Table of Contents
प्रस्तावना
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर ज़िले के बिसनपुरा गांव के निवासी रोहित चौहान ने अपनी मेहनत और दूरदृष्टि के माध्यम से युवाओं के बीच डेयरी व्यवसाय को एक नई पहचान दिलाने का सपना देखा है। 1998 में जन्मे रोहित ने डेयरी फार्मिंग की दुनिया में अपनी पहली छोटी पहल से ही इसे एक बड़े व्यवसाय में तब्दील करने की ठानी। अब वो अपनी डेयरी का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस क्षेत्र में नई तकनीकों का समावेश कर इसे और भी सफल बनाना चाहते हैं।
डेयरी फ़ार्मिंग की शुरुआत
रोहित ने बताया, “मेरे पास एक छोटी डेयरी थी जिसमें मैंने कुछ गायों और भैंसों से शुरुआत की थी। मुझे इस व्यवसाय में पहले से ही रुचि थी और धीरे-धीरे मुझे इसकी बारीकियों को समझने का अवसर मिला।” शुरुआत में रोहित को पशुपालन, उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखने और उचित आहार देने जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने हर चुनौती को एक अवसर की तरह देखा और अपने अनुभव को बढ़ाया।
रोहित ने धीरे-धीरे डेयरी के कार्यों में निपुणता हासिल की, और अब वो इस छोटे से व्यवसाय को एक बड़े डेयरी फ़ार्म में तब्दील करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने बताया, “अब मेरा सपना है कि मैं एक बड़ा डेयरी फ़ार्म शुरू करूं, जिसमें आधुनिक तकनीक और उपकरणों का इस्तेमाल हो ताकि ज़्यादा दूध उत्पादन के साथ उच्च गुणवत्ता वाले डेयरी उत्पाद बाज़ार में ला सकूं। युवाओं के बीच डेयरी व्यवसाय को लेकर मेरी यह पहल इस क्षेत्र में नई संभावनाओं को जन्म देगी।”
डेयरी फ़ार्मिंग को और आधुनिक बनाने की योजना
रोहित की योजना है कि वो अपने डेयरी फ़ार्म में उन्नत तकनीकों का उपयोग करें जैसे कि स्वचालित मिल्किंग मशीनें, चारा कटाई की मशीनें, और सटीकता के साथ पशुओं के स्वास्थ्य पर नजर रखने के लिए डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम। उनका मानना है कि युवाओं के बीच डेयरी व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के उपकरण न केवल काम की गति बढ़ाते हैं, बल्कि दूध की गुणवत्ता और पशुओं की देखभाल में भी सहायक होते हैं। रोहित बताते हैं-
“अगर हम आधुनिक तकनीकों का सही तरीके से उपयोग करें, तो न केवल हम अधिक दूध का उत्पादन कर सकते हैं, बल्कि पशुओं की देखभाल भी बेहतर हो जाती है। इससे किसानों को अधिक मुनाफा होता है और दूध की गुणवत्ता भी अच्छी रहती है।”
डेयरी व्यवसाय से जुड़ी योजनाएं
अब तक रोहित ने अपने डेयरी फ़ार्मिंग के कार्यों में कोई सरकारी सहायता नहीं ली है। हालांकि, बड़े डेयरी फ़ार्म के लिए उन्हें सरकारी योजना और अनुदानों की जरूरत महसूस हो रही है। वह पशुपालन में आवश्यक पूंजी और आधुनिक उपकरणों को जुटाने के लिए सरकार से अनुदान और सब्सिडी की उम्मीद कर रहे हैं।
सरकार के कई कार्यक्रम हैं जो डेयरी उद्योग और युवाओं के बीच डेयरी व्यवसाय को बढ़ावा देने में सहायक हैं, जैसे कि राष्ट्रीय डेयरी विकास योजना (NDDB) और डेयरी उद्यमिता विकास योजना। इन योजनाओं के तहत किसानों को उपकरण, पशुओं के चारे, और अन्य आवश्यकताओं के लिए वित्तीय सहायता मिल सकती है। रोहित कहते हैं, “यदि मुझे सरकार से सहायता मिलती है तो मैं अपने फार्म को बेहतर और बड़ा बना सकता हूं, जिससे रोजगार के नए अवसर भी सृजित हो सकते हैं।”
आधुनिक डेयरी फ़ार्म की कल्पना
रोहित एक ऐसा डेयरी फ़ार्म स्थापित करना चाहते हैं जो पर्यावरण अनुकूल हो और युवाओं के बीच डेयरी व्यवसाय को प्रेरित कर सके। वे फ़ार्म पर गोबर गैस संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रहे हैं, जिससे ऊर्जा की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके और प्रदूषण भी कम हो। इसके अलावा, वे हाइड्रोपोनिक विधि से हरे चारे का उत्पादन करना चाहते हैं, जो उच्च पोषण प्रदान करने के साथ पानी की भी बचत करता है।
उनकी योजना में स्वच्छता का विशेष ध्यान भी शामिल है। वे एक हाइजीनिक मिल्किंग सिस्टम का उपयोग करना चाहते हैं ताकि दूध को ताजगी और उच्च गुणवत्ता बनाए रखा जा सके। स्वचालित दूध प्रसंस्करण इकाइयों के माध्यम से दूध को संग्रहित और वितरित किया जाएगा, जिससे दूध की गुणवत्ता बरकरार रहती है और किसान के लिए अधिक मुनाफा कमाने का रास्ता खुलता है।
क्षेत्र के किसानों के लिए प्रेरणा
रोहित चौहान का यह कदम न केवल उनके खुद के लिए बल्कि क्षेत्र के अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणादायक है, विशेष रूप से युवाओं के बीच डेयरी व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए। उनके प्रयासों को देखकर अन्य युवा किसान भी डेयरी फ़ार्मिंग में कदम रखने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। वो कहते हैं, “मेरी कोशिश है कि मैं अपने अनुभव और ज्ञान को अन्य किसानों के साथ साझा कर सकूं, ताकि वे भी इस क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकें।”
डेयरी फ़ार्मिंग व्यवसाय का भविष्य
रोहित चौहान की यह यात्रा न केवल एक किसान की उन्नति की कहानी है, बल्कि यह दर्शाती है कि यदि सही दिशा में मेहनत की जाए और तकनीक का सही तरीके से इस्तेमाल हो, तो कोई भी किसान अपने सपनों को साकार कर सकता है। उनकी योजना और मेहनत से यह साबित होता है कि डेयरी फार्मिंग को एक लाभदायक और सम्मानजनक व्यवसाय बनाया जा सकता है। सरकार की योजनाओं और अनुदानों के सहयोग से रोहित की यह यात्रा न केवल उनकी खुद की प्रगति का साधन बनेगी, बल्कि सहारनपुर के अन्य किसानों के लिए भी एक नई राह खोलेगी।
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।