17 साल की बेटी ने दिखाई पराली को खाद बनाने की राह, कम लागत में ली ज्यादा फसल

पंजाब के एक गांव के संगरूर की 17 साल की बेटी अमनदीप कौर की कोशिश आखिरकार रंग लाई और उनके इस पहल से मोटिवेट किसानों ने पराली जलाना कम कर दिया। इससे खेतों में खाद की खपत कम, उपज में इजाफा होने लगा है।

पराली amandeep kaur converts parali into fertilizer

पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के वजह से दिल्ली की हालत काफी खराब थी, पंजाब के एक गांव के संगरूर की 17 साल की बेटी अमनदीप कौर की कोशिश आखिरकार रंग लाई और उनके इस पहल से मोटिवेट किसानों ने पराली जलाना कम कर दिया। इससे खेतों में खाद की खपत कम, उपज में इजाफा होने लगा है।

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गैस चेंबर में तब्दील होने वाला दिल्ली-एनसीआर की मुश्किलें हरियाणा-पंजाब की पराली और बढ़ा देती है।केंद्र सरकार की अडवाइजरी के बाद भी किसान पराली फूंकने से बाज नहीं आ रहे हैं. जिस वजह से दिल्ली सरकार को हेल्थ इमेरजेंसी लागू करनी पड़ी है।

17 साल की बेटी ने दिखाई पराली को खाद बनाने की राह, कम लागत में ली ज्यादा फसल

इन सब के बीच पहले की तरह एक बार फिर पंजाब सरकार और केंद्र के बीच राजनीतिक वाद-विवाद छिड़ गया है। ऐसे में पंजाब की सत्रह वर्षीय अमनदीप कौर का पहल पराली जलने वाले किसानों को नई राह दिखा रहा है।

अमनदीप कौर के पिता भी एक किसान हैं और अमनदीप के पिता के पास संगरूर में कुल बीस एकड़ जमीन है।और साथ में वो 25 एकड़ जमीन किराए पर लेकर खेती करते हैं।अमनदीप कौर जब महज साल की थीं तबसे उन्हें सांस की बीमारी रही है और धान की कटाई के बाद पराली जलाने से उन्हे सांस लेने में और ज्यादा परेशानी होने लगती थी। राहत के लिए उन्होंने अपने पिता को इस बात के लिए मनाया वह पराली नहीं जलाएंगे।

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फसल के अवशेषों के लिए अब वह बीज बोने वाली मशीन का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने बेटी के कहने पर पराली जलाना बंद कर दिया। अमनदीप बताती हैं कि वह जैसे-जैसे बड़ी होती गईं, उन्हे पराली जलाने से सेहत पर परने वाले प्रभाव की बात समझ में आने लगी थी। उन्होंने कृषि विज्ञान में ग्रैजुएशन किया है।

जब उनके पिता बीज बोने वाली मशीन का इस्तेमाल करने लगे, तब उन्होंने खुद ट्रैक्टर चलाना भी सीख लिया। अब वो खेत की जुताई करती हैं। पराली न जलाने से खेतों की उर्वरता भी बढ़ गई है। उनके खेतों में 60 से 70 पर्सेंट कम खाद का इस्तेमाल होता है।

संगरूर के सरपंच गुरतेज सिंह कहते हैं कि पिछले दो सालों से अमनदीप खेत की जुताई कर रही है। उनसे प्रेरित होकर गांव के 80 प्रतिशत किसानों ने पराली जलाना बंद कर दिया है।पराली के प्रदूषण से परेशान दिल्ली सरकार ने इस गंभीर हालात के लिए हरियाणा और पंजाब सरकार को जिम्मेदार ठहराया. पंजाब में इस वर्ष 23 सितंबर से 27 अक्टूबर के बीच धान की पराली जलाने के कुल 12,027 मामले दर्ज हो चुके हैं।

ये आकड़े पिछले साल के मुकाबले 2,427 ज्यादा है। हालांकि हरियाणा में भी पराली जलाने की घटनाओं में कमी नहीं आई है। पराली की परेशानी पर काबू पाने के लिए पंजाब सरकार ने राज्य के सभी जिलों में एक-एक आईएएस अधिकारी नोडल अफसर के रूप में तैनात किए हैं और पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माने लगाए जा रहे हैं।

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