केला उत्पादन के मामले में भारत विश्व में पहले नंबर पर है। भारत कुल उत्पादन में लगभग 25 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ केले का दुनिया का प्रमुख उत्पादक है। भारत में हर साल करीबन 2.75 करोड़ टन केले का उत्पादन होता है। केला एक महत्वपूर्ण एनर्जी बूस्टिंग फल है, जिसकी वजह से इसकी मांग बाज़ार में सालभर रहती है। दुनिया भर में इस फल की करीब तीन सौ किस्में पाई जाती हैं। इस पौधे के लगभग सभी भाग जैसे फल, पत्ते और तना का उपयोग किया जा सकता है। ऐसे में केले की खेती को लेकर किसान आकर्षित हो रहे हैं। एक ऐसे ही किसान हैं मध्य प्रदेश के रहने वाले जोगिंदर सिंह, जो केले की खेती से अच्छा मुनाफ़ा कमा रहे हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे जोगिंदर सिंह ने चुनौतियों को दरकिनार कर केले की खेती से अपने क्षेत्र में अलग पहचान बनाई।
केले की खेती ने इस किसान को दिलाई पहचान
मध्य प्रदेश के रायसेन ज़िला के किवलाझीर गांव के रहने वाले जोगिंदर सिंह को धान, टमाटर की फसल से कोई ख़ास आय नहीं होती थी। ऐसे में उन्होंने केले की खेती में हाथ आज़माने की ठानी और 15 एकड़ में केले के पौधे लगा दिए।
जोगिंदर सिंह जिस गांव किवलाझीर से ताल्लुक रखते हैं उसका इतिहास कई वीर जवानों की गाथा का बखान करता है। 1952 में नेताजी सुभाषचंद्र की बनाई आज़ाद हिंद फौज़ के वीरों को सरकार ने यहां लाकर प्रति जवान को 20 एकड़ जमीन, आजीविका के लिए मवेशी और अस्पताल समेत कई सुविधाएं देकर बसाया था। उन्हीं वीरों का खून जोगिंदर सिंह के खून में भी है, जिन्होंने टमाटर और धान की खेती से हो रहे नुकसान से हार नहीं मानी।
प्रतिकूल जलवायु में केले की खेती कर बने मिसाल
लॉकडाउन के दौरान जोगिंदर सिंह ने केले की खेती के बारे में सोचा। शुरुआत में कई लोगों ने उनसे कहा कि स्थानीय जलवायु में केले की खेती होना संभव नहीं है। इलाके के एक-दो किसानों ने केले की खेती में हाथ आजमाया था, लेकिन उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ा था। ऐसे में जोगिंदर सिंह ने केले की खेती को चुनौती की तरह लिया और इसमें सफल भी हुए। आज इसी का नतीजा है कि आस-पास के किसान उनसे प्रभावित हो केले की खेती में रुचि ले रहे हैं।
केले की खेती में किन-किन बातों का रखना होता ख्याल
किसान ऑफ़ इंडिया से खास बातचीत में जोगिंदर सिंह ने केले की खेती से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां हमारे साथ साझा की। जोगिंदर जी-9 किस्म के केले की खेती करते हैं। उन्होंने 15 एकड़ की ज़मीन पर 24 हज़ार पौधे लगाए हैं। केले की खेती में पानी का ज़्यादा इस्तेमाल होता है, ऐसे में ड्रिप इरिगेशन तकनीक से वो पौधों को पानी देते हैं। साथ ही ध्यान रखना चाहिए कि बरसात के समय खेत में जलभराव न हो। इसलिए पानी की निकासी व्यवस्था अच्छी होना ज़रूरी है। दो पौधों के बीच 5 बाय 5 की दूरी रखना ज़रूरी होता है। इसकी खेती काली और पीली मिट्टी में की जा सकती है।
10 महीने में कटाई के लिए तैयार हो जाती है फसल
केले का एक लुंगर करीबन 30 से 40 किलो तक फल देता है। बात दें कि एक पौधे में एक ही लुंगर आता है। साथ ही इसके बचे पत्ते सड़ने के बाद दूसरी केले की फसल के लिए खाद की तरह काम करते हैं। इस तरह से जैविक खाद अपने आप तैयार हो जाती है। एक बार केले की फसल लगाने के बाद दस महीने के अंदर इसकी फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है।
प्रति एकड़ तीन लाख तक का मुनाफ़ा
जोगिंदर सिंह बताते हैं कि केले की खेती में प्रति एकड़ करीबन एक लाख 25 हज़ार की लागत आ जाती है और मुनाफ़ा 3 लाख रुपये प्रति एकड़ वो कमा लेते हैं।
अगर हमारे किसान साथी खेती-किसानी से जुड़ी कोई भी खबर या अपने अनुभव हमारे साथ शेयर करना चाहते हैं तो इस नंबर 9599273766 या [email protected] ईमेल आईडी पर हमें रिकॉर्ड करके या लिखकर भेज सकते हैं। हम आपकी आवाज़ बन आपकी बात किसान ऑफ़ इंडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचाएंगे क्योंकि हमारा मानना है कि देश का किसान उन्नत तो देश उन्नत।
ये भी पढ़ें:
- कृषि में आधुनिक तकनीक से मनेन्द्र सिंह तेवतिया ने उन्नति की राह बनाईमनेन्द्र सिंह तेवतिया ने कृषि में आधुनिक तकनीक अपनाकर पारंपरिक तरीकों से बेहतर उत्पादन प्राप्त किया, जिससे उन्होंने खेती में नई दिशा और सफलता हासिल की।
- Global Soils Conference 2024: ग्लोबल सॉयल्स कॉन्फ्रेंस 2024 का आगाज़ मृदा सुरक्षा संरक्षण पर होगा मंथनGlobal Soils Conference 2024 नई दिल्ली में आयोजित हुआ, जो 19 से 22 दिसंबर तक चलेगा, जहां मृदा प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन और पारिस्थितिकी तंत्र पर चर्चा होगी।
- जल संरक्षण के साथ अनार की खेती कर संतोष देवी ने कायम की मिसाल, योजनाओं का लिया लाभसंतोष देवी ने जल संरक्षण के साथ अनार की खेती के तहत ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से 80% पानी की बचत करते हुए उत्पादन लागत को 30% तक कम किया।
- रोहित चौहान की कहानी: युवाओं के बीच डेयरी व्यवसाय का भविष्यरोहित चौहान का डेयरी फ़ार्म युवाओं के बीच डेयरी व्यवसाय को प्रोत्साहित कर रहा है। रोहित ने कुछ गायों और भैंसों से छोटे स्तर पर डेयरी फ़ार्मिंग की शुरुआत की थी।
- जैविक खेती के जरिए संजीव कुमार ने सफलता की नई राह बनाई, जानिए उनकी कहानीसंजीव कुमार की कहानी, संघर्ष और समर्पण का प्रतीक है। जैविक खेती के जरिए उन्होंने न केवल पारंपरिक तरीकों को छोड़ा, बल्कि एक नई दिशा की शुरुआत की।
- जैविक तरीके से रंगीन चावलों की खेती में किसान विजय गिरी की महारत, उपलब्ध कराते हैं बीजबिहार के विजय गिरी अपने क्षेत्र में जैविक खेती के प्रचार-प्रसार में लगे हैं। वो 6-10 एकड़ भूमि पर धान, मैजिक चावल, रंगीन चावलों की खेती करते हैं।
- रोहन सिंह पटेल ने वर्मीकम्पोस्टिंग व्यवसाय शुरू किया, क्या रहा शुरुआती निवेश और चुनौतियां?रोहन सिंह पटेल ने दो साल पहले वर्मीकम्पोस्टिंग व्यवसाय का काम शुरू किया, जिसमें उन्होंने जैविक खाद बनाने की तकनीक को अपनाया।
- नौकरी छोड़कर अपने गांव में जैविक खेती और कृषि में नई तकनीक अपनाकर, आशुतोष सिंह ने किया बड़ा बदलावआशुतोष प्रताप सिंह ने अपने गांव लौटकर कृषि में नई तकनीक और जैविक खेती अपनाकर अपनी खेती को सफल बनाया और आसपास के किसानों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनें।
- जैविक खेती के जरिए रूबी पारीक ने समाज और राष्ट्र निर्माण में किया अद्वितीय योगदानरूबी पारीक ने जैविक खेती के जरिए न केवल अपना जीवन बदला, बल्कि समाज के लिए स्वस्थ भविष्य की नींव रखी। उनकी कहानी संघर्ष और संकल्प की प्रेरणा है।
- Millets Products: बाजरे के प्रोडक्टस से शुरू की अनूप सोनी ने सफल बेकरी, पढ़ें उनकी कहानीअनूप सोनी और सुमित सोनी ने मिलेट्स प्रोडक्ट्स (Millets Products) से बेकरी व्यवसाय शुरू किया, बाजरे से हेल्दी केक बनाकर स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा दिया।
- जानिए रघुवीर नंदम का कम्युनिटी सीड बैंक कैसे उनके क्षेत्र में वन सीड रेवोल्यूशन लेकर आ रहा हैआंध्र प्रदेश के रहने वाले रघुवीर नंदम ने ‘वन सीड रेवोल्यूशन कम्युनिटी सीड बैंक’ की स्थापना की, जिसमें उन्होंने 251 देसी चावल की प्रजातियों का संरक्षण किया है।
- पोल्ट्री व्यवसाय और जैविक खेती से बनाई नई पहचान, जानिए रविंद्र माणिकराव मेटकर की कहानीरविंद्र मेटकर ने पोल्ट्री व्यवसाय और जैविक खेती से अपनी कठिनाइयों को मात दी और सफलता की नई मिसाल कायम की, जो आज कई किसानों के लिए प्रेरणा है।
- उत्तराखंड में जैविक खेती का भविष्य: रमेश मिनान की कहानी और लाभउत्तराखंड में जैविक खेती के इस किसान ने न केवल अपनी भूमि पर जैविक खेती को अपनाया है, बल्कि सैकड़ों अन्य किसानों को भी प्रेरित किया है।
- Wheat Varieties: गेहूं की ये उन्नत किस्में देंगी बंपर पैदावारगेहूं की ये किस्में (Wheat Varieties) उच्च उत्पादन, रोग प्रतिरोधक क्षमता और विभिन्न क्षेत्रों के लिए उपयुक्त हैं, किसानों के लिए लाभकारी मानी गई हैं।
- पहाड़ी इलाके में मछलीपालन कर रही हैं हेमा डंगवाल: जानें उनकी सफलता की कहानीउत्तराखंड की हेमा डंगवाल ने पहाड़ी इलाकों में मछलीपालन को एक सफल व्यवसाय में बदला, इस क्षेत्र में सफलता हासिल की और अन्य महिलाओं को भी जागरूक किया।
- किसान दीपक मौर्या ने जैविक खेती में फसल चक्र अपनाया, चुनौतियों का सामना और समाधानदीपक मौर्या जैविक खेती में फसल चक्र के आधार पर सीजनल फसलें जैसे धनिया, मेथी और विभिन्न फूलों की खेती करते हैं, ताकि वो अधिकतम उत्पादकता प्राप्त कर सकें।
- पुलिस की नौकरी छोड़ शुरू किया डेयरी फ़ार्मिंग का सफल बिज़नेस, पढ़ें जगदीप सिंह की कहानीपंजाब के फ़िरोज़पुर जिले के छोटे से गांव में रहने वाले जगदीप सिंह ने पुलिस नौकरी छोड़कर डेयरी फ़ार्मिंग में सफलता हासिल कर एक नई पहचान बनाई है।
- जानिए कैसे इंद्रसेन सिंह ने आधुनिक कृषि तकनीकों से खेती को नई दिशा दीइंद्रसेन सिंह ने आधुनिक कृषि में सुपर सीडर, ड्रोन सीडर और रोटावेटर का उपयोग करके मक्का, गन्ना, और धान की फसलें उगाई हैं।
- Food Processing से वंदना ने बनाया सफल बिज़नेस: दिल्ली की प्रेरणादायक कहानीदिल्ली की वंदना जी ने खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing) से पारंपरिक भारतीय स्वादों को नया रूप दिया और महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाएं।
- देवाराम के पास 525+ बकरियां, बकरी पालन में आधुनिक तकनीक अपनाईदेवाराम ने डेयरी फार्मिंग की शुरुआत एक छोटे स्तर से की थी, लेकिन वैज्ञानिक और आधुनिक तरीकों को अपनाने के बाद उनकी डेयरी यूनिट का विस्तार हुआ।