सम्मान 2024 : जैविक खेती के लाभ: मनोज कुमार सिंह की सफल जैविक खेती का अनुभव

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी ज़िले के हैदरगढ़ गांव के किसान मनोज कुमार सिंह ने जैविक खेती के लाभों को देखते हुए 2019 में जैविक खेती की शुरुआत की।

जैविक खेती के लाभ organic farming benefits

आज हम बात करेंगे एक ऐसे किसान की, जिसने न केवल अपनी खेती का तरीका बदला, बल्कि अपने गाँव में एक नई क्रांति की शुरुआत की। ये कहानी है उस किसान की, जिसने रासायनिक खेती छोड़कर जैविक खेती की ओर कदम बढ़ाया, और अब वह न सिर्फ अपने परिवार के लिए स्वस्थ और शुद्ध खाद्य सामग्री उगा रहे हैं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक मिसाल बन चुके हैं। किसान ऑफ इंडिया से ख़ास बातचीत की उत्तर प्रदेश में बाराबंकी के हैदरगढ़ गाँव के किसान मनोज कुमार सिंह ने।

जैविक खेती के लाभ- छोटी शुरुआत, बड़ा परिणाम:

  • स्वास्थ्यवर्धक फसलें

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के हैदरगढ़ गाँव के किसान मनोज कुमार सिंह ने 2019 में रासायनिक खेती छोड़कर जैविक खेती की शुरुआत की। उनके मौसेरे भाई ने उन्हें जैविक खेती की शुद्धता और स्वास्थ्य लाभ के बारे में बताया। जैविक खेती से उगाई गई फसलें रासायनिक अवशेषों से मुक्त होती हैं, जिसमें विटामिन, मिनरल्स, और एंटीऑक्सिडेंट्स भरपूर होते हैं। ये फसलें परिवार को स्वस्थ रखने के साथ बीमारियों से बचाती हैं।

  • मिट्टी की उर्वरता में सुधार

मनोज ने देखा कि रासायनिक खेती के कारण उनकी मिट्टी की उर्वरता घट गई थी। जैविक खेती में गोबर, कम्पोस्ट, और हरी खाद का उपयोग करके मिट्टी की उर्वरता को बहाल किया गया। धीरे-धीरे मिट्टी में सुधार हुआ, जिससे फसलें स्वस्थ और मजबूत होने लगीं। यह प्रक्रिया न केवल फसलों की गुणवत्ता में सुधार करती है, बल्कि मिट्टी की दीर्घकालिक स्थिरता भी सुनिश्चित करती है।

  • जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करना

मनोज ने जैविक खेती को अपनाकर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में योगदान दिया। जैविक खेती में रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर जैविक खाद का उपयोग किया जाता है, जो ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करता है। इसके साथ ही, यह खेती जल की बचत करती है और मिट्टी का कटाव भी रोकती है, जिससे पर्यावरण को फायदा होता है।

जैविक खेती तकनीक:

  • पारंपरिक तरीकों का उपयोग

मनोज ने जैविक खेती की शुरुआत एक एकड़ भूमि से की। उन्होंने पाया कि जैविक खेती से उगाई गई सब्जियाँ लंबे समय तक ताज़ा रहती हैं। धीरे-धीरे उन्होंने अपनी खेती का विस्तार करते हुए गन्ना, केला, अमरूद, आंवला, और अन्य फसलों को शामिल किया।

  • कॉम्पोस्ट और अन्य जैविक खाद का महत्व

मनोज अपने खेतों में जैविक खाद, कम्पोस्ट और जीवामृत का उपयोग करते हैं। इससे उनकी मिट्टी और फसलों की गुणवत्ता में सुधार हुआ। उन्होंने रासायनिक उर्वरकों को पूरी तरह से छोड़ दिया है, जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ी और खेती लागत में भी कमी आई।

जैविक खाद:

  • खाद बनाने के तरीके

मनोज गाय पालन करते हैं, जिनसे उन्हें गोबर और गोमूत्र प्राप्त होता है। वे इनसे जैविक खाद बनाते हैं, जैसे जीवामृत और घन जीवामृत। इससे उनकी खेती में रासायनिक खादों की आवश्यकता नहीं रहती और मिट्टी की गुणवत्ता भी बढ़ती है।

जैविक फसल उगाने के तरीके

  • मिट्टी की तैयारी

मनोज ने तीन साल तक अपने खेत में जैविक खाद का प्रयोग कर मिट्टी को पूरी तरह से रासायनिक अवशेषों से मुक्त किया। यह प्रक्रिया उनके खेत की मिट्टी को उर्वर और जैविक फसलों के लिए तैयार करने में मददगार साबित हुई।

जैविक खेती में कीटनाशक

  • प्राकृतिक कीटनाशकों का उपयोग

मनोज जैविक खेती में प्राकृतिक कीटनाशकों का उपयोग करते हैं। इससे उनके खेतों में हानिकारक रसायनों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता और फसलें कीटों से सुरक्षित रहती हैं।

जैविक खेती प्रमाणन:

  • प्रमाणन प्रक्रिया

मनोज कुमार सिंह के उत्पाद प्रमाणित हैं, और उनकी गुणवत्ता के कारण उनके उत्पादों की मांग बढ़ रही है। जैविक खेती के कारण उन्हें कई पुरस्कार और प्रमाण पत्र भी मिल चुके हैं।

जैविक कृषि सामग्री:

  • जैविक बीजों और पौधों का महत्व

मनोज जैविक बीजों का उपयोग करते हैं, जिससे उनकी फसलें शुद्ध और स्वास्थ्यवर्धक होती हैं। संसाधनों के उचित उपयोग के लिए वे सरकारी योजनाओं का भी लाभ उठाते हैं।

जैविक खेती और पर्यावरण:

  • जैविक खेती का पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव

जैविक खेती ने मनोज के खेतों की मिट्टी और पानी की गुणवत्ता में सुधार किया है। उन्होंने पर्यावरण के संरक्षण में योगदान देते हुए खेती की एक नई दिशा में कदम बढ़ाया है।

जैविक खेती की दिशा में भारत:

  • सरकारी योजनाएं और समर्थन

मनोज ने सरकारी योजनाओं का लाभ उठाते हुए सोलर पंप और अन्य आधुनिक उपकरणों का उपयोग किया, जिससे उनकी सिंचाई की लागत कम हो गई। उनकी सफलता ने अन्य किसानों को भी प्रेरित किया है।

निष्कर्ष:

मनोज कुमार सिंह की कहानी हमें यह सिखाती है कि जैविक खेती केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि एक आवश्यक कदम है। यह न केवल किसानों के लिए लाभकारी है, बल्कि हमारी धरती और स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। जैविक खेती अपनाने से हम सभी एक स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य की दिशा में बढ़ सकते हैं।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुंचाएंगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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