केन्द्र सरकार द्वारा पारित किए गए नए कृषि कानूनों के विरोध में केरल विधानसभा में आज एक प्रस्ताव पारित किया गया। इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया। सदन में मौजूद भाजपा के एकमात्र विधायक ओ. राजगोपाल ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया। हालांकि उन्होंने कहा कि उन्होंने कानूनों में संशोधन की बात कही थी ना कि विरोध किया था।
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मीडिया से बात करते हुए राजगोपाल ने कहा कि मैंने प्रस्ताव का समर्थन किया है, लेकिन इसमें कुछ हिस्सों का विरोध भी किया है। मैंने विधानसभा में आम सहमति का पालन किया है और ऐसा मैंने लोकतांत्रिक भावना के तहत किया है। लेकिन मुझे इन कानूनों की व्याख्या पर कुछ आपत्ति है।
राज्य विधानसभा में कांग्रेस के उपनेता के.सी. जोसेफ ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए राज्य सरकार पर निशाना साधा। जोसेफ ने कहा कि हमने स्ताव में प्रधानमंत्री का नाम शामिल करने पर भी जोर दिया, जो राज्य सरकार ने नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि विजयन सरकार ‘प्रधानमंत्री पर निशाना साधने की इच्छुक नहीं दिखी’।
प्रस्ताव रखते हुए केरल के मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के आंदोलन को जारी रहने से दक्षिणी राज्य में संकट पैदा होगा। नए कृषि कानूनों को विशेष रूप से प्रमुख कॉरपोरेट्स को लाभान्वित करने के लिए तैयार किया गया है। इससे भारत में खाद्य क्षेत्र में एक अभूतपूर्व संकट पैदा होगा। केंद्र को देश हित में नए कृषि कानूनों को निरस्त करना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी से पीछे हट रही है।