मुसीबतें हर इंसान के जीवन में आती हैं। लेकिन कोई हार मान लेता है और कोई उनका सामना करते हुए जीवन में आगे निकल जाता है। ऐसा ही हौसला दिखाया किसान विंदर सिंह ने। संगरूर के रहने वाले किसान विंदर सिंह आर्थिक तंगी से परेशान थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और रिवायती फसलों की जगह सब्जियों की खेती करने का फैसला लिया।
शुरुआत में उन्होंने एक एकड़ जमीन पर सब्जियों की खेती करना शुरू किया था जो आज बढक़र 15 एकड़ तक फैल चुकी है। उनकी आमदनी की बात करें तो वह प्रति एकड़ 1 लाख रुपए प्रति वर्ष से अधिक तक है।
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विंदर सिंह और उनके 4 भाई मिलकर रिवायती फसलों की खेती करते थे, जिससे उनके परिवार का गुजारा बहुत मुश्किल से हो पाता था। लेकिन विंदर सिंह ने अलग करने की पहल की और एक एकड़ जमीन में मिर्च की खेती की। इससे उन्हें रिवायती फसलों के मुकाबले 40 हजार से ज्यादा आमदनी हुई।
इसके बाद सभी भाईयों का साथ मिला और उन्होंने सब्जी की खेती करने का ही फैसला लिया। विंदर सिंह की मेहनत और हौसले को देखते हुए अब दूसरे किसान भी सब्जी की पैदावार करने के लिए विंदर सिंह से जानकारी जुटाने लगे हैं।
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खरबूजा भी उगाया
विंदर सिंह लगातार 4 सालों से डेढ़ एकड़ जमीन पर खीरे और मिर्च की खेती करते आ रहे हैं, जिससे उन्हें 6 लाख रुपए तक की आमदनी हो जाती है। इसके अलावा उन्होंने एक एकड़ जमीन में खरबूजे की खेती ाी की है जिससे उन्होंने करीब 4 लाख 85 हजार रुपए तक की आमदनी की है। जबकि रिवायती फसलों से इतनी आमदनी भी नहीं हो पा रही थी जिससे परिवार का पालन-पोषण किया जा सके।
सब्जी के खरीदार आते हैं
सब्जी की हर तरह की वैरायटी होने के कारण सब्जी खरीदने के लिए व्यापारी सीधे खेतों तक पहुंचने लगे हैं। इनकी सब्जियां केवल संगरूर के आसपास के क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि पटियाला जिले के कई शहरों में भी जा रही हैं। विंदर सिंह अपने खेतों में सब्जियों के लिए ग्रीन कीटनाशक दवा का इस्तेमाल करते हैं, जो बिल्कुल जहरीली नहीं होती। यही कारण है कि व्यापारी उनकी सब्जियां तुरंत खरीद लेते हैं।
सरकार ने किया सम्मानित
2017 में पंजाब सरकार ने रिवायती फसलों और बागवानी से अच्छी पैदावार लेने वाले किसानों का विवरण मांगा था। इसके तहत पंजाब के कुल 50 किसानों के विवरण पहुंचे। जिनमें से कुल 8 किसानों को चुना गया। इनमें से एक विंदर सिंह भी थे। उनकी अग्रनीय सोच और सराहनीय काम को देखते हुए पंजाब सरकार ने वर्ष 2017 में उन्हें मुख्यमंत्री अवार्ड से सम्मानित किया गया।