राज्य में सब्जियों की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश की योगी सरकार राज्य के 20 लाख किसानों को सब्जियों के बीज मुफ्त में देगी। सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि पूर्वांचल में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए बागवानी या सब्जियों-फलों की खेती बहुत कारगर हो सकती है।
पूर्वाचल में बागवानी के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। कहा कि इसी कारण हमारी सरकार 20 लाख किसानों को मुफ्त बीज देने जा रही है। सरकार की तरफ से यह कदम किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में उठाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अनाज जहां 6 माह में तैयार होता है, वहीं सब्जियां 2 से 3 माह में। जरूरत इस बात की है कि किसानों को ऐसी तकनीक की जानकारी दी जाए जिससे वे बागवानी से अधिकाधिक आय अर्जित कर सकें। किसानों के पिछड़ेपन का कारण यह है कि उन्हें सामयिक तकनीकी जानकारी नहीं है। कृषि क्षेत्र में विविधीकरण, मल्टी क्रॉपिंग समय की मांग है। इसमें बागवानी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
कृषि मंत्री ने कहा कि योगी सरकार कृषि क्षेत्र का विकास करने के लिए सतत प्रयास कर रही है। इंटरनेशनल राइस रिसर्च सेंटर फिलीपींस का केंद्र वाराणसी में खोला गया है, राज्य में इंटरनेशनलपोटैटो रिसर्च सेंटर का एक केंद्र खोलने का भी प्रयास जारी है। पिछले तीन साल में 300 करोड़ रुपये कृषि विज्ञान केंद्रों व अन्य कृषि संस्थाओं को दिए गए हैं। आज लगभग सभी जिलों में कृषि विज्ञान केंद्र हैं।
मौसम आधारित फसली बीमा में तमाम नए जिलों को शामिल कर महज पांच फीसदी प्रीमियम पर फसल सुरक्षा दी जा रही है। मंडी शुल्क को 2 फीसदी से एक फीसदी कर दिया गया है। पॉली हाउस के निर्माण पर 50 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध है। पर ड्रॉप मोर क्रॉप योजना के तहत स्प्रिंकलर जैसे कृषि यंत्रों पर 80 से 90 फीसदी अनुदान दिया जा रहा है। उन यंत्रों से पानी भी बचेगा और संतुलित पानी देने से फसलों का उत्पादन भी अधिक होगा।
कृषि मंत्री ने कहा कि बीज की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए वैज्ञानिकों को आगे आना होगा। इसी क्रम में आम की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि दशहरी आम यूपी की पहचान रहा है। उसकी क्वालिटी को और ठीक किया जा सकता है। अल्फांसो की टक्कर का गोरखपुर और बस्ती के गौरजीत आम की क्वालिटी को बढ़ाकर निर्यात के अवसर बढ़ाए जा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने अमरोहा और वाराणसी में 9.90- 9.90 करोड़ रुपये की लागत से मैंगो पैक हाउस का निर्माण कराया है। राज्य से 2000 क्विंटल आम का निर्यात कोरोना काल में भी हुआ है। कृषि मंत्री ने पूर्वाचल क्षेत्र के विकास में कृषि उत्पादक संगठनों की भूमिका की चर्चा करते हुए देश में कृषि संशोधन कानून को किसानों के हित में बताया।
अपर मुख्य सचिव, कृषि देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि कोरोना काल में जब सब कुछ बंद था, तब कृषि क्षेत्र चालू रहा। राज्य में लाखों की संख्या में लौटे प्रवासी अधिकतर पूर्वाचल के थे, इन्हें सरकार के मदद से कृषि क्षेत्र में काम मिला। उन्होंने ‘स्वाट एनालिसिस‘ कर कृषि क्षेत्र में नई नीति बनाए जाने पर जोर दिया। कहा कि अपनी ताकत, कमजोरी, अवसर और खतरों का आकलन कर आगे बढ़ने की जरूरत है।