जल संरक्षण के साथ अनार की खेती कर संतोष देवी ने कायम की मिसाल, योजनाओं का लिया लाभ

संतोष देवी ने जल संरक्षण के साथ अनार की खेती के तहत ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से 80% पानी की बचत करते हुए उत्पादन लागत को 30% तक कम किया।

जल संरक्षण के साथ अनार की खेती

प्रस्तावना: जैविक तरीके से अनार की खेती (Introduction: Organic cultivation of pomegranate)

राजस्थान के सीकर जिले के बेरी गांव की रहने वाली संतोष देवी ने जैविक खेती में एक नई पहचान बनाई है। बिना रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग किए और आधुनिक तकनीकों का सहारा लेकर संतोष देवी ने न केवल अपनी फसलों की गुणवत्ता बढ़ाई, बल्कि पर्यावरण को भी संरक्षित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वे कहती हैं, “जैविक खेती करना न केवल हमारी जमीन को उपजाऊ बनाता है बल्कि हमें शुद्ध और सुरक्षित भोजन भी उपलब्ध कराता है।” साथ ही, जल संरक्षण के साथ अनार की खेती करने से उन्होंने अपनी सिंचाई समस्याओं को भी हल किया और उत्पादन में भी वृद्धि की है।

जैविक खेती में ड्रिप इरिगेशन से पानी बचत (Water-saving Drip Irrigation in Organic Farming)

संतोष देवी की यात्रा वर्ष 2008 में शुरू हुई, जब उन्होंने अपने खेत में अनार की खेती के लिए हॉर्टिकल्चर मिशन के तहत सब्सिडी प्राप्त की। इसी दौरान उन्हें समझ आया कि जैविक खेती ही भविष्य की कुंजी है। जल संरक्षण के साथ अनार की खेती के तहत उन्होंने ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से 80% पानी की बचत करते हुए उत्पादन लागत को 30% तक कम किया। संतोष बताती हैं-

“ड्रिप इरिगेशन ने मेरी पानी की समस्या को काफी हद तक सुलझाया। जल संरक्षण के साथ-साथ पौधों को पोषक तत्व भी सही मात्रा में मिलते हैं।”

मिट्टी में कार्बन स्तर और उर्वरक क्षमता में सुधार (Enhances Soil Carbon & Fertilizer Efficiency)

संतोष देवी ने जैविक खाद और प्राकृतिक उपचारों का उपयोग कर मिट्टी में कार्बन की मात्रा को बढ़ाया है, जिससे जल धारण क्षमता में भी सुधार हुआ है। जल संरक्षण के साथ अनार की खेती के तहत, इस उपाय ने खेत की मिट्टी की नमी बनाए रखने की क्षमता को बेहतर किया है, जिससे फसलों का उत्पादन भी बढ़ा है। उनके अनुसार-

“पहले खेत में सूखा जल्दी पड़ता था, लेकिन अब जैविक तरीके अपनाने से मिट्टी की नमी बनाए रखने की क्षमता बढ़ी है।” संतोष के अनुसार, यह कदम न केवल फसल के लिए बल्कि पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है।”

kisan of india instagram

जैव विविधता का संरक्षण (Conservation of Biodiversity)

संतोष देवी के खेत में अब कई प्रकार के लाभकारी कीट पाए जाते हैं, जैसे मधुमक्खियां, तितलियां और लेडीबर्ड बीटल्स। ये सभी जैविक खेती के कारण उनकी फसल में बढ़ोतरी कर रहे हैं। संतोष बताती हैं-

“रासायनिक कीटनाशक उपयोग न करने से न केवल हमारी फसल सुरक्षित है, बल्कि खेत में आने वाले प्राकृतिक परागणकर्ता भी सुरक्षित हैं। इससे जैव विविधता में इजाफा हुआ है।”

जैविक खेती क्षेत्र में पुरस्कार और सम्मान (Awards and Recognition in Organic Farming)

संतोष देवी के कार्यों को कई स्तरों पर सराहा गया है। उन्हें वर्ष 2016 में राज्य स्तर पर “बेस्ट फार्मर अवार्ड” और कृषि मेला में उपराष्ट्रपति और मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया। 2018 में उन्हें “फार्मर साइंटिस्ट अवार्ड” से नवाजा गया और 2024 में “इनोवेशन फार्मर अवार्ड” (आईसीएआर-आईएआरआई) प्राप्त हुआ। उन्होंने गर्व के साथ कहा, “हर पुरस्कार ने मुझे और आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है। इससे मुझे समझ आया कि मेरा यह प्रयास केवल मेरा नहीं, बल्कि समाज का प्रयास भी है।”

खेती में सरकारी योजनाओं का लिया फ़ायदा (Leveraged Government Schemes in Agriculture)

सरकार की कई योजनाओं ने संतोष देवी की इस यात्रा को सरल बनाने में मदद की। 2008 में हॉर्टिकल्चर मिशन के तहत अनार के पौधों पर सब्सिडी मिली और जल संरक्षण के साथ अनार की खेती के लिए ड्रिप इरिगेशन के लिए अनुदान प्राप्त हुआ। 2012 में 5 एचपी सोलर पंप पर सब्सिडी ने उनकी सिंचाई समस्या को और भी सरल बना दिया। इसके अलावा, 2020 में उन्हें मिनी स्प्रिंकलर्स पर अनुदान मिला। संतोष बताती हैं-

“सरकार की योजनाओं ने मेरी खेती को उन्नत बनाने में काफी सहायता की। इससे न केवल मेरा उत्पादन बढ़ा बल्कि पानी और बिजली की बचत भी हुई।”

खेती में किये प्रयोग (Adopts Agricultural Experiments and Innovations)

संतोष देवी का मानना है कि जैविक खेती अपनाना हर किसान के लिए संभव है, और इससे पर्यावरण को भी संरक्षित किया जा सकता है। उनका कहना है-

“हमें अपनी खेती में नए प्रयोगों से डरना नहीं चाहिए। जैविक खेती में थोड़ी मेहनत जरूर लगती है, पर इसके परिणाम लंबे समय तक लाभकारी होते हैं।”

संतोष देवी की यात्रा ये दर्शाती है कि समर्पण और सही दिशा में किए गए प्रयासों से खेती न केवल लाभकारी हो सकती है, बल्कि समाज और पर्यावरण के लिए भी लाभदायक साबित हो सकती है। 

kisan of india facebook

जैविक खेती में नवाचार और सफलता का प्रतीक (Icon of Innovation and Success in Organic Farming)

संतोष देवी की कहानी उस हर किसान के लिए प्रेरणा है जो जैविक खेती के क्षेत्र में कदम रखने का सपना देखता है। उनके द्वारा किए गए ये नवाचार न केवल उनकी खेती को सफल बना रहे हैं बल्कि आसपास के किसानों को भी जैविक खेती की ओर प्रेरित कर रहे हैं। उनकी मेहनत और सफलता के इस सफर में सरकार की योजनाओं ने भी एक अहम भूमिका निभाई है, जिससे उनका सपना और मजबूत हो सका है। 

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top