मध्यप्रदेश के लोग अपने खेतों और निजी भूमि पर लगाए गए नए वृक्षों को बिना अनुमति काट सकेंगे। साथ ही अपनी जमीन पर सभी प्रजाति के वृक्ष लगा सकेंगे। वृक्षों से प्राप्त काष्ठ के परिवहन के लिए कुछ मामलों को छोड़कर टी.पी. से छूट दी जाएगी। इस तरह के प्रावधान प्रस्तावित वृक्षारोपण प्रोत्साहन अधिनियम 2020 में किए गए हैं।
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अभी पेड़ काटने की अनुमति लेने के लिए 07 कानून है, जिनके चलते पेड़ काटने की अनुमति में किसानों आदि को बहुत दिक्कत आती है। पेड़ काटने की अनुमति तहसीलदार द्वारा वन विभाग की अनुशंसा पर दी जाती है ,वहीं इमारती लकड़ी की टी.पी. वन विभाग द्वारा दी जाती है।
नए अधिनियम से किसानों द्वारा अपने खेतों पर काष्ठ उत्पादन के लिए पेड़ लगाने, पेड़ काटने व परिवहन की सुविधा देने से किसानों को लाभ हेागा तथा स्वरोजगार में वृद्धि होगी। काष्ठ उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। काष्ठ उत्पादन बढ़ने से वनों पर काष्ठ चोरी का दबाव भी कम होगा।
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प्रस्तावित वृक्षारोपण अधिनियम 2020 महत्वपूर्ण प्रावधान
- निजी भूमियों पर वृक्षारोपण हेतु सभी प्रजातियों के रोपण की खुली छूट।
- उगाए गए वृक्षों को किसी भी उम्र में, बगैर किसी अनुमति के काट सकेगा।
- अपने खेत/गांव में खुद का टाल स्थापित कर सकेगा जहां से काष्ठ की बिक्री इत्यादि कर सकेगा।
- खेत से टाल तक इमारती काष्ठ के परिवहन पर छूट दी गयी है।
- टाल में इमारती काष्ठ की प्रसंस्करण इकाई स्थापित कर सकने की सशर्त सुविधा।
- विनिर्दिष्ट वनोपज को भी काटने व टाल तक लाने की छूट।
- विनिर्दिष्ट वनोपज की शासकीय ई-पोर्टल के माध्यम से खेत अथवा टाल से ही बिक्री करने व स्वयं बोली स्वीकार करने तथा सीधे भुगतान लेने की छूट।
- वृक्षों से प्राप्त काष्ठ के परिवहन हेतु कुछ मामलों को छोड़कर टी.पी. से छूट।
- सभी प्रकार के परिवहन अनुज्ञा पत्र कृषकों को इलेक्ट्रोनिक तरीके से प्राप्त होंगे।