
कई अन्य आधुनिक उपकरणों पर भी सब्सिडी
पॉवर टिलर मशीन की खरीद पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, छोटे और सीमांत किसानों, महिलाओं और पूर्वोत्तर राज्यों के लाभार्थियों को कुल कीमत की 50 फीसदी सब्सिडी दी जाती है। 8BHP से कम वाले पावर टीलर पर 50 हज़ार और 8BHP से अधिक वाले पर 75 हज़ार रुपये की सब्सिडी मिलती हैं। वहीं अन्य किसानों को 40 फ़ीसदी सब्सिडी पर 8BHP से कम वाले पॉवर टिलर पर अधिकतम 40 हज़ार और 8BHP से ज़्यादा वाले पर 60 हज़ार रुपये की सब्सिडी राशि दी जाती है।
ऐसे ही राइस ट्रांसप्लांटर की खरीद पर एससी, एसटी और आर्थिक रूप से कमजोर किसानों के लिए 50 फ़ीसदी तक की सब्सिडी रखी गई है। इन वर्ग के किसानों को 94 हज़ार से लेकर 2 लाख रुपये तक की अधिकतम सब्सिडी मिलेगी। वहीं अन्य किसानों को 75 हज़ार से 2 लाख की अधिकतम राशि पर 40 फीसदी तक सब्सिडी मिल सकेगी। ऐसे ही कृषि के कई अन्य उपकरणों पर सरकार की तरफ से सब्सिडी देने का प्रावधान है। सब्सिडी पर मिल रहे इन उपकरणों की पूरी सूची आप इस लिंक rkvy.nic.in पर देख सकते हैं।
कौन ले सकते हैं इस योजना का लाभ
देश के सभी किसान इस योजना का लाभ ले सकते हैं। आवेदन की प्रक्रिया के दौरान आवेदक का आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, कृषि भूमि से जुड़ी जानकारी, बैंक की पासबुक, पासपोर्ट साइज फोटो, मोबाइल नंबर, आईडी प्रूफ की कॉपी(आधार कार्ड/चालक लाइसेंस/वोटर आईडी कार्ड/पैन कार्ड/पासपोर्ट), अगर आवेदक अनुसूचित जाति, जनजाति से है तो जाति प्रमाण पत्र के दस्तावेज लगेंगे।
इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को किसी भी नजदीकी सीएससी सेंटर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। योजना से संबंधित और जानकारी लेने के लिए राज्य के नोडल आधिकारियों से agrimachinery.nic.in पर जाकर संपर्क कर सकते हैं। इसमें संपर्क नंबर से लेकर उनका मेल आईडी मिल जाएगा।