खेती में आने वाली लागत को कम कर किसानों को लाभ पहुंचाने की दिशा में देश में इस साल काफ़ी काम हुआ है। साल 2021 ट्रैक्टर में नई तकनीकों का साल रहा। ट्रैक्टर में कंपनियों द्वारा नई तकनीकों को लाने की प्रतिद्वंद्विता लगी हुई है। आज हम आपको बताएंगे 2021 में ट्रैक्टर में किन-किन तकनीकों ने किसानों की लागत को कम करने का काम किया है।
देश का पहला सीएनजी ट्रैक्टर हुआ था लॉन्च (India’s First CNG Tractor Launched)
सरकार की एक पहल के तहत भारत का पहला सीएनजी इंजन फिटेड ट्रैक्टर बनाया गया। 12 फरवरी 2021 को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री (Union Road Transport Minister) नितिन गडकरी ने इसको लॉन्च किया था। उन्होंने कहा था कि किसानों को हर साल डीज़ल ट्रैक्टर पर औसतन 3.5 लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं। सीएनजी ट्रैक्टर में 55 प्रतिशत लागत कम आएगी। इससे किसानों को आत्मनिर्भर (self-reliant) बनाने में मदद मिलेगी।
ट्रैक्टर में रावमेट टेक्नो सॉल्यूशन्स (Romet Techno Solutions) और टोमेसेटो अचीले इंडिया (Tomaseto Acile India) द्वारा किए जाने वाले इस तकनीकी परिवर्तन से किसानों को सीधा फ़ायदा मिल रहा है। एक सीधा फ़ायदा प्रकृति को भी है क्योंकि इससे प्रदूषण कम होता है। सीएनजी एक स्वच्छ ईंधन है जिससे कार्बन और अन्य दूसरे प्रदूषित कण बहुत कम उत्सर्जित होते हैं।
नई तकनीक से डीज़ल से सीएनजी में कन्वर्ट किए गए ट्रैक्टर की लाइफ पारंपरिक ट्रैक्टरों से भी अधिक होने का अनुमान बताया जा रहा है। डीज़ल की तुलना में सीएनजी ट्रैक्टरों की माइलेज भी काफी अधिक बताई गई है। यहीं नहीं पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें प्रतिदिन ऊपर-नीचे होती हैं जबकि तुलनात्मक रुप से सीएनजी के दामों में उतार-चढ़ाव काफ़ी कम देखने को मिलता है, ऐसे में किसानों को कम खर्च करना पड़ेगा।
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एडवांस फ़ीचर्स वाला पहला भारतीय ऑटोमैटिक हाइब्रिड ट्रैक्टर (Automatic Hybrid Tractor) हुआ था लॉन्च
6 मई 2021 को नोएडा स्थित कम्पनी Proxecto Engineering Services ने पूरी तरह से ऑटोमैटिक हाइब्रिड ट्रैक्टर के तीन मॉडल लॉन्च किये थे। कंपनी ने अपने ब्रैन्ड को HAV यानी hybrid agricultural vehicle का नाम दिया था। इस ऑटोमैटिक हाइब्रिड ट्रैक्टर में किसी बैटरी पैक का इस्तेमाल नहीं किया गया है। कंपनी के मुताबिक, HAV ट्रैक्टर्स में दो दर्जन से ज़्यादा ऐसे एडवांस फीचर्स और टेक्नोलॉजी मौजूद हैं जो इस सेगमेंट में पहली बार मिलेंगे। इसकी 90 प्रतिशत तकनीक स्वदेशी है।
इसके बेस मॉडल HAV S1 के दो वैरिएंट हैं। 50HP (हॉर्स पॉवर) का दाम 9.49 लाख रुपये है तो 45HP की कीमत 8.49 लाख रुपये रखी गयी है। टॉप वेरिएंट S1+ की कीमत 11.99 लाख रुपये है। दाम के लिहाज़ से HAV ट्रैक्टर्स ख़ासे महँगे हैं, क्योंकि इसी हॉर्स पावर क्षमता वाले अन्य लोकप्रिय ब्रॉन्डों की कीमत पाँच से सात लाख रुपये के बीच है। लेकिन कंपनी का दावा है कि हाइब्रिड तकनीक की वजह से HAV ट्रैक्टर्स को चलाने में लागत सामान्य ट्रैक्टरों की तुलना में करीब आधी बैठेगी।
चौधरी चरण सिंह हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (CCSHAU) ई-ट्रैक्टर पर रिसर्च करने वाला देश का पहला कृषि विश्वविद्यालय बना
17 अक्टूबर 2021 को हिसार के चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (CCSHAU) ने ई-ट्रैक्टर तकनीक को लॉन्च किया था। डीज़ल की दिन-ब-दिन बढ़ती कीमतों और प्रदूषण के बढ़ते स्तर को ध्यान में रखते हुए CCSHAU ने ये ई-ट्रैक्टर बनाया है।
अन्य ट्रैक्टरों की तुलना में इस ई-ट्रैक्टर में घूमने वाले पुर्जो की संख्या बेहद कम है। संख्या कम होने की वजह से ट्रैक्टर में घर्षण नहीं होता। आम ट्रैक्टर में ये संख्या 300 तक होती है, जबकि इस ई-ट्रैक्टर में करीबन 30 है। इससे रखरखाव और रिपेयर का खर्चा बचता है। अन्य ट्रैक्टरों की तुलना में इस ट्रैक्टर में कंपन कम होगा, जिस वजह से किसानों को स्वास्थ्य से जुड़ी भी परेशानी नहीं होगी।
16.2 किलोवाट की लिथियम आयन बैटरी से चलने वाला ये ई-ट्रैक्टर डीज़ल ट्रैक्टर की तुलना में किसानों को सस्ता पड़ेगा। ये ई-ट्रैक्टर 23.17 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चल सकता है। ट्रेक्टर में शानदार 77% का ड्राबार पुल है, इसका मतलब है कि ट्रैक्टर 770 किलो खींचने में सक्षम है। प्रोटोटाइप मॉडल होने के कारण बैटरी से चलने वाले इस ट्रैक्टर की कीमत लगभग 6.5 लाख रुपये है वहीं आमतौर पर डीज़ल से चलने वाले ट्रैक्टर की कीमत 4.50 लाख रुपये रहती है। अगले साल 2022 में जनवरी से मार्च तक इसकी बाज़ार में आने की उम्मीद है।
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देश में पहला फील्ड रेडी इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर ‘टाइगर’ बाज़ार में हुआ उपलब्ध
सोनालिका ट्रैक्टरस (Sonalika Tractors) ने 23 दिसंबर 2020 को देश में पहला फील्ड रेडी इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर (Electric Tractor) ‘टाइगर’ लॉन्च किया था। ये इस साल बाज़ार में उपलब्ध हुआ था। सोनालिका टाइगर की एक्स शोरूम कीमत 5.99 लाख रुपये है। ट्रैक्टर का निर्माण भले ही भारत में हुआ हो लेकिन इसे मार्डन टेक्नोलॉजी के साथ यूरोप में डिजाइन किया गया है। कंपनी ने इलेक्ट्रिक टैक्ट्रर को बिना आवाज और बेहतर ड्राइविंग रेंज के मकसद से बाजार में उतारा है।
टाइगर इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर में अत्याधुनिक IP67 कंप्लायंट 25.5 kW नेचुरल कूलिंग कॉम्पैक्ट बैटरी है। कंपनी का दावा है कि इस ट्रैक्टर की रनिंग कॉस्ट डीजल ट्रैक्टर के मुकाबले एक चौथाई है। ये ट्रैक्टर दो टन ट्रॉली के साथ काम करते समय 24.93 किमी प्रति घंटे की टॉप स्पीड और 8 घंटे का बैटरी बैकअप देता है। यह चलाने में रेगुलर ट्रैक्टर की तरह ही है।
अन्य कंपनियों ने की ट्रैक्टर में नई तकनीकें लॉन्च
- 13 अक्टूबर 2021 को महिंद्रा एंड महिंद्रा (Mahindra & Mahindra) ने अपने युवो टेक+ (Yuvo Tech+) रेंज के ट्रैक्टरों को भारत में लॉन्च किया था। इनमें महिंद्रा युवो टेक+ 275, महिंद्रा युवो टेक+ 405 और महिंद्रा युवो टेक+ 415 शामिल हैं। इनकी परफॉर्मेंस की बात करें तो इनमें पावर के लिए नया mZIP 3-सिलिंडर इंजन दिया गया है, जिसमें क्यूबिक कैपिसिटी तकनीक मिलती है। इन ट्रेक्टरों में 37 bhp से 42 bhp की मैक्सिमम पावर मिलती है। इसमें 12 फॉरवर्ड और 3 रिवर्स ट्रांसमिशन तकनीक दी गई है। यह भूमि और बीज बिस्तर (Seed Bed) की तैयारी के समय एक समान गहराई प्रदान करता है। इसमें अलग-अलग मिट्टी की स्थिति के तहत तीन स्पीड रेंज ऑप्शन मिलते हैं। इन ट्रेक्टरों पर 6 साल की वारंटी दी गई है।
- 23 सितंबर 2021 को जॉन डीयर (John Deere) ने पावर एंड टेक्नोलॉजी 3.0 (Power & Technology 3.0) से लैस Trem-IV/बीएस-4 सीरीज में चार ट्रैक्टर को भारत में वर्चुअली लॉन्च किया था। इनमें जॉन डियर 5405 गियर प्रो, जॉन डियर 5305, जॉन डियर 5310 गियर प्रो, जॉन डियर 5075ई ट्रैक्टर शामिल हैं। ये ट्रैक्टर बीएस-4 इंजन और अन्य उन्नत मशीनरी से बने हैं जो पर्यावरण के लिए अनुकूल है। इन ट्रेक्टरों में 55hp से 75hp की मैक्सिमम पावर मिलती है। जॉन डियर 5405 की परफॉर्मेंस की बात करें तो इसमें टर्बोचार्ज्ड पावरटेक इंजन (Turbocharged Powertech Engine) एचपीसीआर (हाई प्रेशर कॉमन रेल) इलेक्ट्रोनिक इंजेक्टर तकनीक मिलती है। कंपनी का दावा है कि इससे ईंधन के कुशलतापूर्वक उपयोग और वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इसमें एडवांस मल्टी डिस्क वेट क्लच (multi-disk wet clutch) मौजूद है जिससे ट्रैक्टर को चलाते समय कम थकान होती है। इन ट्रैक्टरों में मल्टीपल सेंसर्स ऑपरेटर सिस्टम मौजूद है जो डैशबोर्ड पर इंजन की कैसी हालत है उसकी जानकारी प्रदान करता है।
2022 में भी ट्रैक्टर में ऐसी ही नई तकनीकों के आने की उम्मीद है, जो खेती में आने वाली लागत को कम कर किसानों को लाभ पहुंचाने की दिशा में काम करेंगी। इसी नयेपन की सोच, नई उम्मीदों के साथ किसान ऑफ इंडिया आपको आगे भी अपने digital अड्डा के माध्यम से जानकारी देता रहेगा।
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