किसानों के डिज़िटल अड्डा किसान ऑफ इंडिया ने राजस्थान कृषि बजट पर खास बातचीत की। इस पर हमारे साथ जुड़े हैं राजस्थान की खेती-किसानी को देश में नई पहचान देने वाले जाने-माने नाम, तो सबसे पहले आपका परिचय उन्हीं से कराते हैं। वैसे तो आज के हमारे सभी मेहमान किसी परिचय के मोहताज़ नहीं हैं, क्योंकि अपने प्रयोगों, अपनी अलग सोच और अथक मेहनत से इन्होंने ना सिर्फ राजस्थान बल्कि देश को भी खेती-किसानी में तरक्की की नई राह दिखाई है।
हमारे साथ जुड़े हैं पद्मश्री किसान सुंडाराम वर्मा जी, जो राजस्थान के सीकर के हैं। सिर्फ एक लीटर पानी से पेड़ उगाने की तकनीक जो सुनने में किसी सपने जैसा लगता है, इन्होंने उसे सच में बदला और एक-दो नहीं, बल्कि हज़ारों पौधों को इन्होंने इस तकनीक से पेड़ों में बदला है।
एक और पद्मश्री किसान जगदीश पारीख जी जैविक खेती के क्षेत्र में अपने प्रयोग से लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। इन्होंने 11 किलो का गोभी उगाकर दुनिया को चौंका दिया था और गोभी का नया बीज भी इन्होंने विकसित किया है।
सीकर से ही जुड़े हैं मशहूर किसान कान सिंह निर्वाण जी। गौ आधारित कृषि से किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में लगातार काम कर रहे निर्वाण जी केंद्र और राजस्थान सरकारों की कृषि सलाहकार समितियों में भी शामिल हैं।
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हम स्वागत करते हैं जोधपुर ज़िले के नौसर गांव के प्रगतिशील किसान रावलचंद पंचारिया जी का, जैविक खेती के क्षेत्र में इनकी विशिष्ट पहचान है और किसान ऑफ इंडिया पर हमने आपको दिखाया भी था कि कैसे इन्होंने सफेद शकरकंद की नई किस्म ईजाद की थी।
राजस्थान के इन ख़ास मेहमानों से हम जो राज्य सरकार का पहला कृषि बजट आया है, उसके अलग-अलग पहलुओं पर बात करेंगे। हमारे साथ जुड़े हैं किसान ऑफ इंडिया के हमारे सहयोगी अर्पित दुबे और गौरव मनराल। राजस्थान के पहले कृषि बजट में सीएम अशोक गहलोत ने जैविक खेती, ब्याज मुक्त लोन देने, कम पानी की खपत वाली सिंचाई पद्धति को बढ़ावा देने और कृषि क्षेत्र में ड्रोन को प्रोत्साहन देने सहित कई अहम ऐलान किए हैं।
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।