जहां पहले पारंपरिक खेती में ज़्यादा श्रम लगता था, तो वहीं आज ट्रैक्टर (Tractor) के इस्तेमाल ने खेती-बाड़ी के कार्यों को आसान बना दिया है। आज ट्रैक्टर पर कृषि का हर छोटा बड़ा कार्य निर्भर है। ज़मीन जोतने से लेकर खेतों में बीज डालने, पौधे लगाने, फसल लगाने और फसल काटने सहित कई काम ट्रैक्टर आसानी से कर देता है। पंजाब के रहने वाले प्रगतिशील किसान जसकरण सिंह पारंपरिक फसलों के बजाय उन्नत तकनीक से स्ट्रॉबेरी की खेती करते हैं। कैसे ट्रैक्टर ने खेती के कामों को आसान बनाया है? ट्रैक्टर खरीदने को लेकर उनके क्या टिप्स हैं, इस पर किसान ऑफ़ इंडिया ने उनसे विशेष बातचीत की।
महिंद्रा अर्जुन ULTRA 1 605 DI का करते हैं इस्तेमाल (Mahindra Tractor Review)
पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब ज़िले के कौणी गाँव के रहने वाले जसकरण सिंह के पास महिंद्रा अर्जुन ULTRA 1 605 DI का ट्रैक्टर है। जसकरण सिंह कहते हैं कि एक अच्छे ट्रैक्टर का होना बहुत ज़रूरी है। आज की तारीख में ट्रैक्टर के बिना उन्नत खेती मुमकिन ही नहीं है। अच्छे कृषि उपकरण होंगे तो अच्छी खेती भी होगी।
वो बताते हैं कि उनके पास जो ट्रैक्टर है, वो 57 एचपी का है। ये ट्रैक्टर हर बड़े से बड़ा और छोटे से छोटा काम आसानी से कर सकता है। जसकरण सिंह 5 एकड़ में स्ट्रॉबेरी की खेती करते हैं। इसके अलावा, 3 एकड़ में कई तरह की सब्जियों, बिना बीज वाले खीरे और खरबूजे की भी खेती करते हैं।
गहराई तक होती है पलटाई
जसकरण सिंह कहते हैं कि स्ट्रॉबेरी की खेती में ज़रूरी है कि सबसे पहले मिट्टी की अच्छे से पलटाई हो। इस ट्रैक्टर की मदद से ज़मीन की गहराई तक पलटाई होती है। स्ट्रॉबेरी के बेड बनाने में भी ये ट्रैक्टर उपयोगी होता है। वो ट्रैक्टर की मदद से डेढ़ फ़ीट तक ऊंचा बेड तैयार करते हैं।
ट्रैक्टर पराली की समस्या से दिलाता है निज़ात
जसकरण सिंह कहते हैं कि ये ट्रैक्टर पराली की समस्या से भी निज़ात दिलाने में कारगर है। उन्होंने कहा कि धान के बाद गेहूं की बुवाई की जाती है। किसानों को गेहूं की बुवाई से पहले धान के अवशेषों को मजबूरन जलाना पड़ता है। उन अवशेषों को जलाने के बजाय किसान उसका खाद के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। ट्रैक्टर की मदद से पराली को मिट्टी में मिलाकर उसे नीचे दबा देने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति तो बढ़ती ही है, साथ ही प्रदूषण की गंभीर समस्या भी दूर होती है। ट्रैक्टर में सुपर सीडर को अटैच करके पराली को मिट्टी में दबाकर खेत को अगली फसल के लिए तैयार किया जाता है।
बेजोड़ है ट्रैक्टर की भार उठाने की क्षमता
जसकरण सिंह ने बताया कि महिंद्रा अर्जुन ULTRA 1 605 DI के साथ कई तरह के कृषि उपकरण भी अटैच कर सकते हैं। उनके पास सुपर सीडर,प्लाऊ, डिस्क, रोटावेटर, कल्टीवेटर, बेड प्लांटर जैसे कई कृषि यंत्र हैं। वो इन कृषि यंत्रों को ट्रैक्टर पर लगाकर आसानी से खेती के कार्यों को करते हैं। इसके अलावा, उपज की ढुलाई के कार्य को भी इस ट्रैक्टर की मदद से आसानी से किया जा सकता है। गेहूं और धान की फसल से भरी भारी-भरकम ट्रॉलियों को चुटकियों में ये ट्रैक्टर खेत से बाहर निकाल देता है।
क्या हैं और ख़ासियतें?
जसकरण सिंह कहते हैं कि इस ट्रैक्टर को ऑपरेट करना भी आसान है। ये ट्रैक्टर कार की तरह ही चलता है। उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर सही न हो तो किसानों को रीढ़ से संबंधित बीमारियों से दो-चार होना पड़ता है। इस ट्रैक्टर में कंपन जैसी कोई दिक्कत नहीं आती। ऐसा लगता है मानो कार ही चला रहे हैं। जसकरण सिंह ने बताया कि छोटे ट्रैक्टर में समस्या आती है कि ऑपरेट करने वाले पर मिट्टी उड़कर आती है। इससे सांस से जुड़ी बीमारियों का खतरा रहता है। महिंद्रा अर्जुन ULTRA 1 605 DI ट्रैक्टर की ज़मीन से ऊंचाई काफ़ी है। इस वजह से ऐसी कोई दिक्कत का उन्हें सामना नहीं करना पड़ता। इसकी सीट जंप नहीं लेती। भारी से भारी मिट्टी में आराम से चलता है। इसकी लाइफ स्पैन भी अच्छी है। उन्होंने ये ट्रैक्टर 10 साल पहले खरीदा था। आज तक उन्हें कोई दिक्कत नहीं आई।
ट्रैक्टर खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान
जसकरण सिंह कहते हैं कि अपने बजट के हिसाब से ट्रैक्टर का चुनाव करें। ट्रैक्टर खरीदने से पहले उसकी सारी जानकारी जुटाएं। ये ज़रूर देखें कि उसकी भार उठाने की क्षमता कितनी है। साथ ही ट्रैक्टर की लंबी उम्र उसमें लगे टायरों पर निर्भर करती है। जितनी अच्छी क्वालिटी के टायर होंगे, उतना ही ट्रैक्टर लंबा चलेगा। इसलिए ट्रैक्टर खरीदने के साथ ही उनमें लगे टायरों पर भी विशेष ध्यान दें। ईंधन खपत क्षमता कितनी है, इसके बारे में पता करें। अगर ट्रैक्टर खरीदने की सोच रहे हैं तो जिन किसानों के पास ट्रैक्टर है, उनसे संपर्क करके जानकारी ले सकते हैं। क्वालिटी के साथ समझौता न करें।
इस ट्रैक्टर के बारे में अधिक जानकारी जानने के लिए आप इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं- महिंद्रा अर्जुन ULTRA 1 605 DI ।
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।