प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के तहत राज्य सरकार किसानों के लिए एक अच्छी खबर लेकर आई है। इस योजना के द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को उनकी जमीन का प्रमाण पत्र देगी और साथ ही अब किसानों के लिए कर्ज लेना या जमीन से जुड़ा कोई भी कार्य करना आसान हो जाएगा।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बुलाई गई कैबिनेट मीटिंग में उत्तर प्रदेश आबादी सर्वेक्षण और अभिलेख संक्रिया विनियमावली 2020 को मंजूरी दी गई है। इस बैठक की अध्यक्षता प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर रहे थे।
क्या है पीएम स्वामित्व योजना?
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू की गई इस स्वामित्व योजना के अंतर्गत आने वाले सभी ग्रामों के काम ऑनलाइन माध्यम से किए जाएंगे और इस वजह से भूमाफिया और फर्जीवाड़ा और जमीन हथियाने जैसी सभी समस्याएं पूर्ण रूप से खत्म हो जाएंगी और इसके साथ ही गांव के लोग अपनी संपत्ति का पूरा ब्यौरा भी ऑनलाइन देख सकेंगे।
किसानों तक कैसे पहुंचेगा लाभ?
- इस योजना के तहत जमीन के सारे काम ऑनलाइन किए जाएंगे।
- जमीनी प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाएगी।
- गांवों की सभी संपत्ति की जीआईएस मैपिंग की जाएगी, जीआईएस नक्शे का उपयोग करने पर बेहतर गुणवत्ता वाली ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) तैयार करने में सहयोग मिलने के साथ-साथ संपत्ति संबंधी विवादों और सभी कानूनी मामलों में भी सहायता मिलेगी।
- पहले चरण में इस योजना के तहत 10 जिलों का चयन किया गया है जिनमें आजमगढ़, वाराणसी, अयोध्या, गोरखपुर, प्रयागराज, मीरजापुर, बस्ती, देवीपाटन, झांसी और चित्रकूट शामिल हैं।
- ग्रामीणों को उनके जमीन की सभी जानकारी प्रदान की जाएगी जिससे वो बैंकों से बिना किसी परेशानी के लोन ले सकें।
इस योजना को सबसे पहले यूपी, महाराष्ट्र, कर्नाटक हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में प्रारंभिक तौर पर प्रारंभ किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक इस योजना के तहत यूपी के लगभग 108648 गांवों की आबादी का सर्वेक्षण कर स्वामित्व संबंधी अभिलेख बांटा जाएगा।
पहले चरण (2020-21) में यूपी के कुल 54022 गांवों को शामिल किया गया है जिनमें प्रत्येक जिले के लगभग 100 गांवों को शामिल किया गया है।सारे नियम कायदों से लेकर अभिलेख तैयार करने में अधिकारियों और कर्मचारियों की अहम भूमिका होगी।