मध्यप्रदेश सरकार अब किसानों को बताएगी कि उन्हें किस किस्म की धानी की बोनी करनी है। इसके आधार पर समर्थन मूल्य होने वाली धान की खरीदी का लाभ किसानों को मिल पाएगा। राज्य षासन ने इसके लिए सभी जिलों के कलेक्टर को पत्र लिखा है। इसमें कलेक्टर से जिले में बोई जाने वाली धान की किस्म की रिपोर्ट मांगी है। राज्य शासन ने निर्देश दिए हैं कि किसानों को ऐसी धान की बुआई कराई जाए, तो टूटती नहीं है। इससे संभावना लगाई जा रही है कि सरकार ज्यादा टूटने वाली धान की खरीदी पर अगले साल रोक लगा सकती है।
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आखिर क्यों निकाला सरकार ने ऐसा आदेश
मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली धान की कई किस्मों के चावल ज्यादा टूटते हैं और यह बदरंग भी होते हैं। इसकी वजह से यह केन्द्र सरकार द्वारा तय किए गए एफएक्यू पर फिट नहीं बैठते। मध्यप्रदेश चावल उद्योग महासंघ के व्यापारियों ने भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इस संबंध में मांग की थी। अब राज्य सरकार ने तय किया है कि जिला स्तर पर मिलर्स, कृषि, सहकारिता, खाद्य, भारतीय खाद्य निगम और उपार्जन एजेंसी के अधिकारियों के साथ बैठक कर जानकारी ली जाए कि जिले में उपार्जित धान की कौन सी किस्त केन्द्र की गाइडलाइन पर फिट बैठता है।
धान की उन्नत किस्म को किसानों तक पहुंचाएगी
राज्य सरकार धान की उन्नत किस्मों को किसानों तक पहुंचाएगी। किसानों को बताया जाएगा कि कौन-कौन सी धान की फसल को किसान बो सकते हैं।