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आलू, प्याज़ के बाद अगर किसी सब्ज़ी की सबसे ज़्यादा मांग है तो वह है टमाटर। दाल, सब्ज़ी का ज़ायका बढ़ाने वाले टमाटर का इस्तेमाल त्वचा के निखार के लिए भी किया जाता है। टमाटर सेहत के लिए भी फ़ायदेमंद होता है, इसमें विटामिन, पोटेशियम के साथ ही कई प्रकार के मिनरल्स भी होते हैं। चूंकि, टमाटर की मांग पूरे साल बनी रहती है, इसलिए किसानों के लिए टमाटर की खेती फ़ायदे का सौदा साबित हो सकती है, मगर हाइब्रिड बीजों की अधिक कीमत खेती की लागत बढ़ा देती है। इस समस्या से निपटने के लिए झारखंड के रामगढ़ ज़िले की रहने वाली महिला किसान रीता देवी ने बीज का उत्पादन शुरू किया और इससे मुनाफ़ा होने लगा।
कौन हैं रीता देवी?
27 साल की दसवीं पास रीता देवी झारखंड के रामगढ़ ज़िले की रहने वाली हैं। वह एक हेक्टेयर ज़मीन पर खेती करती हैं। टमाटर की खेती में हाइब्रिड बीज की अधिक कीमत के कारण रीता देवी की लागत अधिक और मुनाफ़ा कम होने लगा। इसे देखते हुए उन्होंने खुद ही बीज उत्पादन शुरू कर दिया। इसके लिए उन्होंने 1.5 लाख की कीमत वाला एक नेट-हाउस बनवाया और 0.25 एकड़ ज़मीन पर नवंबर से दिसंबर के दौरान रोपाई शुरू कर दी है। महिला किसान होने के नाते यह तकनीक उनके लिए उपयुक्त थी। उन्होंने मादा पौधे को 60 सेमी x 45 सेमी और नर पौधे को 60 सेमी x 45 सेमी की दूरी पर रोपाई करके हाइब्रिड (संकर) बीज उत्पादन शुरू किया।

समर्पण से मिली सफलता
रीता देवी ने बीज उत्पादन के लिए कृषि विज्ञान केंद्र रामगढ़ से प्रशिक्षण लिया। प्रशिक्षण, ATMA अधिकारियों से मिले तकनीकी सहयोग और काम के प्रति अपने समर्पण की बदौलत ही उन्हें सफलता मिली। टमाटर के हाइब्रिड बीज के उत्पादन से उन्हें साल का 2 लाख 20 हज़ार का मुनाफ़ा होता है।
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अन्य महिला किसानों को किया प्रेरित
रीता देवी की सफलता देखकर इलाके की अन्य महिला किसान भी सब्ज़ियों के हाइब्रिड बीज उत्पादन के लिए प्रेरित हुईं। इस काम में लाभ तो है ही, लेकिन इसके लिए उच्च कौशल की भी ज़रूरत होती है। महिला किसानों के आगे आने से बीज कंपनियों को भी फ़ायदा हुआ। उन्हें ज़िला स्तर पर बीज उत्पादन के लिए कुशल श्रमिक आसानी से मिलने लगे।

टमाटर की खेती के लिए मिट्टी
हमारे देश में टमाटर की खेती मुख्य रूप से राजस्थान, कर्नाटक, बिहार, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और आंध्रप्रदेश में प्रमुख रूप से होती है। टमाटर की अच्छी फसल के लिए रेतीली दोमट, चिकनी काली कपासीय मिट्टी और लाल मिट्टी अच्छी मानी जाती है। रेतीली दोमट मिट्टी में जैविक पदार्थ भरपूर होते हैं, इसलिए यह सबसे अच्छी होती है। साथ ही जल निकासी की उचित व्यवस्था होना भी ज़रूरी है।
टमाटर की कुछ उन्नत किस्में
टमाटर की उन्नत किस्मों की बुवाई करके किसान अधिक मुनाफ़ा कमा सकते हैं। इसकी कुछ उन्नत किस्में इस प्रकार हैं: अर्का सौरभ, अर्का विकास, ए आर टी एच 3, ए आर टी एच 4, अविनाश 2, बी एस एस 90, को. 3, एच एस 101, एच एम 102, एच एस 110, सिलेक्शन 12, हिसार अनमोल (एच 24), हिसार अनमोल (एच 24, हिसार ललित (एन टी 8), कृष्णा, के एस 2, एन ए 601, नवीन, पूसा 120, पंत बहार, पूसा दिव्या, पूसा गौरव आदि।
टमाटर की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु
टमाटर की खेती के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु सबसे अच्छी मानी जाती है। बहुत अधिक बारिश से फसल खराब हो जाती है। इसके लिए सामान्य बरसात अच्छी मानी जाती है, जबकि गर्मी के मौसम में फसल लगाने पर सिंचाई की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।
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