Food Processing से वंदना ने बनाया सफल बिज़नेस: दिल्ली की प्रेरणादायक कहानी

दिल्ली की वंदना जी ने खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing) से पारंपरिक भारतीय स्वादों को नया रूप दिया और महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाएं।

Food Processing खाद्य प्रसंस्करण

प्रस्तावना

दिल्ली जैसे महानगर में जहां फास्ट फूड का बोलबाला है, वहीं एक महिला ने भारतीय पदार्थों को नई पहचान दिला दी। वंदना जी ने खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing) के क्षेत्र में न सिर्फ़ अपनी एक अलग राह चुनी, बल्कि कई महिलाओं के लिए रोज़गार का द्वार भी खोल दिया।

वीरवाई जलाराम एवं सहायता समूह की डायरेक्टर के रूप में वंदना जी आज गुलाब शर्बत से लेकर मिलेट्स के उत्पादों तक, पारंपरिक स्वाद को आधुनिक रूप दे रही हैं। उनके हाथों से बने आम पन्ना, पान का शर्बत और सत्तू जैसे देसी उत्पाद लोगों के दिलों में नई जगह बना रहे हैं। आइए जानते हैं कैसे उन्होंने पारंपरिक स्वादों को नया रूप देकर सफलता की नई कहानी लिखी। 

वंदना जी का परिचय (Introduction)

दिल्ली के एक स्कूल में पढ़ाने वाली वंदना जी ने अपनी शिक्षण यात्रा के साथ-साथ एक सफल व्यवसाय की शुरुआत भी की है। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें न केवल एक बेहतरीन शिक्षक बनाया, बल्कि एक बिज़नेस वुमेन बनने की ओर भी अग्रसर किया। वर्तमान में, उनके साथ 10 महिलाएं जुड़ी हुई हैं, जो उनके समूह में काम कर रही हैं। पिछले 7-8 वर्षों से वे खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing) के क्षेत्र में सक्रिय हैं और उन्होंने देखा कि कई महिलाएं घरेलू कामों से हटकर कुछ नया करना चाहती थीं।

इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए वंदना जी ने इन महिलाओं को अपने साथ जोड़ा, ताकि वे मिलकर अपने कौशल को निखार सकें और आत्मनिर्भर बन सकें। उनकी कहानी न केवल प्रेरणा देती है, बल्कि यह दिखाती है कि कैसे एक टीचर अपने ज्ञान और अनुभव को साझा करके समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।

कैसे की उन्होंने शुरुआत (How did she started business)

वंदना जी बताती हैं कि उन्होंने सबसे पहले कृषि विज्ञान केंद्र और फिर खादी ग्रामोद्योग से ट्रेनिंग प्राप्त की। धीरे-धीरे, उन्होंने अन्य महिलाओं को भी जोड़ा और उन्हें भी ट्रेनिंग दिलवाई। एक टीचर होने के साथ-साथ, पिछले 6-7 वर्षों से वे खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing) के विभिन्न उत्पादों का निर्माण और बिक्री कर रही हैं।

उनका मानना है कि समाज के लिए कुछ करने की इच्छा ने उन्हें यह काम शुरू करने की प्रेरणा दी। वंदना जी का लक्ष्य न केवल अपने लिए, बल्कि दूसरों के लिए भी कुछ बेहतर करना है, जिससे वे सभी मिलकर आगे बढ़ सकें और आत्मनिर्भर बन सकें।

किन-किन प्रोडक्टस का उत्पादन करती हैं? (Production of products)

वंदना जी के उत्पाद पूरी तरह से प्राकृतिक हैं। वे मिठाई के उत्पादों में खांड का और नमकीन में सेंधा नमक का उपयोग करती हैं। उनके प्रमुख उत्पादों में गुलाब शर्बत, पान शर्बत, जौ का शर्बत, जौ का सत्तू, चने का सत्तू, गेहूं का दलिया, करेले का अचार, आंवला चटनी, खजूर के लड्डू और विभिन्न मिलेट्स के उत्पाद शामिल हैं। 

इन सभी उत्पादों का निर्माण खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing) के उच्च मानकों के अनुसार सावधानीपूर्वक किया जाता है, ताकि वे न केवल स्वादिष्ट हों, बल्कि सेहत के लिए भी फ़ायदेमंद रहें। वंदना जी का उद्देश्य है कि लोग प्राकृतिक और स्वस्थ भोजन का आनंद लें, जिससे वे स्वस्थ रह सकें और अपनी जीवनशैली को बेहतर बना सकें।

विशेष रूप से, उनका पान शर्बत बेहद स्वादिष्ट है, जिसमें गुलकंद, इलायची, पान पत्ता सहित पान की सभी सामग्री का प्रयोग किया जाता है। यह गर्मियों में पीने के लिए बहुत अच्छा होता है। जो पान के स्वाभाविक स्वाद को बरकरार रखता है।

किसानों का सहयोग और नेटवर्किंग

वंदना जी सीधे किसानों से संपर्क कर कच्चा माल खरीदती हैं, जिससे किसानों को उचित मूल्य मिल सके। इस प्रक्रिया से न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरती है, बल्कि उन्हें उनके उत्पादों की सही क़ीमत भी मिलती है। 

एक रोचक क़िस्सा साझा करते हुए वे बताती हैं कि दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित कृषि मेले में उनकी मुलाक़ात मध्य प्रदेश के एक मेहंदी उत्पादक किसान से हुई। उनकी प्रेरणा से वंदना जी ने मेहंदी का एक छोटा व्यवसाय भी शुरू किया था। यह अनुभव उन्हें बताता है कि सही संपर्क और प्रेरणा से किस तरह नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं।

महिला सशक्तिकरण की मिसाल (An example of women empowerment)

वंदना जी की कहानी दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गई है। वे एक शारीरिक रूप से अक्षम महिला का उदाहरण देती हैं, जिसे उन्होंने क्रोशिया (बुनाई) के काम को व्यावसायिक स्तर पर ले जाने में मदद की। 

इस महिला ने अपनी मेहनत और लगन से न केवल अपने जीवन को बदला, बल्कि दूसरों के लिए भी एक मिसाल कायम की। वंदना जी का मानना है कि हर महिला में कुछ ख़ास करने की क्षमता होती है, और सही मार्गदर्शन और समर्थन से वे अपनी पहचान बना सकती हैं। उनका प्रयास है कि और भी महिलाएं आत्मनिर्भर बनें और अपने सपनों को साकार करें।

बाज़ार की चुनौतियां और गुणवत्ता (Market challenges and quality)

अपने उत्पादों में सरकारी मानकों का ध्यान रखते हुए, वंदना जी किसी भी तरह के रासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल नहीं करतीं। बाज़ार में मौजूद रासायनिक उत्पादों के बीच टिकना सच में मुश्किल है, लेकिन वे जैविक तरीकों से इन चुनौतियों का सामना कर रही हैं। खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing) में गुणवत्ता में समझौता नहीं होना चाहिए।

उनका मानना है कि गुणवत्ता में समझौता नहीं होना चाहिए। वंदना जी अपने ग्राहकों को स्वस्थ और प्राकृतिक उत्पाद देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, और इसी सोच के साथ वे अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा रही हैं। इस तरह, वे न केवल अपनी गुणवत्ता बनाए रख रही हैं, बल्कि एक स्वस्थ बाज़ार भी बना रही हैं।

महिलाओं के लिए उनका संदेश (Her message to women)

वंदना जी का मानना है कि महिलाएं नौ दुर्गा की तरह शक्तिशाली हैं। उम्र कोई भी हो—चाहे वे 18 साल की हों या 60 साल की—अगर उनमें कुछ नया करने की चाह है, तो वे खेती, खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing) या सिलाई जैसे किसी भी क्षेत्र में सफल हो सकती हैं।

उनका संदेश है कि आत्मविश्वास और मेहनत से किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है। वंदना जी सभी महिलाओं को प्रेरित करती हैं कि वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए आगे बढ़ें और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करें।

निष्कर्ष (Conclusion)

वंदना जी की कहानी हमें सिखाती है कि मेहनत, समर्पण और साहस से कोई भी सपना सच किया जा सकता है। उन्होंने न केवल अपने जीवन में बदलाव लाया, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनीं। उनका प्रयास यह दिखाता है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में सफल हो सकती हैं।

खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing) के प्रति उनकी जज़्बे और किसानों के साथ सीधा जुड़ाव उन्हें एक मजबूत बिज़नेस वुमेन बनाता है। वंदना जी का यह सफर हमें याद दिलाता है कि सही मार्गदर्शन और समर्थन से हम सब मिलकर एक सशक्त और आत्मनिर्भर समाज बना सकते हैं।

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